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कोविड सेंटर में महिला की मौत के बाद पति ने किया हंगामा

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Published : May 5, 2021, 7:19 AM IST

जिला चिकित्सालय कोविड वार्ड में एक मरीज ने उपचार के बाद दम तोड़ दिया. महिला की मौत के बाद परिजनों ने जिला चिकित्सालय में जमकर हंगामा खड़ा किया.

District hospital
जिला चिकित्सालय

नीमच। जिला चिकित्सालय कोविड वार्ड में इलाज के अभाव में एक मरीज के दम तोड़ने का मामला सामने आया है. यहां एक महिला का बीते कुछ दिनों से उपचार चल रहा था. मंगलवार को दोपहर पेट मे दर्द उठने के बाद महिला की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों ने जिला चिकित्सालय में जमकर हंगामा किया. मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा.


परिजनों का आरोप डॉ. ने कि रुपयों की मांग

परिजनों ने चिकित्सक पर आरोप लगाए हैं कि चिकित्सक द्वारा उनसे पैसे की मांंग की जा रही थी. इतना ही नहीं मौत के बाद शव देने में भी आनाकानी की जा रही थी. मामले की सूचना पर केंट बल और नायब तहसीलदार प्रशस्ति सिंह मौके पर पहुंची. जहां मृतक महिला के पति ने उनके सामने भी जमकर हंगामा किया और हंगामे के दौरान मृतक महिला के पति ने चिकित्सक के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी किया. महिला के पति ने यहां तक कह दिया कि यदि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वो खुद को पेट्रोल डालकर आग लगाकर आत्महत्या कर लेगा.

मृतक के पति ने लगाए आरोप

मृतक के पति ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी पत्नी मदीना के पेट मे अचानक दर्द उठा और मैंने चिकित्सकों को देखने के लिए कहा, तो कोई भी देखने नहीं आया. इसी दौरान मेरी पत्नी ने तड़प-तड़प कर जान दे दी. जब हमारे द्वारा शव ले जाने के लिए चिकित्सक से बात की गई, तो उन्होंने शव ले जाने से मना कर दिया. साथ ही हमें धमकी दी कि तुम्हारे पत्नी का शव 7 दिन तक अस्पताल में ही सड़ाऊंगा. इसके बाद परिजनों ने जबरदस्ती जिला अस्पताल से महिला का शव उठा लिया.

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डॉ. ने आरोपों को किया खारिज

वहीं, संबंधित चिकित्सक डॉ. समयक गांधी ने कहा कि उनपर झूठे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि, 'मैं जिला चिकित्सालय में काफी लंबे समय से कार्यरत हूं. मेरे द्वारा कभी भी किसी भी व्यक्ति से रुपयों की मांग नहीं की गई है. मदीना बी की उपचार के दौरान मौत हो गई है. उनके पति मोहम्मद सद्दीक व उनके परिजनों द्वारा मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया गया है. शव ले जाने की बात पर मैंने केवल इनसे थोड़ी देर रुकने को कहा था. साथ ही लिखा पढ़ी करने के बाद ही शव देने की बात कही थी, लेकिन मोहम्मद सद्दीक व इनके परिजनों द्वारा जिला अस्पताल से जबरदस्ती शव उठा लिया गया है.

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