OBC आरक्षण पर हरीश चौधरी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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Published : Aug 24, 2022, 7:55 AM IST

Updated : Aug 24, 2022, 8:34 AM IST

OBC आरक्षण पर हरीश चौधरी

श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में ओबीसी आरक्षण को लेकर पंजाब कांग्रेस प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी के नेतृत्व में हजारों लोग जुटे. यहां चौधरी ने अपनी सरकार के खिलाफ ही बगावती तेवर दिखाए. विसंगतियां गिनाते हुए बोले ओबीसी के जंगल में आग लगी हो तो हम सरकार के नाम का घूंघट ओढ़कर नहीं बैठ सकते.

श्रीगंगानगर. कांग्रेस नेता हरीश चौधरी और राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम के आह्वान पर सूरतगढ़ महापड़ाव में शामिल होने के लिए बाड़मेर, जोधपुर और नागौर से लेकर पूरे राजस्थान के अलग अलग हिस्सों से हजारों लोग पहुंचे. हरीश चौधरी पिछले कुछ समय से अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में विसंगतियों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं. ओबीसी आरक्षण में विसंगति को लेकर आयोजित महापड़ाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि ओबीसी वर्ग को संविधान की ओर से दिए गए 21 प्रतिशत आरक्षण का भी लाभ एक्स सर्विसमैन और पूर्व सैनिक को हॉरिज़ॉन्टल आरक्षण और गलत रोस्टर की वजह से नहीं मिल पा रहा है. हरीश चौधरी ने प्रदेश के युवाओं से इस लड़ाई में साथ देने का आह्वान किया.

हम चिड़िया की भांति आग बुझाएंगे: पूर्व मंत्री चौधरी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार हमारी है, लेकिन हमारी सरकार होने के बावजूद न्याय का लोकतांत्रिक माध्यम यही है कि हम इन लोगों के साथ खड़े रहें. उन्होंने मजबूरी और डट कर मुकाबला करने के बीच का फर्क समझाया. कहा कि ओबीसी वर्ग के जंगल में आग लगी हैं और हम सरकार के नाम पर घूंघट ओढ़ कर बैठ जाएं या फिर चिड़िया के भांति उस आग को बुझाएं. महापड़ाव में आए लोगों को संबोधित करते हुए हरीश चौधरी ने कहा कि मुझे भले ही सबसे अंतिम कतार में बैठना पड़े लेकिन मैं मीडिया के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि आप उन लोगों से सवाल कीजिए कि अगर हम लोगों का ये हक और अधिकार नहीं है तो हमें मना कर दीजिए.हम ओबीसी के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है.

OBC आरक्षण पर हरीश चौधरी

ये रहे मौजूद: हरीश चौधरी के अलावा राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रदेश के युवाओं को मिल नहीं रहा है. उन्होंने 2018 में वर्टिकल आरक्षण को हॉरिज़ॉन्टल करने और रोस्टर को सही ढंग से लागू नहीं करने का आरोप सरकार पर लगाया. महापड़ाव के बाद हजारों की संख्या में छात्रों के साथ रैली करते हुए दोनों नेताओं ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और ओबीसी आरक्षण में विसंगति दूर करने की मांग की. इस दौरान प्रदेश पीसीसी सचिव डॉ.राजेंद्र मूँड, बाड़मेर जिला प्रमुख मेहन्द्र चौधरी, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह गोदारा, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कड़वासरा, पूर्व विधायक गंगाजल मील, हनुमान मील, बन्नाराम डूडी, बलराम कूकड़वाल, पृथ्वीराज जाख़ड़, अमित कड़वासरा, सहित क्षेत्र के हजारों लोगों ने भाग लिया.

पढ़ें-Harish Chaudhary on OBC Reservation Roster: हरीश चौधरी ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कहा- रोस्टर में बदलाव करें, नहीं तो होगा आंदोलन

यह है मुख्य मांगें:

  • कार्मिक विभाग का दिनांक 17-04-2018 का परिपत्र रद्द हो
  • 17-04-2018के सर्कुलर से अब तक हुए नुकसान का छाया पद सृर्जित कर भरपाई की जाए
  • प्रक्रियाधीन भर्तियों का परिणाम,डी.वी. व नियुक्तियों पर रोक
  • रोस्टर प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करना
  • ओबीसी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए
  • जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए

क्यों हैं ओबीसी नाराज?: 17 अगस्त 2018 कार्मिक विभाग राजस्थान सरकार ने राजस्थान सिविल सेवायें(भूत पूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के तहत राजकीय सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों को कुल रिक्तियों का 12.5% आरक्षण दिया हुआ है. इन नियमों में राज्य सरकार की ओर से 17 अप्रैल 2018 को जारी नोटिफिकेशन के तहत कुछ बदलाव किया गया. इसके तहत भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण को क्षैतिज आधार पर चयनित अभ्यर्थी की संबंधित श्रेणी की रिक्तियों में शामिल करने का प्रावधान किया गया. चूंकि राजस्थान में भूतपूर्व सैनिक ज्यादातर पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग से ही होते हैं. लिहाजा, महिलाओं, विशिष्ट योग्यजन, उत्कृष्ट खिलाड़ियों एवम् भूतपूर्व सैनिकों के क्षैतिज आरक्षण (Horizontal Reservation) के पश्चात पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों के लिए कोई भी रिक्त पद सामान्यतः उपलब्ध नहीं रहता.

ऐसे समझें OBC आरक्षण का गणित: मान लें किसी सेवा में सीधी भर्ती के लिए 100 रिक्तियों का विज्ञापन निकाला गया है. इसमें पिछड़ा वर्ग के लिए 21 होगी इसमें से 6 पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. विशिष्ट योग्यजन (दिव्यांग) और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को आरक्षित 7 पद में से अगर 2 अभ्यर्थी भी पिछड़ा वर्ग के चयनित हुए और 12 पदों पर भूतपूर्व सैनिक चयनित हुए तो बचे हुए पद शून्य रह जाते हैं. नतीजतन,पिछड़ा वर्ग का एक भी सामान्य अभ्यर्थी आरक्षित 21% पद विरुद्ध चयनित नही होगा. नाराजगी इसकी ही है. तर्क दिया जा रहा है कि इस प्रावधान के चलते पिछड़ा वर्ग के छात्रों को रोज़गार से वंचित कर दिया गया है.

Last Updated :Aug 24, 2022, 8:34 AM IST
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