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Digvijay Singh : विरोधी जिन्हें मुस्लिम परस्त बताते हैं, वो है बड़ा सनातन धर्मी! बड़े तपस्स्वी भी फेल हैं दिग्विजय सिंह के सामने

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Published : Sep 29, 2022, 2:07 PM IST

Updated : Sep 29, 2022, 2:23 PM IST

Digvijay singh fast in Navratri
कठिन अनुशासन वाले हिंदू बड़े तपस्स्वी भी फेल हैं दिग्विजय सिंह के सामने ()

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के बड़े दावेदार बनकर उभरे दिग्विजय सिंह अपने अलग सियासी अंदाज के लिए जाने जाते हैं. सर्वधर्म समभाव के पक्षधर माने जाने वाले दिग्विजय सिंह के विरोधी उन्हें मुस्लिम परस्त कहते हैं. विपक्ष खासकर भाजपा जनता के सामने उनकी ऐसी छवि पेश करती है, जैसे वह मुस्लिम परस्त हों. कम ही लोग जानते हैं कि दिग्विजय सिंह बहुत बड़े सनातन धर्मी हैं और कड़े अनुशासन और नियमों के साथ पूजा पाठ करते हैं. राघोगढ़ किले में राघव जी का मंदिर, 6 महीने की नर्मदा परिक्रमा, गिरिराज जी की परिक्रमा और पंढरपुर में भगवान विट्ठल की भक्ति का मामला हो, दिग्विजय सिंह के व्यक्तिगत और धार्मिक जीवन के कुछ ऐसे पहलू हैं, जिन्हें जानकर पता चलेगा कि सियासत में भले उन्हें मुस्लिम परस्त कहा जाता हो, लेकिन वो एक कठिन अनुशासन वाले हिंदू हैं. (Congress president polls) (Digvijay singh nomination) (Sanatandharmi Digvijay singh) (Digvijay singh pooja paath) (Digvijay singh fast in Navratri) (Digvijay singh image)

राघोगढ़।राघोगढ़ राजपरिवार के सदस्य दिग्विजय सिंह ने राजनीति में अलग पहचान बनाई है (Digvijay Singh Image). उनकी सियासी पहचान उनके व्यक्तिगत जीवन से बिल्कुल हटकर है. दिग्विजय सिंह को विरोधी हिंदू विरोधी के तौर पर पेश करते हैं. लेकिन राघोगढ़ के किले में भगवान राघव जी (भगवान राम) सहित 9 और मंदिर स्थापित हैं. जिनमें हनुमान जी सहित प्रमुख देवी देवताओं के मंदिर हैं. इन 9 मंदिरों में से 7 मंदिरों में अखंड ज्योति जलती है. राघोगढ़ की बात करें यहां का नाम भी भगवान राम के नाम पर रखा गया है और राघोगढ़ के लिए में प्रमुख मंदिर राघव जी का ही है. (Congress president polls) (Digvijay singh nomination)

गुरुवार और एकादशी का उपवास :दिग्विजय सिंह रोजाना सुबह 4:30 बजे उठते हैं. योग साधना के बाद स्नान-पूजन करते हैं. स्नान पूजन के पहले वह अन्न जल ग्रहण नहीं करते हैं. अगर किसी कारणवश वह पूजा पाठ (Digvijay Singh Pooja Paath) में लेट हो जाते हैं, तब तक किसी तरह से अन्न- जल ग्रहण नहीं करते, जब तक पूजा ना हो जाए. उनके सहयोगी योगेंद्र सिंह परिहार बताते हैं कि पिछले दिनों हम लोग मंडला के दौरे पर थे. सुबह प्रभातफेरी के बाद लोगों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया. मेल मुलाकात काफी देर तक चली. हम साथियों ने नाश्ते का निवेदन भी किया, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया कि जब तक पूजा नहीं करूंगा, तब तक कुछ भी नहीं ग्रहण करूंगा (Sanatandharmi Digvijay Singh). मंडला से निकलने के बाद हम लोग दोपहर में जबलपुर पहुंचे और उन्होंने पूजा पाठ किया. उसके बाद जाकर उन्होंने अन्न जल ग्रहण किया. वहीं लंबे समय से दिग्विजय सिंह नियमित रूप से गुरुवार और एकादशी का व्रत भी करते आ रहे हैं.

कठिन अनुशासन वाले हिंदू बड़े तपस्स्वी भी फेल हैं दिग्विजय सिंह के सामने

दोनों नवरात्रि में करते हैं व्रत :दिग्विजय सिंह दोनों नवरात्रि में 9 दिन का व्रत करते हैं (Digvijay Singh Fast in Navratri). फिलहाल वह भारत जोड़ो यात्रा के समन्वयक हैं. लेकिन उन्होंने 9 दिन का व्रत रखा हुआ है. इसी व्रत के दौरान वह दिल्ली, केरल और देशभर के दौरे कर रहे हैं. हर नवरात्रि के पर्व में वह छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में बमलेश्वरी देवी के दर्शन जरूर करते हैं. कितनी भी व्यस्तता रहे लेकिन 9 दिन में एक दिन डोंगरगढ़ जाने के लिए समय निकालते हैं और बमलेश्वरी माता के दर्शन करते हैं. 6 महीने पैदल चलकर 33 सौ किमी लंबी नर्मदा परिक्रमा की. दिग्विजय सिंह की 6 महीने लंबी नर्मदा परिक्रमा लगभग सबने देखी है. उन्होंने 3300 किमी लंबी नर्मदा परिक्रमा करीब 6 महीने में पूरी की थी. नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट से पूजा अर्चना के बाद 30 सितंबर 2017 में शुरू हुई नर्मदा परिक्रमा 192 दिन बाद बरमान घाट में ही समाप्त हुई. परिक्रमा के दौरान दिग्विजय सिंह प्रदेश की 230 विधानसभा में से करीब 144 विधानसभा के संपर्क में आए. कहा जाता है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस की जीत में दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा ने अहम रोल निभाया था.

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नंगे पैर करते हैं गिरिराज जी की परिक्रमा :दिग्विजय सिंह लगातार कई सालों से गिरिराज जी की परिक्रमा करते आ रहे हैं. एक हाथ में दूध की बाल्टी पकड़े हुए नंगे पैर चलते, दूसरे हाथ से गिरिराज जी के श्री चरणों में दूध अर्पित करते जाते हैं. गिरिराज जी की सम्पूर्ण परिक्रमा सात कोस (21 किमी) की है, जो एक ही दिन में पूरी की जाती है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह महाराष्ट्र के पंढरपुर में स्थित विट्ठल भगवान के मंदिर मैं भी नियमित पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं. पंढरपुर में अषाढ़ी एकादशी पर विशेष पूजा अर्चना का आयोजन होता है. यह पूजा अर्चना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है. महाराष्ट्र में सरकार किसी की हो और कोई भी मुख्यमंत्री आषाढी एकादशी की पूजा करे लेकिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस पूजा में जरूर मौजूद रहते हैं.

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Last Updated :Sep 29, 2022, 2:23 PM IST

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