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विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठे कई मुद्दे...यहां पढ़ें किस विधायक ने कौनसी मांग रखी

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Published : Mar 9, 2022, 3:59 PM IST

राजस्थान विधानसभा के शून्यकाल के दौरान राज्य के विभिन्न विधायकों ने (MLAs raised many issues during Zero Hour in Rajasthan Assembly ) अपने विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे उठाए. शून्यकाल के दौरान मीणा समाज के आरक्षण के साथ ही थानों के पुनर्गठन समेत कई मुद्दे उठे.

MLAs raised many issues during Zero Hour in Rajasthan Assembly,  Zero Hour in Rajasthan Assembly
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठे कई मुद्दे.

जयपुर.राजस्थान विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल (Zero Hour in Rajasthan Assembly) के दौरान टीएसपी और सहरिया क्षेत्र में मीणा समाज के आरक्षण में किए जा रहे छेड़छाड़ का मामला उठा. साथ ही नए थानों के गठन व सामान्य शिक्षा विभाग की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा विभाग में भी मंडलों के पुनर्गठन सहित विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दे सदन में उठाए.

शून्यकाल में आमेर विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (BJP State President Satish Poonia) ने विधानसभा क्षेत्र में सरकारी महाविद्यालय खोले जाने की मांग उठाई. पूनिया ने तर्क दिया कि आमेर विधानसभा में 200 गांव और 4 विधानसभा के वार्ड आते हैं और लाखों की संख्या में आबादी भी है. इसमें अधिकतर किसानऔर निर्धन वर्ग के लोग रहते हैं. पूनिया ने कहा इस पूरे क्षेत्र में कोई भी सरकारी महाविद्यालय नहीं है. जिसके चलते लोगों को निजी महाविद्यालयों में अपने बच्चों को महंगी फीस देकर पढ़ाना पड़ता है. कई लोग निर्धनता के कारण कक्षा 12 के बाद अपने बच्चों की पढ़ाई छुड़वा देते हैं. इसलिए सरकार आमेर विधानसभा क्षेत्र में सरकारी कॉलेज खोलने का श्रम करे.

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अनिता भदेल ने संस्कृत शिक्षा विभाग कर्मचारियों की रखी मांगः सदन में भाजपा विधायक अनिता भदेल ने संस्कृत शिक्षा विभाग का सामान्य शिक्षा विभाग की तर्ज पर मंडल स्तर पर पुनर्गठन करने की मांग उठाई. भदेल ने कहा की प्रदेश में संस्कृत शिक्षा विभाग का अलग से निदेशालय है. उसी के स्तर पर इस विभाग और कर्मचारियों से जुड़े पदोन्नति ट्रांसफर सहित सभी काम होते हैं. जिससे इस विभाग से जुड़े कर्मचारियों को काफी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है. भदेल ने कहा की सामान्य शिक्षा विभाग में शिक्षक लेवल वन और टू का जिला स्तर पर और अन्य का एक मंडल स्तर तक की तबादला होता है. ठीक ऐसी ही व्यवस्था संस्कृत शिक्षा विभाग में भी होना चाहिए.

माहेश्वरी, शर्मा और रावत ने उठाई ये मांगः सदन में राजसमन्द भाजपा विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में स्वर्गीय विधायक किरण माहेश्वरी के नाम पर खोले गए सरकारी कन्या महाविद्यालय को सह महाविद्यालय बनाए जाने की मांग की. दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि ऐसा करने पर सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा और इस क्षेत्र के आसपास की 25 ग्राम पंचायतों के छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिल पाएगा.

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वहीं अलवर से आने वाले भाजपा विधायक संजय शर्मा ने अपने क्षेत्र में धीमी गति से चल रहे जल जीवन मिशन योजना पर नाराजगी जताई. इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए योजना को गति देने का आग्रह किया. शून्य काल में ही भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने अपने विधानसभा क्षेत्र ब्यावर में नए थानों के पुनर्गठन की मांग उठाई. रावत ने बढ़ते अपराधों का जिक्र करते हुए साकेत नगर पुलिस चौकी को थाना बनाने और खरवा को सर्किल बनाए जाने की मांग की.

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रामनारायण मीणा ने उठाई मीणा समाज की ये मांगः सदन में रामनारायण मीणा ने अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में आ रही मीणा समाज के आरक्षण से जुड़ी समस्या का जिक्र किया. खास तौर पर जनजाति व सहरिया क्षेत्र में मीणा समाज के आरक्षण को बांटकर कम कर दिया गया. उस पर रामनारायण मीणा ने आपत्ति जताई और यह भी कहा कि मीणा समाज अपने साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से काफी आक्रोशित है. रामनारायण मीणा ने कहा कि पूर्व में जहां भारतीय प्रशासनिक सेवा में सीधी भर्ती में मीणा समाज के एक दर्जन अधिकारी थे. अब यह संख्या 4 ही रह गई है. विधायक ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग को विभिन्न भागों में नहीं बांटने पर ही यह असंतोष खत्म होगा.

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