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पुराने होमगार्ड को रोजगार नहीं तो नई भर्ती क्यों : HC

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Published : Jul 3, 2020, 9:02 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने होमगार्ड कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि जब सभी पुराने होमगार्ड को नियमित रोजगार नहीं दिया जा रहा है, तो ढाई हजार पदों पर नई भर्ती क्यों कराई जा रही है. साथ ही इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, Rajasthan High Court asks for an answer
राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस होम, होमगार्ड डीजी और आईजी होमगार्ड से पूछा है कि जब सभी पुराने होमगार्ड को नियमित रोजगार नहीं दिया जा रहा है, तो ढाई हजार पदों पर नई भर्ती क्यों कराई जा रही है. न्यायाधीश सीके सोनगरा की एकलपीठ ने यह आदेश राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रदेश में कुल 30 हजार से अधिक होमगार्ड के पद स्वीकृत हैं. इनमें से 28 हजार 400 होमगार्ड पंजीकृत है. राज्य सरकार की ओर से इनमें से सिर्फ 95 सौ होमगार्ड को ही नियमित रोजगार दिया जा रहा है. कोरोना संक्रमण में भी करीब 18 हजार होमगार्ड को ही रोजगार दिया गया है. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से ढाई हजार नए होमगार्ड के पदों पर भर्ती की जा रही है.

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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में होमगार्ड संगठन के साथ समझौता किया था कि पंजीकृत होमगार्ड में से 70 फीसदी होमगार्ड को रोजगार मिलने पर ही नई भर्ती की जाएगी. वर्तमान में मौजूदा होमगार्ड को ही रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में नई भर्ती करने का कोई औचित्य ही नहीं है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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