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SPECIAL : भरतपुर में पैर पसार रहा नशे का कारोबार, चाय की थड़ियों पर गांजे के सुट्टे... डेयरी बूथ और अंडे के ठेलों पर छलक रहे जाम

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Published : Aug 18, 2021, 6:43 PM IST

Updated : Aug 18, 2021, 9:40 PM IST

अपने साहस और ताकत के लिए इतिहास में खासी पहचान रखने वाले लोहागढ़ यानी भरतपुर की साख पर इन दिनों नशाखोरी (drug abuse in bharatpur) का दाग लगता जा रहा है. जिले में नशे का कारोबार (Drug business) तेजी से पैर पसार रहा है. जिले के युवा इसके जाल में फंसते जा रहे हैं.

भरतपुर में नशे का कारोबार
भरतपुर में नशे का कारोबार

भरतपुर. जिले में चाय की थड़ियों पर चाय की आड़ में गांजा (Hemp) बेचा जा रहा है. दूध के बूथ और अण्डे के ठेलों तक पर खुलेआम जाम छलक रहे हैं. नशे के कारोबारी और गलत राह पर दौड़ रहे युवाओं के मन में पुलिस प्रशासन का कोई खौफ नहीं है. ईटीवी भारत ने शहर की कई चाय की थडियों, दूध के बूथ, ठेलों का जायजा लिया तो चौंकाने वाले हालात सामने आए.

ईटीवी भारत की टीम ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) के पास स्थित एक चाय की थड़ी पर हालात देखे. यहां दिन में भी युवा बियर पार्टी (beer party) कर रहे थे. साथ ही गांजे के सुट्टे लगाये जा रहे थे. ताज्जुब की बात ये है कि पुलिस और प्रशासन को इन हालात की खबर ही नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने आगरा हाईवे पर एक अन्य चाय की थड़ी पर कई दिनों तक नजर रखी. यहां भी चाय की आड़ में गांजे का व्यापार (hemp trade) होता नजर आया. इस चाय की थड़ी पर कई युवा दिन दहाड़े 'माल' के नाम से गांजे की पुड़िया खरीदकर ले जाते हैं. भरतपुर के युवाओं में नशे की लत (drug addiction among youth) काफी चिंताजनक है.

भरतपुर में नशे की गिरफ्त में युवा, खुलेआम बिक रही शराब, गांजा

दूध का बूथ है या मयखाना

आगरा हाईवे पर पुष्पवाटिका कॉलोनी के पास नुक्कड़ पर ही एक दूध का बूथ है. यहां दूध बिक्री के साथ जूस का काम भी होता है. लेकिन बूथ की आड़ में लोग आकर दिनदहाड़े शराब पार्टी (wine party) करते हैं. बेखौफ युवा यहां आते हैं और शराब सेवन कर रवाना हो जाते हैं. शहर के मुख्य बाजार में नगर निगम के सामने हर दिन शाम को अण्डे के ठेलों पर महफिल जमती हैं. यहां लोग आते हैं और अण्डे ऑमलेट के साथ धड़ल्ले से शराब का सेवन करते हैं. इन पर न तो पुलिस की नजर जाती है और न ही इनके मन में पुलिस का डर रहता है.

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आंध्रप्रदेश और उड़ीसा से आता है गांजा

जिले में चाय की थड़ियों पर बिकने वाला गांजा असल में आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से तस्करी (smuggling of ganja) करके यहां तक लाया जाता है. गांजे की छोटी-छोटी पुड़िया तैयार कर ऐसे पॉइंट से बिक्री की जाती है, जहां अधिक से अधिक युवाओं और लोगों का आना-जाना होता है. गांजे की एक पुड़िया की कीमत करीब 200 रुपए तक होती है. जिले में गांजे की तस्करी किस कदर पैर पसार रही है, इसका अंदाजा इससे सहज ही लगाया जा सकता है कि जोधपुर के नारकोटिक्स ब्यूरो (Jodhpur Narcotics Bureau) ने जनवरी 2021 में आंध्रप्रदेश से ट्रक में भरकर लाया गया 290 किलो गांजा पकड़ा था. उस समय दो आरोपी भी गिरफ्तार किए थे.

दो साल में 83 मामले

हालांकि जिले में नशे का कारोबार करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. लेकिन नशे के व्यापार पर सख्ती से लगाम नहीं लग पा रही है. विभागीय आंकड़ों की मानें तो जनवरी 2019 से मार्च 2021 तक भरतपुर जिले में नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार (drug trafficking) करने के कुल 83 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 101 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

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इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई (Superintendent of Police Devendra Kumar Vishnoi) से बात की तो उन्होंने बताया कि पूरे जिले में अवैध शराब के कारोबार पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. रूपवास में शराब दुखान्तिका (Roopwas alcohol tragedy) के बाद से सख्ती बढ़ा दी गयी है. सूचना मिलते ही अवैध शराब बिक्री के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है. गांजे की बिक्री के खिलाफ भी कई बार कार्रवाई की गई है. सभी टीमों को अवैध शराब व गांजे की अवैध बिक्री की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं.

लेकिन हालात क्या हैं ये ईटीवी भारत के कैमरे से छुप नहीं सके. अवैध मादक पदार्थ (illicit drugs) यहां सहज ही उपलब्ध हैं. ऐसे में अपराधी किस्म के लोग इन खास प्वाइंट्स पर डेरा जमाए रहते हैं. हालात ये हैं कि इन प्वाइंट्स के बारे में आम तौर पर लोग जानते हैं, लेकिन पुलिस को कोई जानकारी नहीं है.

Last Updated :Aug 18, 2021, 9:40 PM IST

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