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मनरेगा में राजस्थान ने श्रमिक नियोजन का गत दस वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा

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Published : May 21, 2020, 1:06 AM IST

राजस्थान में मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 35.59 लाख हो गया है. जिसके चलते प्रदेश में मनरेगा ने पिछले दस सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है. उपमुख्यमंत्री का कहना है कि वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की ओर से रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. जिससे कोरोना काल में ग्रामीणों को आर्थिक मदद मिल रही है.

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पायलट ने पंचायती राज विभाग की बैठक ली

जयपुर. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को सचिवालय में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की बैठक ली. जिसमें एसीएस ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह सहित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान पायलट ने बताया कि राजस्थान में मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 35.59 लाख हो गया है, जो पिछले दस सालों में सर्वाधिक है.

पायलट ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाकर आर्थिक सम्बल प्रदान करने में मनरेगा मददगार साबित हुई है. जनवरी 2019 में 100 दिवसीय कार्य योजना बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में चारागाह विकास, मॉडल तालाब विकास, शमशान/कब्रिस्तान विकास एवं खेल मैदान विकास के एक-एक कार्य स्वीकृत करने की योजना चलायी गई थी. इसको एक कदम आगे बढ़ाते हुए वर्तमान में ‘एक ग्राम-चार काम‘ अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत उक्त कार्य प्रदेश के प्रत्येक राजस्व गांव में प्राथमिकता के आधार पर करवाये जा रहे हैं.

‘एक ग्राम-चार काम‘ अभियान के तहत 36,679 कार्य हुए स्वीकृत

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पायलट ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 36,679 कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं. जिनमें 9,281 चारागाह विकास, 9,090 मॉडल जलाशय विकास, 9,589 शमशान/कब्रिस्तान विकास तथा 8,719 खेल मैदान विकास के कार्य स्वीकृत किये गये हैं. इन कार्यों पर अब तक लगभग 1372 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं.

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