मध्य प्रदेश

madhya pradesh

लाउडस्पीकर के फैसले को लेकर गर्माई सियासत, आरिफ मसूद ने बताया-दुर्भावना वाला फैसला, रामेश्वर बोले-क्या वे सुप्रीम कोर्ट से बड़े हैं

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 14, 2023, 3:10 PM IST

Updated : Dec 14, 2023, 3:52 PM IST

Arif Masood On Loudspeaker Ban: सीएम की शपथ के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहली कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए. जिसको लेकर राजनीति शुरु हो गई है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने लाउडस्पीकर को बैन करने के फैसले को दुर्भावना वाला फैसला बताया है. जिसको लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि क्या आरिफ मसूद सुप्रीम कोर्ट से बड़े हैं.

loudspeaker ban in madhya pradesh
लाउडस्पीकर के फैसले को लेकर गर्माई सियासत

लाउडस्पीकर बैन पर बोले आरिफ मसूद

भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा पहली कैबिनेट की बैठक में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और खुले में मांस के विक्रय पर रोक लगाई जाने को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस ने सरकार के फैसले का विरोध किया है. कांग्रेस के अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार दुर्भावना से काम कर रही है. उधर कांग्रेस के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है. भाजपा विधायक ने कहा कि ''क्या कांग्रेस विधायक सुप्रीम कोर्ट से बड़े हो गए हैं, यदि उन में हिम्मत है तो वह नियम तोड़कर दिखाएं.''

कैबिनेट बैठक में आधा दर्जन फैसले: मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद मोहन यादव सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट की पहली बैठक बुलाई. बैठक में आधा दर्जन से ज्यादा फैसले लिए गए. बैठक में मध्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के उपयोग पर रोक लगाने के आदेश दिए गए. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गृह विभाग ने तत्काल इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए. गृह विभाग ने 15 दिनों मे प्रदेश भर से लाउडस्पीकरों को लेकर रिपोर्ट तलब की है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में खुले में मीत और अंडा बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है.

कांग्रेस ने जताया फैसले का विरोध:सरकार कै फैसले को कांग्रेस ने दुर्भावना पूर्ण बताया है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि ''अगर उन्होंने रोजगार पर या महंगाई पर फैसला लिया होता तो हम उसका स्वागत करते. उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिसने साबित कर दिया है कि प्रदेश में विकास नहीं दुर्भावना चलेगी. आदेश कोई नया नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मैंने भी अध्ययन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी प्रतिबंध शब्द का उपयोग नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में सीमित आवाज में उपयोग का कहा है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री ने भ्रम फैलाने का काम किया है.'' कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने कहा कि ''सरकार को लाउडस्पीकरों पर रोक नहीं लगानी चाहिए.''

विकास के मुद्दों पर काम करती है भाजपा: उधर प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस जो बयान दे रही है कि सरकार के पहले फैसले में दुर्भावना है, आखिर उन्हें कहां दुर्भावना दिखाई देती है. लाउडस्पीकर और खुले में मांस बेचे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आदेश दे चुकी है. अब यदि इसे लागू करने की बात हो रही है तो इसमें दुर्भावना का सवाल ही नहीं उठाता. जहां तक विकास की मुद्दों का सवाल है सरकार हमेशा विकास के मुद्दों को लेकर ही आगे बढ़ी है. विकास से जुड़े मुद्दे वित्त से जुड़े होते हैं और सदन की कार्रवाई जब होगी तो ऐसे मामलों को लेकर भी फैसले किए जाएंगे.

Also Read:

रामेश्वर शर्मा ने फैसले को बताया ऐतिहासिक:बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ''मोहन सरकार द्वारा जो फैसला लिया गया है वह पूरे प्रदेश में स्वागत योग कदम है. क्योंकि मध्य प्रदेश में बहुत दिनों से यह आवाज उठ रही थी और कई बार कार्रवाई हुई भी है. लेकिन अब पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. ध्वनि नियंत्रण होना चाहिए इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट भी बोल चुकी है. लेकिन जब जिसकी मर्जी होती है वह सड़क पर उतर जाते हैं.''

आरिफ मसूद में हिम्मत हो तो नियम तोड़कर दिखाएं:कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने के मामले पर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ''आरिफ मसूद में दम हो तो वह लाउडस्पीकर चला कर दिखाएं, कानून नाम की चीज है या नहीं. क्या वे सुप्रीम कोर्ट से बड़े हो गए हैं? सर्वोच्च न्यायालय कोई फैसला करता है तो उसका पालन करेंगे या नहीं करेंगे? छाती पीटना बंद करें नियमों से चलना शुरू कर दें.''

Last Updated : Dec 14, 2023, 3:52 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details