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MP News: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने MPPSC के अधिकारियों को क्यों बताया अनपढ़

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Published : Jun 15, 2023, 2:21 PM IST

पिछले महीने मध्य प्रदेश राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 (MPPSC Pre Exam 2022) में एक प्रश्न हटाने के फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है. अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आंसरशीट से एक प्रश्न हटाने को लेकर एमपीपीएससी में बैठे अफसरों को अनपढ़ बताया है. दिग्विजय सिंह ने इस मामले में राज्य सरकार को भी घेरा है.

MPPSC Pre Exam 2022 controversy
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने MPPSC के अधिकारियों को क्यों बताया अनपढ़

भोपाल। एमपीपीएससी द्वारा आंसरशीट से विवादित प्रश्न हटाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार को आड़े हाथ लिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी इस मामले में राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया "जब भाजपा अनपढ़ सदस्यों को MPPSC में सदस्य बनाएगी और अनपढ़ लोगों की बनायी उत्तर कुंजी से प्रश्न पत्र बनाकर उसमें ग़लत उत्तर से नंबर देगी तो यही होगा." इससे पहले कमलनाथ ने भी ट्वीट कर सवाल किया था जिसमें उन्होंने लिखा था "मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्यसेवा 2022 परीक्षा की आंसरशीट विवादों में आ गई है. एक प्रश्न का उत्तर इस बात से तय नहीं किया जा रहा है कि सत्य क्या है, बल्कि इस बात से तय किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने एक खास तारीख को सही माना और ट्वीट किया."

राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए हटाया प्रश्न :दोनों कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को तथ्य और सत्य के साथ आंसरशीट बनानी चाहिए ना कि राजनीतिक नेतृत्व को खुश करने के लिए. दरअसल, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में एक प्रश्न था कि भारत छोड़ो आंदोलन किस तारीख को शुरू हुआ. इसको लेकर 4 ऑप्शन थे, लेकिन तिथियों को लेकर कन्फ्यूजन था. वहीं दूसरे प्रश्न में पूछा गया था कि मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग कब अस्तित्व में आया था. इसको लेकर भी चार ऑप्शन दिए गए थे. इसमें भी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन था. इसके बाद आयोग ने इन प्रश्नों को हटा दिया.

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अभ्यर्थियों ने भी जताई आपत्ति :एमपीपीएससी द्वारा प्रश्न हटाने को लेकर अभ्यर्थियों ने भी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि इस महत्वपूर्ण परीक्षा में एक-एक अंक से ही रैंकिंग बनती है. ऐसे में 2 प्रश्नों को हटाने से उनकी रैंकिंग बिगड़ेगी. इससे छात्रों का नुकसान होगा. कई छात्र ये आरोप भी लगा रहे हैं कि अगर प्रश्न में दिए गए उत्तर सही हो जाते तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक कथन के अनुसार वह गलत हो जाते और कमलनाथ सही. दरअसल, भारत छोड़ो आंदोलन के जवाब में चार जो ऑप्शन थे. उसमें एक उत्तर 9 अगस्त 1942 था, लेकिन अगर यह जवाब सही हो जाता तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ट्वीट किया गया 8 अगस्त 1942 भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत का कथन गलत हो जाता. ऐसे में इसी को लेकर एमपीपीएससी ने उन प्रश्नों को ही उत्तर कुंजी से डिलीट कर दिया.

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