ग्वालियर। शहर की कराटे खिलाड़ी दुर्गादास ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीतकर न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है. दुर्गा ने हाल में ही मलेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय एशियन कराटे चैंपियनशिप में 21 आयु वर्ग की श्रेणी में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफलता हासिल की है.
MP की बेटी ने बढ़ाया प्रदेश का मान, अंतरराष्ट्रीय एशियन कराटे चैंपियनशिप में जीता ब्रॉन्ज मेडल
शहर की कराटे खिलाड़ी दुर्गादास ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीतकर न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है.
बता दें कि कुछ दिन पहले मलेशिया में एशियाई देशों की कराटे चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. जिसमें भारत की जूनियर और सीनियर खिलाड़ी ने हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता में ग्वालियर की रहने वाली दुर्गा ने कई देशों के खिलाड़ियों को हराकर ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. दुर्गा का कहना है कि इस तरह की प्रतियोगिता में मेडल जीतना अपने आप पर गौरवान्वित करने वाला क्षण है. आने वाले समय में वह अपनी प्रेक्टिस पर और ज्यादा ध्यान देगी ताकि आने वाली टूर्नामेंट में भारत के लिए गोल्ड ला सके. वहीं दुर्गा की सफलता को लेकर उनके परिवार वाली भी खासे उत्साहित हैं.
गौरतलब है कि दुर्गादास का परिवार मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करता है. दुर्गा सिटी सेंटर लाते की झुग्गी बस्ती में रहती है. वह जब 12 साल की थी तब से कराटे और मिक्स मार्शल आर्ट खेलती है. अपने बेहतरीन खेल की बदौलत ही दुर्गा ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत के लिए मेडल जीते हैं.
Body:दरअसल कुछ दिन पहले ही मलेशिया में एशियाई देशों की कराटे चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था जिसमें भारत की जूनियर एवं सीनियर खिलाड़ी ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में ग्वालियर की रहने वाली दुर्गा ने कई देशों के खिलाड़ियों को हराकर ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। दुर्गा का कहना है कि इस तरह की प्रतियोगिता में मेडल जीतना अपने आप पर गोरवांबित करने वाला क्षण है। आने वाले समय में वह अपनी प्रेक्टिस पर और ज्यादा ध्यान देगी ताकि आने वाली टूर्नामेंट में भारत के लिए गोल्ड ला सके। वहीं दुर्गा की सफलता को लेकर उनके परिवार वाली भी खासे उत्साहित हैं दुर्गा की मां का कहना है कौन है बहुत खुशी होती है जब दुर्गा दूसरी देश में खेली जाती है और भारत के लिए मेडल लेकर आती है।
Conclusion:गौरतलब है कि दुर्गादास का परिवार मजदूरी करके भरण पोषण का काम करता है दुर्गा सिटी सेंटर लाते की झुग्गी झोपड़ी में रहती है। वह जब 12 साल की थी तब से कराटे और मिक्स मार्शल आर्ट खेलती है अपने बेहतरीन खेल की बदौलत ही दुर्गा ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत के लिए मेडल जीते हैं।
बाइट - दुर्गादास कराटे खिलाड़ी
बाईट - दुर्गा की मां