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सैनिक भाईयों के हाथों में स्कूली बहनों ने बांधा राखी का प्यार

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Published : Aug 8, 2019, 10:03 PM IST

जबलपुर के मालवीय चौक पर स्कूली छात्राओं ने सैनिक भाईयों के हाथों में रीखी बांधी. वही सैनिक भाईयों ने कहा समाज से मिले प्यार की वजह से देश के रक्षा की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है.

सैनिक भाईयों के हाथों में स्कूली बहनों ने बांधा राखी का प्यार

जबलपुर। राखी एक धागे की डोर है जिसको बहन भाई की कलाई पर प्रेम पूर्वक बांधती है और सदा विजयी होने का आर्शीवाद देती है. भाई बहन की रक्षा के बन्धन के डोर से लिपट जाते है, कुछ इसी तरह जबलपुर स्कूली छात्राओं ने सैनिक भाईयों को राखी बांधी.

जबलपुर के मालवीय चौक पर हर साल राखी बांधने की कार्यक्रम होता है. कई सैनिक ऐसे होते हैं जिन की सगी बहन नहीं होती और कई छात्राएं ऐसी होती हैं जिनके सगे भाई नहीं होते. जिस छात्रा के भाई नहीं होता कार्यक्रम के माध्यम से उसे भाई और जिस सैनिक के बहन नहीं होती उसे बहन मिल जाती है.

सैनिक भाईयों के हाथों में स्कूली बहनों ने बांधा राखी का प्यार

राखी बांधने के बाद भाई बहन का ये रिश्ता जिंदगी भर चलता है. सैनिक भाई इस रिश्ते को निभाते हैं. आज आयोजित कार्यक्रम में एक मुस्लिम सैनिक भी पहुंचा, जब उन्हें राखी बांधी गई तो उनका कहना था कि वे पहले ही देश भक्ति से सराबोर हैं और देश की रक्षा करने के तैनात हैं और जब उन्हें समाज से इतना प्यार मिलता है तो जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है.

जबलपुर मैं सेना का बड़ा कैंप है और बड़ी तादाद में जबलपुर में सैनिक ड्यूटी करते हैं. कई सैनिक सालों अपने घर नहीं जा पाते इस वजह से वे पारिवारिक त्योहारों से भी वंचित रह जाते हैं इसलिए जबलपुर में हर साल स्कूली छात्राएं सेना के जवानों को राखियां बांधती है.

Intro:जबलपुर मैं स्कूली छात्राओं ने सैनिकों को राखी बांधी सैनिकों का कहना समाज से मिले प्यार की वजह से देश की रक्षा की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गईBody:रक्षाबंधन का त्यौहार करीब आ रहा है और जो लोग घर से बाहर हैं उन्हें त्यौहार पर यदि छुट्टियां नहीं मिलती हैं तो वे इस त्यौहार से वंचित रह जाते हैं और सबसे ज्यादा समस्या सैनिकों के सामने आती है क्योंकि उन्हें जल्दी-जल्दी छुट्टियां नहीं मिल पाती

जबलपुर मैं सेना का बड़ा कैंप है और बड़ी तादाद में जबलपुर में सैनिक ड्यूटी करते हैं कई सैनिक सालों अपने घर नहीं जा पाते इस वजह से वे पारिवारिक त्योहारों से भी वंचित रह जाते हैं इसलिए जबलपुर में हर साल स्कूली छात्राएं सेना के जवानों को राखियां बांधती है जबलपुर के मालवीय चौक पर हर साल या कार्यक्रम होता है इसमें कई सैनिक ऐसे भी होते हैं जिन की सगी बहने नहीं होती और कई छात्राएं सी होती हैं जिनके सगे भाई नहीं होते और इस कार्यक्रम के बाद यह रिश्ता सालों साल चलता है और सैनिक भाई इस रिश्ते को निभाते हैंConclusion:इस त्यौहार में एक मुस्लिम सैनिक भी पहुंचा जब उन्हें राखी बांधी गई तो उनका कहना है कि वे पहले ही देश भक्ति से सराबोर हैं और देश की रक्षा करने के तैयार हैं और जब उन्हें समाज से इतना प्यार मिलता है तो जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है

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