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कामयाबी के नये आयाम रचता बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ, महाराष्ट्र में रोजाना सप्लाई होता है 40 हजार लीटर दूध

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Published : Oct 23, 2021, 10:41 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 9:16 AM IST

पांच सालों में बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ ने पायी नई ऊंचाई. डेयरी प्लांट रोजाना दुग्ध समितियों से करीब 80 हजार लीटर दूध खरीदता है. खास बात ये है कि इसका 50 फ़ीसदी दूध प्रतिदिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भेजा जा रहा है. अन्य कई राज्यों ने भी बुंदेलखंड दुग्ध संघ से दूध खरीदने के लिए रुचि दिखाई है.

Bundelkhand Co operative Milk Federation creating dimension of success
कामयाबी का आयाम रचता बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ

सागर। अपनी स्थापना के महज पांच सालों में बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ ने सफलता के कई आयाम रचे हैं. दुग्ध उत्पादों की उच्च गुणवत्ता के कारण बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ का दूध महाराष्ट्र में मशहूर हो रहा है. यूपीए सरकार के समय दिए गए बुंदेलखंड विकास पैकेज से दुग्ध संघ की आधारशिला रखी गई थी और आज यह दुग्ध संघ पूरी तरह से ऑटोमेटिक तरीके से संचालित हो रहा है. खास बात ये है कि बुंदेलखंड के दुग्ध उत्पादक किसानों की मेहनत के कारण महज 5 सालों में दुग्ध संघ जबलपुर और ग्वालियर दुग्ध संघ से आगे निकल गया है.

कामयाबी का आयाम रचता बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ
महाराष्ट्र में रोजाना 30-40 हजार लीटर दूध की सप्लाई

आर्थिक बदहाली और पिछड़ेपन के लिए जाने जाने वाला बुंदेलखंड अब धीरे-धीरे सफलता के आयाम रच रहा है. ये डेयरी प्लांट रोजाना दुग्ध समितियों से करीब 80 हजार लीटर दूध खरीदता है. खास बात ये है कि इसका 50 फ़ीसदी दूध प्रतिदिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भेजा जा रहा है. अन्य कई राज्यों ने भी बुंदेलखंड दुग्ध संघ से दूध खरीदने के लिए रुचि दिखाई है.

मिलावट से दूर दुग्ध उत्पादक

बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के प्रबंधक जितेंद्र गहलोत बताते हैं कि कम समय में बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ की सफलता का कारण यहां भैंसों की अधिकता और दुग्ध उत्पादकों का मिलावट से दूर रहना है. यहां के दुग्ध उत्पादकों द्वारा मिलावट नहीं किए जाने के कारण दुग्ध संघ के दूध और अन्य उत्पादों की गुणवत्ता काफी अच्छी है. इसी गुणवत्ता के चलते यहां के दूध की काफी मांग है.

प्रबंधक जितेंद्र गहलोत बताते हैं कि इस प्लांट का दुग्ध संयंत्र पूरी तरह से ऑटोमेटिक है. मध्य प्रदेश का यह पहला ऑटोमेटिक प्लांट है, इसके संचालन के लिए कम-से-कम लोगों की जरूरत होती है. वही पहले की मात्रा में ज्यादा मात्रा में दूध खरीद कर उसके उत्पाद बनाए जा रहे हैं. भविष्य में इसकी क्षमता और बढ़ाने की योजना है. इसके लिए बुंदेलखंड से लगी राज्यों की नजदीकी सीमा पर दुग्ध व्यवसाय बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated :Oct 24, 2021, 9:16 AM IST

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