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BJP को गहलोत सरकार के लड़खड़ाने का इंतजार, फिर बोले राठौड़- जाने कब गिर जाए सरकार!

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Published : Nov 22, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 7:23 PM IST

अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reshuffle) के साथ ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. अब भाजपा इस मौके का फायदा उठाने की फिराक में है. भाजपा के नेता लगातार बयानबाजी कर असंतुष्ट विधायकों के जख्म हरे करने में लगे हैं.

BJP leaders
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जयपुर. गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reshuffle) के बाद उठे विरोध के स्वर को भाजपा सियासी रूप से भुनाने में जुटी है. इंतजार है असंतोष का लावा फूटने का और उसके लिए भाजपा के नेता लगातार बयान जारी कर मंत्रिमंडल में जगह ना पाने वाले विधायकों के जख्म हरे करने में जुटे हैं. अब प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि लड़खड़ाती हुई ये सरकार कब गिर जाए, पता नहीं.

भाजपा नेताओं के बयान 'ऑपरेशन लोटस' की ओर तो इशारा नहीं!

रविवार शाम गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन और विस्तार हुआ और उसके कुछ घंटे बाद भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा का बयान और फिर प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया का ट्वीट आया. इसमें पूनिया ने दयाराम परमार के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र और जोहरी मीणा के बयान को आधार बनाकर यह तक लिख दिया 'इंतजार करिए कुछ दिन तक, यह तो फिल्म का ट्रेलर है'. इसके बाद वासुदेव देवनानी का भी बयान आया और फिर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का भी. राठौड़ ने तो साफ तौर पर कह दिया अभी तो ली अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है. राठौड़ ने कहा अभी तो धुंआ ही धुंआ दिख रहा है लेकिन जब यह आग की लपटों में तब्दील हो जाएगा तब असंतोष का लावा सामने आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संभावनाओं का कानून सबसे ज्यादा राजनीति में ही लागू होता है और उसी के आधार पर मैंने और भाजपा नेताओं ने बयान दिए थे. इसलिए मैं कहता हूं कि लड़खड़ाती ये सरकार कब गिर जाए पता नहीं. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी इसी तरह का बयान दे चुके हैं.

ये सरकार कब गिर जाए, पता नहीं: राठौड़

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भाजपा को क्यों दिखती है संभावना

दरअसल विधानसभा में 200 विधायक हैं और कांग्रेस के मौजूदा विधायकों की संख्या की बात की जाए तो कांग्रेस के 108 विधायक हैं जिनमें 6 विधायक वो है जो बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. इनमें से केवल एक राजेंद्र गुढ़ा को ही मंत्री पद देकर नवाजा गया है और 5 विधायकों को कुछ नहीं मिला. इसी तरह जो 13 निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे थे, उन्हें भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन में निराशा ही हाथ लगी है. इसी तरह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायक हैं जिनमें ट्राइबल पार्टी के विधायकों का अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को समर्थन है. इसी तरह कम्युनिस्ट पार्टी के 2 और राष्ट्रीय लोक दल का 1 विधायक सुभाष गर्ग है, जो सरकार में मंत्री हैं. बीजेपी उपचुनाव में हार के बाद 71 विधायकों पर सिमट गई है, लेकिन भाजपा नेताओं को लगता है कि यदि मौजूदा सरकार में असंतोष हुआ तो समर्थन देने वाले विधायक भी इधर-उधर होंगे और कुछ विधायक हो सकता है टूट जाए. बस इन्हीं संभावनाओं में भाजपा के नेता अपने सियासी लाभ को तलाशने में जुटे हैं.

Last Updated :Nov 22, 2021, 7:23 PM IST

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