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Madhya Pradesh Coal Crisis: पावर प्लांट के पास सिर्फ तीन दिन का स्टॉक, त्योहारों में हो सकता है बिजली संकट

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Published : Oct 9, 2021, 10:04 PM IST

Updated : Oct 10, 2021, 12:20 PM IST

मध्य प्रदेश में बिजली संकट की आशंका दिखाई दे रही है. बिजली विभाग के रिटायर्ड अधिकारी का कहना है कि प्रदेश में केवल 223 लाख मीट्रिक टन कोयला बचा है, जो केवल तीन दिन तक चलेगा. यदि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो बिजली संकट से गुजरना पड़ेगा. हालांकि प्रदेश के उर्जा मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोयले की कमी से एक भी पावर प्लांट नहीं रुकेगा.

Madhya Pradesh Power crisis
मध्य प्रदेश में बिजली संकट

जबलपुर।पूरे देश में बिजली बनाने के लिए कोयले का संकट (Coal Crisis) छाया हुआ है. देश भर में 135 पावर हाउस है, जहां कोयले से बनाई बिजली जाती है. इनमें से 110 पावर हाउस की स्थिति कोयले को लेकर गड़बड़ हो गई है. मध्य प्रदेश की बात करें तो वर्तमान स्थिति में 223 लाख मीट्रिक टन कोयला मध्य प्रदेश के पास है. जिससे बिजली बनाई जा सकेगी. यह कोयला मात्र 3 दिन में खत्म हो जाएगा. हालांकि प्रदेश के उर्जा मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोयले की कमी से एक भी पावर प्लांट नहीं रुकेगा.

मध्य प्रदेश में बिजली संकट

मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार से नहीं मांगी मदद

बिजली विभाग के रिटायर्ड अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में जितनी खपत बिजली की होती है. यह कहने से गुरेज नहीं होगा कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश बिजली संकट से जूझ रहा होगा. इस ओर सरकार का ध्यान भी नहीं जा रहा है. जबकि देश के कई राज्यों ने प्रधानमंत्री से कोयले की कमी को लेकर पत्र भी लिखे हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में इस तरह का कोई भी पत्राचार केंद्र सरकार से नहीं किया गया है.

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मध्य प्रदेश पावर वितरण कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने गुहार लगाई है कि मध्य प्रदेश सरकार आने वाले बिजली संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगे. ताकि अगले सीजन में आने वाली रबी की फसल के लिए किसानों को बिजली मिल सके.

सप्लाई में दिक्कत नहीं होगी- प्रद्युम्न सिंह

मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भरोसा दिलाया कि कोयले की कमी से थर्मल पावर प्लांट की कोई भी यूनिट बंद नहीं होने दी जाएगी. कोल इंडिया को बकाया राशि के भुगतान के लिए व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कोयले का संकट पूरे देश में है, लेकिन बिजली सप्लाई की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.

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कई इकाइयों में रुका उत्पादन

बिजली संयंत्रों को रोजाना कोयले के एक या दो रैक ही मिल पा रहे हैं. खंडवा और सिंगाजी बिजली संयंत्र में चार में से तीन इकाइयां ही चल पा रही हैं. वह भी पूरी क्षमता के साथ नहीं चलाई जा रही है. बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता के साथ चलाने के लिए प्रतिदिन 34 हजार टन कोयले की जरूरत होती है. बीरसिंहपुर संयंत्र में भी महज 678 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है, जबकि इसकी क्षमता 1340 मेगावाट है. यहां भी एक इकाई में उत्पादन रोक दिया गया है. सारनी में भी चार इकाईयां बंद पड़ी हैं. यहां दो यूनिट्स में 508 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन हो रहा है.

Last Updated : Oct 10, 2021, 12:20 PM IST

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