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शहीद हुआ जिले का लाल, नहीं देख पाया अपनी पहली संतान का मुंह

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Published : Jan 11, 2021, 8:01 PM IST

मंडला में शहीद संदीप मरावी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

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शहीद का अंतिम संस्कार

मंडला।जिले की पुण्यभूमि से सरहद की रक्षा करते हुए बहुत से जवान शहीद होकर मां भारती की सुरक्षा के लिये अपना अंतिम बलिदान दे चुके हैं. पिछले दिनों मंडला की माटी के एक और लाल ने सरहद की सुरक्षा करते हुए अपना बलिदान देकर मातृभूमि के प्रति अपने ऋण को चुकाया है.

मवई ब्लॉक के बहरमुंडा पौंडी निवासी जगत मरावी के 45 वर्षीय पुत्र संदीप मरावी ने सैना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का फैसला लिया. सैना में भर्ती होकर सरहदों की सेवा करते रहे.जो वर्तमान में जम्मू कश्मीर में सरहद की सुरक्षा कर रहे थे. जहां सर्दी- जुखाम और बुखार की शिकायत हुई, जवान का इलाज सैन्य चिकित्सालय में चल रहा था. जहां शनिवार को उन्होनें अंतिम सांस ली.

शहीद का अंतिम संस्कार

शोक की लहर

यह जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया. पूरे सम्मान के साथ सोमवार को तिरंगे में लिपटे इनके पार्थिव शरीर को गृह ग्राम बहरमुंडा लाया गया. जिसके आते ही परिजनों सहित वहां मौजूद जनमानस की आंखे भीग गयी. सैन्य अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व हजारों लोगों के बीच परिजनों द्वारा शहीद संदीप सिंह मरावी का अंतिम संस्कार किया गया. सेना के जवानों द्वारा शोक फायर के साथ राजकीय सम्मान दिया गया.

13 साल से कर रहे थे सन्तान प्राप्ति का इंतजार

संदीप सिंह का विवाह 13 वर्ष पूर्व हुआ जो अब तक संतान न होने के कारण 13 वर्षों तक संतान सुख से वंचित रहे और विधाता का लेख देखिये के जब इन्हें संतान की प्राप्ति होने को है तब ये वीरगति को प्राप्त हो गये.

शहीद को अंतिम विदाई देने हुजूम उमड़ा. जिसमें जवानों के साथ ही जनप्रतिनिधि और ग्रामीण, जिले के पुलिस विभाग के अधिकारी,मवई,मोतीनाला थाना के समस्त अधिकारी-कर्मचारी के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक प्लाटून ( सम्मान गॉर्ड ) के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल शामिल थें.

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