भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में विधायक का चुनाव लड़ने वाले नेताओं के लिए चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा निर्धारित की गई है. इस बार विधायक का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी 40 लाख रुपए ही खर्च कर सकेंगे. आयोग ने चुनाव में खाने-पीने के सामान से लेकर, झंडा, बैनल, पोस्टर, टेंट के सामान, प्रचार वाहन, गाड़ियों आदि तमाम सामानों का रेट तय कर दिया है. नेताओं को चुनाव में खर्च की गई राशि की एक-एक पाई का हिसाब आयोग को देना होगा. आयोग ने इन नेताओं से चुनाव में खर्च की गई राशि का लिखित ब्यौरा कई बार मांगा, लेकिन जब इन्होंने इसका जवाब नहीं दिया तो आयोग ने इन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दे दिया. MP Election Commission Action
ये है चुनाव आयोग का नियम :चुनाव लड़ने के बाद खर्च का ब्यौरा नहीं देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 ए के अंतर्गत ऐसे प्रत्याशियों को अयोग्य ठहराया जाता है. आयोग के नियमों के मुताबिक चुनाव में नतीजा घोषित होने के महीने भर के अंदर चुनाव में खर्च की गई राशि का हिसाब देना होगा. अगर समय सीमा में खर्च का हिसाब न दिया गया तो आयोग कुछ सालों तक चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य घोषित कर सकता है. इसके अलावा यदि खर्च की गई राशि निर्धारित की गई 40 लाख रुपए की राशि से अधिक पाई जाती है तो जीतने पर निर्वाचन तक रद्द किया जा सकता है. MP Election Commission Action