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अभी और हिलेगा कांग्रेस का सिंहासन! रीवा से सिद्धार्थ तिवारी के समर्थन में उतरे कई कांग्रेसी पार्षद, इनके पीछे जाएंगे कई कार्यकर्ता

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 9:50 AM IST

Big Blow to Madhya Pradesh Congress: रीवा से सिद्धार्थ तिवारी के समर्थन में कई कांग्रेसी पार्षद उतर आए हैं, फिलहाल इनके कई कार्यकर्ता भी पार्टी छोड़ बीजेपी में जा सकते हैं.

Big Blow to Madhya Pradesh Congress
अभी और हिलेगा कांग्रेस का सिंहासन

MP Chunav 2023:मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मियों के बीच नेताओं के दल बदलने का दौर शुरु है, जिसके चलते राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है. हाल ही में रीवा के कद्दावर नेता और व्हाइट टाइगर पंडित श्रीनिवास तिवारी के पोते और कांग्रेस विधायक स्व. सुंदर लाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. अब सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी में शामिल होते ही रीवा के राजनीति में बडा सा भूचाल आ गया और कांग्रेस की मुश्किलें काफी बढ गई हैं. फिलहाल कांग्रेस कार्यकर्ता अब सिद्धार्थ तिवारी के समर्थन में उतरे हैं और कांग्रेस छोड़ने का मन बना रहे हैं.

पार्षद समेत सैंकड़ों कांग्रेसी ले सकते है बीजेपी के सदस्यता:कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी में जाते ही कांग्रेस की मुश्किलें और भी बढ़ गई, इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता दिखाई दे रहा है. सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी में शमिल होने से ठीक बाद तिवारी के समर्थक और वार्ड क्रमांक 26 के वर्तमान कांग्रेस पार्षद स्वतंत्र शर्मा ने पार्टी को अपना त्याग पत्र सौंप दिया था, जिसके बाद एक कर कई कांग्रेसी नेताओं ने स्तीफों की झड़ी लगा दी है. सिद्धार्थ

बीते दिनों सिद्धार्थ तिवारी हुए थे बीजेपी में शामिल:बीते दिनों कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था, ऐसे में उनके समर्थक स्वतंत्र शर्मा भी उनके समर्थन में अपने नेता के साथ बीजेपी में जानें की बात कह रहें है. अब इनके खेमे में सैकड़ों ऐसे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता है जो इनके साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस का हाल पहले से भी ज्यादा बेहाल होने वाला है और अगामी चुनाव में इसका अच्छा खासा खामियाजा भी कांग्रेस को भुगताना पड़ सकता है.

पंडित श्रीनिवास तिवारी के पोते है सिद्धार्थ तिवारी:बता दें की पंडित श्रीनिवास तिवारी की विंध्य ही नहीं प्रदेश सहित समूचे देश में अपनी अलग पहचान थी, वह सफेद टाइगर के नाम से मशहूर थे. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई समेत पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी भी श्रीनिवास तिवारी की राजनीती से काफी प्रभावित थीं. ठीक इसी तरह श्रीनिवास तिवारी के पुत्र स्व. सुंदर लाल तिवारी भी एक कट्टर कांग्रेसी नेता थे, लेकीन 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट बटवारे ने कांग्रेस का बना बनाया समीकरण बिगाड़ कर रख दिया और सिद्धार्थ तिवारी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में दा कर मिल गए.

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पार्टी की नेताओं से नाराज होकर छोड़ा कांग्रेस का हाथ:कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के कहने पर सिद्वार्थ तिवारी ने रीवा जिले के त्योंथर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन पार्टी वरिष्ठ नेताओं के रवैए से नराज और टिकट न मिलने की भनक लगते सिद्धार्थ तिवारी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ा और बीजेपी का दामन थाम लिया. सिद्धार्थ तिवारी ने बीते दिनों सीएम शिवराज के हाथों भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिसके बाद कांग्रेस को रीवा से बड़ा झटका लगा. अब सिद्वार्थ तिवारी के समर्थक, सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता के साथ जल्द ही बीजेपी के खेमे में जा सकते है. पंडित श्रीनिवास तिवारी और उनके पुत्र सुंदर लाल तिवारी के स्वर्गवासी होने के बाद रीवा से कांग्रेस का अस्तित्व ही गर्त में चला गया था. पिता और दादा की विरासत को संभाल कर रखने वाले सिद्धार्थ तिवारी भी अब भाजपा के हो गए. ऐसे में रीवा से कांग्रेस की स्थिती अब बद बदतर होती दिखाई दे रही है.

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