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MP Eelection 2023: एमपी में सबसे ज्यादा चुनाव जीतने वाले मंत्री गोपाल भार्गव को मुख्यमंत्री न बन पाने का मलाल, आखिरी चुनाव से है उम्मीद

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 3:09 PM IST

Updated : Oct 7, 2023, 3:19 PM IST

Gopal Bhargava willing to Become CM: मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए बैठे मंत्री गोपाल भार्गव इस बार भी चुनाव लड़ेंगे. यह उनका आखिरा चुनाव माना जा रहा है. लंबे समय से चर्चा थी कि गोपाल भार्गव इस बार अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव मैदान में उतारेंगे, लेकिन एक बार फिर गोपाल भार्गव ने यह कहकर चौंका दिया कि उनके गुरु का आदेश है कि वो चुनाव लड़ें और जनता की सेवा करें.

Gopal Bhargava wants to become CM
सीएम बनना चाहते हैं गोपाल भार्गव

गोपाल भार्गव की जुबान पर आई दिल की बात

सागर। मध्यप्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक और मंत्री गोपाल भार्गव की बात करें, तो 2003 से लगातार कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद उनके मन में अब सिर्फ मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रह गयी है. गोपाल भार्गव 1985 से चुनाव जीतते आ रहे हैं और लगातार 8 चुनाव जीत चुके हैं. माना जा रहा था कि इस बार वो अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव मैदान में उतारेंगे, लेकिन उन्होंने एक बार फिर इसे अपना आखिरी चुनाव बताते हुए मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है. बडी बात ये है कि उनका कहना है कि ''मेरे गुरु की इच्छा है कि मैं एक बार और चुनाव लडूं, तो हो सकता है कि ईश्वरीय संदेश हो, क्योंकि पार्टी ने इस चुनाव में किसी को अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट नहीं किया है.'' Gopal Bhargava wants to become CM

बुंदेलखंड के अजेय योद्धा कहे जाते हैं गोपाल भार्गव:मंत्री गोपाल भार्गव की बात करें तो उन्होंने पहला चुनाव रहली विधानसभा से 1985 में लड़ा था, तब से लेकर आज तक वो एक भी चुनाव नहीं हारे हैं. कांग्रेस ने उनके सामने जो भी प्रत्याशी उतारा, उसे मुंह की खानी पड़ी है. आलम ये है कि उन्हें बुंदेलखंड के अजेय योद्धा के तौर पर संबोधित किया जाने लगा है. गोपाल भार्गव 2003 में उमा भारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और फिर 2018 तक जो भी मुख्यमंत्री रहा, उसके मंत्रीमंडल में शामिल रहे. 2018 में भाजपा की सरकार गयी, तो पार्टी को सबसे वरिष्ठ ब्राह्मण नेता की याद आई और उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया. लेकिन जैसे ही कमलनाथ सरकार गिरी, तो मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार होने के बाद भी उनका पत्ता कट गया और शिवराज सिंह फिर मुख्यमंत्री बन गए.

गुरु ने दिया चुनाव लड़ने का आदेश:लंबे समय से चर्चा थी कि गोपाल भार्गव इस बार अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव मैदान में उतारेंगे, लेकिन एक बार फिर गोपाल भार्गव ने यह कहकर चौंका दिया कि उनके गुरु का आदेश है कि वो चुनाव लड़ें और जनता की सेवा करें. जहां तक उनके बेटे की बात करें तो अभिषेक भार्गव लंबे समय से राजनीतिक पारी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. लगातार 2013 से लोकसभा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक पारी शुरू नहीं हो पा रही है. चर्चा थी कि गोपाल भार्गव चुनावी राजनीति से सन्यास लेकर बेटे की चुनावी पारी शुरू कराएंगे. लेकिन एक बार फिर उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी.

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मुख्यमंत्री बनने की इच्छा ऐसे की जाहिर:पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि ''यह मेरा आखरी चुनाव है, मेरे गुरु की इच्छा है कि एक बार और चुनाव लड़ू. इस बार किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया जा रहा है और अगर गुरु की कोई इच्छा हो और हो सकता है कि ईश्वर की तरफ से बात आई हो.'' ये पहला मौका नही है, जब मंत्री भार्गव ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की हो. मंत्री गोपाल भार्गव रहली में प्रसिद्ध देवी सिद्ध पीठ टिकीटोरिया धाम में सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा 17 करोड़ 28 लाख रुपयों की लागत से अंतराष्ट्रीय फेनिकुलर तकनीक से स्थापित होने वाले रोप वे का भूमिपूजन कर रहे थे, रोप वे बनने के बाद प्रसिद्ध देवी शक्तिपीठ टिकीटोरिया में देवी दर्शन, पूजन, आराधना, उपासना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं, बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों, विकलांगों, बीमारों को सुविधा मिलेगी.

Last Updated : Oct 7, 2023, 3:19 PM IST

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