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सावरकर पर विवाद: पोते रंजीत का औवेसी को जवाब, 5 हजार साल पुराने इतिहास का कोई एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता

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Published : Oct 13, 2021, 5:09 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 5:30 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद सावरकर फिर से सियासत की धुरी बन गए हैं. भागवत और राजनाथ के सावरकर पर दिए बयान पर अब कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया आ रही है.

सावरकर पर विवाद
सावरकर पर विवाद

भोपाल/रायपुर। वीर सावरकर को लेकर दिए मोहन भागवत के बयान के बाद एक बार फिर देश और मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. मोहन भागवत के बयान के बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "सावरकर के बारे में झूठ फैलाया गया. बार-बार, यह कहा गया कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दायर कर जेल से रिहा करने की मांग की. महात्मा गांधी ने ही उन्हें दया याचिका दायर करने के लिए कहा था."

सावरकर टू नेशन थ्योरी के जनक

मोहन भागवत और राजनाथ सिंह के बयान पर अब कांग्रेस से लेकर अन्य विपक्षी दल हमलावार हो गए हैं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने विनायक दामोदर सावरकर के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा है. भारत देश के बंटवारे के लिए सीएम बघेल ने सावरकर को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि "सबसे पहले देश को बांटने का प्रस्ताव सावरकर ने दिया था. जिसे बाद में मुस्लिम लीग ने अपनाया. टू नेशन थ्योरी का जन्म सावरकर के प्रस्ताव से ही हुआ है. इसलिए देश के बंटवारे के लिए सावरकर जिम्मेदार हैं."

सावरकर ने सबसे पहले देश को बांटा-सीएम बघेल

सीएम बघेल यहीं नहीं रुके उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सावरकर वाले बयान को लेकर राजनाथ सिंह पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि उस समय सावरकर कहां थे और महात्मा गांधी कहां थे? सावरकर जेल में थे तो महात्मा गांधी की उनसे बात कैसे हुई? उन्होंने आगे कहा कि सावरकर ने दया याचिका दाखिल की और उसके बाद अंग्रेजों के साथ ही रहने लगे. 1925 में जेल से छूटने के बाद सावरकर ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 'टू नेशन थ्योरी' की वकालत की थी.

महात्मा गांधी की जगह सावरकर को न बना दें राष्ट्रपिता

इधर हैदराबाद से सांसद और AIMIM पार्टी के प्रमुख ओवैसी ने ट्विटर पर कई ट्वीट कर राजनाथ सिंह के बयान पर आपत्ति जताई है. ओवैसी ने ट्विटर पर एक लेटर शेयर करते हुए दावा किया है कि ये महात्मा गांधी ने सावरकर को लिखा था. ओवैसी ने लिखा कि सावरकर को लिखे लेटर में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के सामने दया याचिका डालने का कोई जिक्र नहीं किया है. ओवैसी ने लिखा कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने पहली याचिका 1911 में डाली थी, तब गांधी अफ्रीका में थे. सावरकर ने फिर 1913-14 में याचिका दाखिल की थी. औवेसी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए ये भी कहा कि ये लोग इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो महात्मा गांधी को हटाकर सावरकर को राष्ट्रपति बना देंगे ये लोग.

"भारत जैसे देश में एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता"

इधर असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर विनायक दामोदर राव सावरकर के पोते रंजीत सावरकर का बयान आया है. उन्होंने कहा कि "भारत जैसे देश में एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता है. ऐसे हजारों लोग हैं जिन्हें भूला दिया गया है. भारत 50-100 साल पुराना देश नहीं है. हजारों साल पुराना देश है."

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सावरकर पर जारी सियासी बयानबाजी अब मध्य प्रदेश तक आ गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मोहन भागवत और राजनाथ सिंह के बयान का समर्थन किया है. वीडी शर्मा ने कहा कि " वीर सावरकर एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. वे देश के पहले क्रांतिकारी थे जिनको जीवन में दो आजीवन कारावास हुए." भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि तथाकथित देश विरोधी ताकतें, वामपंथी और कांग्रेस सावरकर के बारे में झूठ फैला रही है. सावरकर को लेकर षडयंत्र रचने का काम दुर्भाग्यपूर्ण है.

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वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि "भाजपा और उनके नेताओं का देश के स्वतंत्रता आदोलन में कोई योगदान नहीं है. अब इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी के नेता क्यों नहीं बताते हैं कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगकर मांगकर रिहा होने के बाद अखंड भारत के सपने को तोड़ने के लिए क्यों काम किया. भारत छोड़ो आंदोलन का क्यों विरोध किया." कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गोडसे का महिमामंडन करने वाले, गांधी की हत्या में गोडसे का साथ देने वाले सावरकर जैसे लोग रहे हैं. भाजपा के नेता इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं. भाजपा को ये ओछी राजनीति है और देश की जनता सब जानती है."

Last Updated : Oct 13, 2021, 5:30 PM IST

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