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OBC वर्ग का महापड़ाव, अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हरीश चौधरी

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Published : Sep 30, 2022, 3:32 PM IST

ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियों को लेकर शुक्रवार को जयपुर में ओबीसी वर्ग ने (Jaipur OBC Class Mahapadav) महापड़ाव शुरू कर दिया. इस महापड़ाव में अपनी ही सरकार के खिलाफ पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी भी धरने पर बैठे.

Protest In Jaipur
ओबीसी वर्ग का महापड़ाव

जयपुर. ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए शुक्रवार को राजधानी जयपुर में धरना हुआ. ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले (Protest In Jaipur) हुए इस धरने में अपनी ही सरकार के खिलाफ पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब चुनाव के प्रभारी रहे हरीश चौधरी भी शामिल हुए. संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार राज्य में भर्तियों के लिए जारी 2018 के परिपत्र में संशोधन करे और सही रोस्टर बनाए, जिससे ओबीसी के लोगों के साथ न्याय हो.

लगातर मांग के बावजूद ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियां दूर नहीं होने पर अब युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है. यही वजह है कि ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण बहाल करने और विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में ओबीसी से जुड़े युवा राजधानी जयपुर में सड़कों पर थे. ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है. खास बात यह है कि संघर्ष समिति के इस धरने में (Harish Chaudhary on OBC Reservation) गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी भी शामिल हुए.

3 महीने से चल रहा आंदोलन : ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर (Case of OBC Reservation Discrepancies) राजस्थान में पिछले 3 महीने से आंदोलन चल रहा है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगातार सभाएं हुईं और अब ओबीसी वर्ग के युवा ने जयपुर में महापड़ाव डाल दिया. नाराजगी है कि ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों की वजह से ओबीसी के मूल अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है. 21 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद शून्य पद ओबीसी के रहे.

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सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री हरीश चौधरी धरने पर : राजस्थान के कई विधायकों ने ओबीसी अभ्यर्थियों की मांग को जायज बताते हुए सरकार से मांग की है कि आरक्षण की विसंगतियों को शीघ्र दूर करे. इसके लिए दो दर्जन से ज्यादा विधायक मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं. गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी अब खुल कर युवाओं के साथ धरने पर आ गए हैं. चौधरी ने कहा कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है. 21 प्रतिशत आरक्षण होने के बावजूद ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का एक भी पद पर चयन नहीं हुआ. चौधरी ने कहा कि विभाग ने भर्तियों को लेकर जो उपनियम बनाए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी आरक्षण से अलग हो.

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सभी जिलों से मिल रहा आंदोलन को समर्थन : जाट नेता राजाराम मील ने कहा कि ओबीसी में आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों में हर जिले में आंदोलन हो चुके हैं और जनसभाएं करके ओबीसी वर्ग के युवाओं को साथ आने की अपील भी की गई है. लेकिन सचिवालय में बैठे अफसरों के कानों तक ओबीसी वर्ग की यह मांग नहीं पहुंच रही थी. आज हम जयपुर में धरने पर बैठे हैं, ताकि सरकार तक हमारी मांग पहुंच सके. आज शाम तक का वक्त सरकार के पास है, अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा करती है तो ठीक है, नहीं तो शाम को संघर्ष समिति की मीटिंग होगी और उसमें आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी .

राजाराम मील ने कहा कि आज के आंदोलन को हर जिले से समर्थन मिल रहा है. बड़ी संख्या में युवा आक्रोशित हैं और वह आज सड़कों पर (Rajaram Meel Warn Gehlot Government) उतरने को तैयार है. लेकिन हमने युवाओं को समझाया है कि सरकार तो एक दिन का समय दिया जाए. अगर सरकार फिर भी नहीं मानती है तो उसके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे.

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