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सरिस्का के लिए संजीवनी बनी 'कैमरा ट्रैपिंग', 24 घंटे हो रही बाघों की निगरानी

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Published : Jul 15, 2020, 7:19 PM IST

अलवर में कैमरा ट्रैप पद्धति सरिस्का के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है. बाघों के बढ़ते हुए कुनबे की सुरक्षा और मॉनिटरिंग में कैमरा ट्रैप ने अहम भूमिका अदा की है. इस कैमरे की मदद से बाघों के साथ सरिस्का में आने वाले शिकारियों पर भी 24 घंटे नजर रखी जा रही है.

कैमरा ट्रैप पद्धति सरिस्का के लिए जीवनदायिनी, Camera trap method for Sariska
कैमरा ट्रैप पद्धति सरिस्का के लिए जीवनदायिनी

अलवर. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए अलवर के सरिस्का की सुरक्षा अहम मुद्दा बना हुआ है. आए दिन बाघों की मौत और शिकार के मामले सामने आते हैं. जिससे सरिस्का देश-विदेश में बदनाम होता है. ऐसे में बढ़ते घटनाओं को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.

कैमरा ट्रैप पद्धति सरिस्का के लिए जीवनदायिनी

जिसके तहत सारिस्का में थर्मल कैमरे सहित कई अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए है. कैमरे सारिस्का के लिए जीवनदायिनी का काम कर रहे हैं. सरिस्का में अभी करीब 70 कैमरे लगे हुए हैं, जो 24 घंटे सरिस्का में घूमने वाले वन्यजीव व्यक्ति सहित सभी पर नजर रखते हैं.

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सरिस्का बाघ परियोजना में बाघों की सलामती, उनकी बेहतर मॉनिटरिंग पर टिकी हुई है. इस कार्य में वन कर्मियों के अलावा सारिस्का में लगे कैमरे खासी अहम भूमिका निभा रहे हैं. सरिस्का में ज्यादातर बाघों की वास्तविक स्थिति का पता कैमरा ट्रैप से लग रहा है. हाल ही में सरिस्का में नए शावकों की जानकारी भी कैमरा के माध्यम से हुई, फिर चाहे एसटी 10, एसटी 12 और एसटी 14 के शावक की बात हो. सभी के शावक कैमरे के माध्यम से ही सारिस्का प्रशासन के सामने आए.

सरिस्का में अभी 20 बाघ हैं. इसके अलावा चार शावक हैं. इसमें बाघ की लोकेशन और बाघ के बारे में पल-पल की जानकारी कैमरे के माध्यम से मिलती है. कैमरे में देखने के बाद ही बाघ की सलामती का पता चलता है.

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सरिस्का प्रशासन की मानें तो कैमरा ट्रैप में बाघ और शावक नजर आते रहते हैं. बाघों की मॉनिटरिंग के साथ ही सरिस्का की सुरक्षा में भी कैमरा ट्रैप की भूमिका अहम रही है. कैमरा में शिकारियों और संदिग्ध व्यक्ति के कैद होने और उनकी फोटो खींचने पर सरिस्का प्रशासन को शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में सुविधा मिलती है.

पूर्व में कई बार सारिस्का में शिकारी बंदूक और अन्य हथियार सहित कैमरा ट्रैप में नजर आए हैं. जिसके बाद सरिस्का प्रशासन की तरफ से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. एक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए 4 कैमरे लगाए गए हैं. इस हिसाब से सरिस्का में बाघों की सुरक्षा में करीब 70 कैमरे लगे हुए हैं.

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वहीं कैमरा ट्रैप पद्धति से बाघ व वन्यजीवों की गणना के दौरान सरिस्का में कैमरों की संख्या बढ़ाकर 300 तक कर दी जाती है. सरिस्का में बाघों के ज्यादा दिनों तक दिखाई नहीं देने पर कैमरों से तलाश की जाती है. पूर्व में सरिस्का में बाघिन एसटी के गुम होने के दौरान उसकी तलाश के लिए करीब 300 कैमरे लगाए गए थे. हालांकि बाघिन का पहले ही शिकार हो गया था. इसलिए वो कैमरा ट्रैप में नहीं आ सकी. ऐसे में साफ है कि कैमरे सारिस्का के लिए खासे फायदेमंद साबित हो रहे हैं.

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