उज्जैन। अंचलों से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला एक दिन पूर्व गुरुवार से ही शुरू हो गया था. लोगों ने गुरुवार को वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi) पर सिद्धनाथ घाट (Siddhanath Ghat) पर स्नान कर तर्पण व पूजन कार्य किया था. इसके बाद रामघाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया. कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में सुबह स्नान के साथ ही शाम को दीपदान का भी पौराणिक महत्व है. मान्यता के अनुसार वैकुंठ चतुर्दशी पर पूर्वज वैकुंठ की ओर जाते हैं रास्ते में रोशनी के लिए शिप्रा नदी में दीप छोड़े जाते हैं. इसी मान्यता के चलते शुक्रवार को भी नदी के किनारों पर दीपदान किया गया. नदी के किनारों पर दीप छोड़े तो शिप्रा का आंचल जगमगा उठा. नदी के घाट भी दीपक की रोशनी से रोशन हुए.
Last Updated : Nov 20, 2021, 3:25 PM IST