ग्वालियर। तीन साल पहले ग्वालियर स्मार्ट सिटी ने शहर के लोगों को फिटनेस को ध्यान में रखते हुए पब्लिक बाइक शेयरिंग स्कीम की शुरुआत की थी. इस योजना का शुभारंभ काफी जोर-शोर से किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य शहर के वायु प्रदूषण को कम करना था. शहर के लोगों की फिटनेस को ध्यान में रखते हुए भी इस योजना की शुरुआत की गई थी. लेकिन स्मार्ट सिटी की ये स्कीम पूरी तरह से फेल हो चुकी है. क्योंकि 2 साल से कोरोना संक्रमण होने के कारण शहर के 50 डाक स्टैंड पर रखी 500 से ज्यादा साइकिल पूरी तरह कबाड़ में तब्दील हो चुकी है.
500 स्मार्ट साइकिल हुई कबाड़
मार्च 2020 में शहर में लॉक डाउन लग गया था, तब से लेकर अब तक स्मार्ट सिटी का एक करोड़ का पब्लिक बाइक शेयरिंग प्रोजेक्ट कबाड़ में तब्दील हो गया है. शहर के 50 डाक स्टेशन पर रखी 500 से अधिक स्मार्ट साइकिल कबाड़ में तब्दील हो चुकी है. इन स्टेशन पर रखी 70 फीसदी से अधिक स्मार्ट साइकिल खराब और न चलने की स्थिति में है. इन साइकिलों का मेंटेनेंस लंबे अरसे से नहीं किया गया है. अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि स्टेशनों पर रखी इन अधिकतर साइकिलों में सीट गायब है तो किसी के पहिए में डग है. हालांकि स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह का कहना है कि 2 साल से संक्रमण होने के कारण साइकिलों का मेंटेनेंस नहीं हो पाया है लेकिन अब कोरोना कर्फ्यू हट चुका है, अब इस प्रोजेक्ट को जल्द ही शुरू किया जाएगा. ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके.
3 साल पहले हुई थी शुरुआत
स्मार्ट सिटी ने निजी कंपनी याना के साथ मिलकर शहर के लोगों को स्वस्थ बनाने और पर्यावरण में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके पब्लिक बाइक शेयरिंग की योजना की शुरुआत की थी. योजना का शुभारंभ होने के बाद धीरे-धीरे शहर के लोग इस योजना से जुड़ेने लगे थे. लेकिन योजना की शुरुआत के 6 महीने बाद ही कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लग गया और शहरवासी घरों में कैद हो गए. सब कुछ बंद होने के कारण साइकिलिंग के प्रति लोगों का रुझान भी कम हो गया. तब से लेकर अब तक यह साइकिलें स्टैंड पर धूल खा रही है और कई साइकिलें तो कबाड़ में तब्दील हो चुकी है.