उज्जैन।होली आने में सिर्फ 9 दिन बचें है, लेकिन अभी से ही होली त्योहार की तैयारी हर जगह शुरू हो गई है. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 6 मार्च को सबसे पहले होली मनाई जाएगी. शाम 7 बजे यहां होलिका दहन किया जाएगा. महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित कर मंदिर में होली खेलने की शुरुआत होगी. महाकाल की नगरी उज्जैन में देश में सबसे पहले सभी त्योहार मनाए जाते हैं. यहां संध्या कालीन आरती में पण्डे पुजारियों द्वारा महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेली जाएगी. इस दौरान दुनियाभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी भगवान के साथ होली का पर्व मानाने पहुंचे हैं.
रंगमय होगें महाकाल:हजारों की संख्या में भक्त महाकाल की भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली खेलते हैं और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं. आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से पट जाता है. इस खुबसूरत नजारे को देखने के लिए श्रद्धालु हर साल उज्जैन पहुंचते हैं. महाकाल मंदिर के परिसर में होने वाले होलिका दहन का अपना अलग महत्त्व है.
आरती में जमकर उड़ता है गुलाल और फूल:महाकाल मंदिर के आंगन में 6 मार्च को गोधूलि बेला में होलिका का दहन किया जाएगा. इससे पहले संध्या आरती में भगवान महाकाल के साथ जमकर होली खेली जाएगी. इस अवसर पर महाकाल के हजारों भक्त रंग और गुलाल में सराबोर नजर आएंगे. होली के इस पावन पर्व का सभी भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं. होली के एक दिन पहले ही महाकाल मंदिर में पुजारियों और श्रद्धालुओं द्वारा भगवान महाकाल के साथ होली खेली जाएगी. इसके बाद पण्डे पुजारी मंदिर परिसर में होलिका की पूजन अर्चन कर होलिका का दहन करेंगे.
टेसू के फूलों से महाकाल के साथ होली:परम्परागत रूप से महाकाल मंदिर में होली का पर्व मनाया जाएगा. पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि, 8 मार्च को अल सुबह भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल के साथ टेसू के फूलों से होली खेली जाएगी. मंदिर में बाबा को गुलाल भी अर्पित किया जाएगा. इसी तरह रंगपंचमी पर भी भस्म आरती में भगवान महाकाल को रंग चढ़ाया जाएगा.