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Ujjain Mahakal Holi:महाकाल के दर से शुरू होगा होली का त्योहार, सबसे पहले बाबा को लगेगा रंग, खूब उड़ेगा गुलाल

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Published : Feb 26, 2023, 1:29 PM IST

महाकाल की नगरी उज्जैन में देश में सबसे पहले सभी त्योहार मनाए जाते हैं. होली सबसे पहले महाकाल के आंगन में ही मनाई जाती है. देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस विशेष होली उत्सव को मनाने के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं.

celebrate first holi in mahakal
सबसे पहले महाकाल में मनाया जाता है होली पर्व

होलिका दहन से शुरू होगी होली

उज्जैन।होली आने में सिर्फ 9 दिन बचें है, लेकिन अभी से ही होली त्योहार की तैयारी हर जगह शुरू हो गई है. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 6 मार्च को सबसे पहले होली मनाई जाएगी. शाम 7 बजे यहां होलिका दहन किया जाएगा. महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित कर मंदिर में होली खेलने की शुरुआत होगी. महाकाल की नगरी उज्जैन में देश में सबसे पहले सभी त्योहार मनाए जाते हैं. यहां संध्या कालीन आरती में पण्डे पुजारियों द्वारा महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेली जाएगी. इस दौरान दुनियाभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी भगवान के साथ होली का पर्व मानाने पहुंचे हैं.

रंगमय होगें महाकाल:हजारों की संख्या में भक्त महाकाल की भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली खेलते हैं और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं. आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से पट जाता है. इस खुबसूरत नजारे को देखने के लिए श्रद्धालु हर साल उज्जैन पहुंचते हैं. महाकाल मंदिर के परिसर में होने वाले होलिका दहन का अपना अलग महत्त्व है.

आरती में जमकर उड़ता है गुलाल और फूल:महाकाल मंदिर के आंगन में 6 मार्च को गोधूलि बेला में होलिका का दहन किया जाएगा. इससे पहले संध्या आरती में भगवान महाकाल के साथ जमकर होली खेली जाएगी. इस अवसर पर महाकाल के हजारों भक्त रंग और गुलाल में सराबोर नजर आएंगे. होली के इस पावन पर्व का सभी भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं. होली के एक दिन पहले ही महाकाल मंदिर में पुजारियों और श्रद्धालुओं द्वारा भगवान महाकाल के साथ होली खेली जाएगी. इसके बाद पण्डे पुजारी मंदिर परिसर में होलिका की पूजन अर्चन कर होलिका का दहन करेंगे.

उज्जैन में होलिका दहन 2023

टेसू के फूलों से महाकाल के साथ होली:परम्परागत रूप से महाकाल मंदिर में होली का पर्व मनाया जाएगा. पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि, 8 मार्च को अल सुबह भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल के साथ टेसू के फूलों से होली खेली जाएगी. मंदिर में बाबा को गुलाल भी अर्पित किया जाएगा. इसी तरह रंगपंचमी पर भी भस्म आरती में भगवान महाकाल को रंग चढ़ाया जाएगा.

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होली से आरतियों का समय बदलेगा:महाकालेश्वर मंदिर में साल में दो बार भगवान महाकाल की प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन होता है. इस बार होलिका दहन 6 मार्च को होगा. परंपरा अनुसार मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन होता है. इसी दिन से भगवान महाकालेश्वर को शीतल जल से स्नान कराने का क्रम भी शुरू हो जाएगा. मंदिर के पुजारी संजय पुजारी ने बताया कि, बाबा की आरतियों के समय में आधा घंटा समय का परिवर्तन होता है. भगवान की दिनचर्या में परिवर्तन हो जाता है.

बाबा महाकाल की आरतियों का समय
प्रथम भस्मार्ती: प्रातः 4 से 6 बजे तक.
द्वितीय दद्योदक आरती: प्रात 7 से 7:45 बजे तक.
तृतीय भोग आरती: प्रातः 10 से 10ः 45 बजे तक.
चतुर्थ संध्याकालीन पूजन:सांय 5 से 5:45 बजे तक.
पंचम संध्या आरती: सांय 7 से 7:45 बजे तक.
शयन आरती:रात्रि 10:30 से 11 बजे तक.

भस्मार्ती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी.

मथुरा वृंदावन की तरह होगी महाकाल की होली:दुनियाभर में श्रद्धालु मथुरा वृंदावन की होली देखने जाते हैं. इसके साथ ही शिव भक्त बड़ी संख्या में महाकाल मंदिर में भगवान शिव के साथ होली खेलने उज्जैन आते हैं. 6 मार्च को संध्या कालीन आरती में महाकाल में जमकर गुलाल उड़ेगा. इस दौरान महाकाल के साथ पण्डे पुजारी होली खेलेंगे तो वहीं भक्त भी होली में रंग लगाकर महाकाल का आशीर्वाद लेंगे. इसके बाद घनश्याम पुजारी महाकाल मंदिर परिसर में होलिका का दहन करेंगे. मान्यता है की भारत वर्ष में हिन्दू त्योहार सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाए जाने की परम्परा है.

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