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जेडीए ने 20 करोड़ रुपए कीमत की सरकारी भूमि को करवाया अतिक्रमण मुक्त

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Published : Oct 7, 2020, 11:00 PM IST

राजधानी में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से अवैध अतिक्रमण और अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जेडीए ने 20 करोड़ रुपये कीमत की 1500 सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है. इसके साथ ही 10 बीघा भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास भी विफल किया है.

Encroachment in Jaipur, Jaipur Development Authority
जेडीए ने सरकारी भूमि को करवाया अतिक्रमण मुक्त

जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए मुख्य नायला रोड पर मित्तल कॉलेज के सामने रूपा की नांगल में करीब 10 बीघा भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास विफल किया है. इसके साथ ही जयपुर के जवाहर सर्किल ईपी गार्डन के पास जेडीए की करीब 1500 गज भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है. इस भूमि का बाजार मूल्य करीब 20 करोड़ रुपये आंका गया है.

जेडीए के मुख्य नियंत्रक रघुवीर सैनी के मुताबिक जोन 10 के क्षेत्राधिकार मुख्य नायला रोड मित्तल कॉलेज के सामने पटवार हलका रूपा की नांगल कथा नंबर 2 से 16 तक करीब 10 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर अवैध आवासी कॉलोनी बसाने का प्रयास किया जा रहा था. अवैध कॉलोनी बसाने के लिए बिना जेडीए की अनुमति और बिना स्वीकृति के बनाई गई ग्रेवल रोड अन्य अवैध निर्माणों को जेसीबी मशीन और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त किया गया है. जेडीए प्रवर्तन दस्ते ने राजस्व और तकनीकी स्टाफ की निशानदेही पर कार्रवाई करते हुए अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया है.

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रघुवीर सैनी ने बताया कि जोन 04 में जवाहर सर्किल ईपी गार्डन के पास जेडीए की अवाप्तशुदा खाली पड़ी करीब 1500 वर्ग गज सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर टीनशेडनुमा रेस्टोरेंट का निर्माण कर टेबल-कुर्सियां, फर्नीचर और अन्य सामान डालकर डाबरी कैफे के नाम से संचालित किया जा रहा था. जिसे जोन 04 के राजस्व स्टाफ की निशानदेही पर प्रवर्तन दस्ते ने जेसीबी और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त करवाकर लगभग 40 प्लास्टिक टेबल कुर्सियों को जब्त किया है. जेडीए की बेशकीमती भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है. जिसकी अनुमानित कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है.

जोन 4 में ही लाल बहादुर नगर में प्लॉट नंबर ई-37 के मालिक द्वारा बिना जेडीए का अनुमति और बिना स्वीकृति के अवैध रूप से बेसमेंट बनाने के लिए जीरो सेटबैक पर पिलरों का नवनिर्माण पुनः किया जा रहा था. जिसे जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने जेसीबी और मजदूर की सहायता से ध्वस्त करवाया.

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