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MP Satna जिले के सरकारी स्कूलों के 1 लाख बच्चों को अभी तक नहीं मिल सकी ड्रेस

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Published : Dec 26, 2022, 6:02 PM IST

सतना जिले में 1 लाख से अधिक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को अभी तक ड्रेस (1 lakh children without dress) नहीं मिल पाई है. सरकार की महत्वकांक्षी वितरण योजना फ्लॉप हो गई है. बीते 2 साल से शिक्षण सत्र में ड्रेस का वितरण नहीं हो पाया. गणवेश की सिलाई की जिम्मेदारी स्व सहायता समूह को दी गई थी, लेकिन अभी तक नहीं ड्रेस नहीं सिल पाई. इस वर्ष का भी शिक्षण सत्र समाप्त होने जा रहा है. जिम्मेदार अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है.

1 lakh children of government school not yet received dress
सतना जिले में 1 लाख से अधिक बच्चों को अभी तक ड्रेस नहीं

सतना जिले में 1 लाख से अधिक बच्चों को अभी तक ड्रेस नहीं

सतना।जिले में शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की लापरवाही जारी है. वर्ष 2021 से सतना जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को मुफ्त में मिलने वाली गणवेश का वितरण नही हो सका है. जबकि सरकार ने बजट का आवंटन किया और स्व सहायता समूहों के माध्यम से गणवेश की सिलाई की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में गणवेश की राशि छात्रों के खाते में डालने के निर्देश थे. वहीं कक्षा पांचवीं आठवीं और सीएम राइज स्कूलों के बच्चो के खाते में राशि ट्रांसफर भी की गई, लेकिन जिले में करीब 48 हजार छत्राओ को ही इसका लाभ मिला सका.

अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों से :सूत्रों के अनुसार अभी भी पहली से कक्षा चौथी और छठवीं से सातवीं कक्षा के छात्र- छत्राओ को इसका लाभ नहीं मिला. इन कक्षा के छात्रों -छात्राओ को सिलाए गए गणवेश देने थे, जो आज तक नही मिल सकी. जो अभिभावक सम्पन्न हैं, वो बाजार से खरीद कर ड्रेस अपने बच्चों को दे चुके हैं, मगर अधिकांश बच्चे बिना स्कूली ड्रेस के ही स्कूल आ रहे हैं. बच्चों के अनुसार उनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर है, जो बाजार से ड्रेस नही खरीद पा रहे हैं.

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48 हजार बच्चों के खाते में राशि डाली :वहीं इस बारे में जिला शिक्षा विभाग के परियोजना समन्वयक विष्णु त्रिपाठी ने बताया कि सतना जिले लगभग 48 हजार के आसपास बच्चों के खाते में राशि दे दी गई है. लगभग 1 लाख 31 हजार शासकीय विद्यालय के बच्चे हैं, जिनको सिले हुए गणवेश स्व सहायता समूह के माध्यम से देने हैं. इस संबंध में एनआरएलएम से चर्चा चल रही है और राज्य शिक्षा केंद्र को ये जानकारी दी गई थी कि स्व सहायता समूह ही बच्चों के गणवेश तैयार करेंगे, लेकिन अभी तक तैयार नहीं हो सकी.

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