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Bhopal Anugunj Program अनुगूंज कार्यक्रम आज से, बच्चों की पढ़ाई का नुकसान कर रहा स्कूल शिक्षा विभाग, 10 करोड़ के बजट की हो रही लीपापोती

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Published : Dec 4, 2022, 3:05 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 3:15 PM IST

एक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए उनका औचक निरीक्षण कर रहे हैं, वही मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी खुद ही बच्चों का भविष्य खराब करने पर तुले हुए हैं. मार्च में बोर्ड परीक्षाओं की तारीख का ऐलान हो चुका है, बावजूद इसके शिक्षा विभाग में अनुगूंज के नाम पर 1 महीने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान करवा रहा है, क्योंकि पूरा खेल 10 करोड़ के बजट का है. रविवार 4 और 5 दिसंबर को 'अनुगूंज' समारोह भोपाल के सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में होगा. जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे.

Anugunj program on 4th and 5th December
अनुगूंज कार्यक्रम 4 और 5 दिसंबर को

भोपाल।मध्यप्रदेश में एक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों का औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं, तो स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों की 1 महीने की पढ़ाई खराब करवा दी और यह भी तब हुआ है जब 2 माह बाद 1 मार्च से बोर्ड परीक्षा शुरू हो जाएंगी. दरअसल स्कूली बच्चों में कल्चरल एक्टिविटीज विकसित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग "अनुगूंज" कार्यक्रम का आयोजन करता है. लेकिन इस कार्यक्रम के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने ही बच्चों की पढ़ाई का नुकसान करवा दिया.

नोडल अधिकारी राजीव तोमर से बातचीत

कार्यक्रम को लेकर 700 से अधिक बच्चों ने की प्रैक्टिस: रविवार 4 और 5 दिसंबर को मुख्य समारोह भोपाल के सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में होगा. जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम के लिए भोपाल के सरकारी स्कूल के 700 से अधिक बच्चे 1 महीने से प्रैक्टिस कर रहे थे, यह प्रैक्टिस भोपाल के ही 10 नंबर के पास स्थित ओल्ड कैंपियन स्कूल में कराई गई. इस प्रैक्टिस के लिए बच्चों को सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक बुलाया जाता था, जिससे कि इनकी पढ़ाई नहीं हो पाई.

कार्यक्रम के चलते बच्चों की पढ़ाई का नुकसान: इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली एक छात्रा के पिता भुवन बताते हैं कि उनकी बेटी कक्षा दसवीं बोर्ड का एग्जाम दे रही है, उसने डांस में हिस्सा लिया है. लेकिन 1 महीने से लगातार उसे सुबह 11:00 से 4:00 बजे तक डांस के लिए बुलाया जाता था ओर प्रैक्टिस होती थी. ऐसे में सुबह उसे 9:00 बजे से इसकी तैयारी करनी पड़ती थी. जबकि शाम को आकर वह थक जाती है तो पढ़ाई नहीं कर पाती, जिससे उसका खासा नुकसान हुआ है और इस बार बोर्ड की परीक्षा भी है.

खराब रिजल्ट का जिम्मेदार कौन: वहीं एक अन्य छात्रा के पिता कृष्ण दास गुप्ता बताते हैं कि स्कूल से प्रैक्टिस सेंटर तक ले जाने के लिए मैजिक वेन के माध्यम से बच्चों को भेजा जा रहा था. अब उनके बच्चे की एक महीने की पढ़ाई खराब हो गई है. दिसंबर के इस महीने में अब बच्चों के प्री बोर्ड के एग्जाम भी होंगे, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का खासा नुकसान हुआ है. शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ खुद को बेहतर सिद्ध करने के लिए बच्चों की पढ़ाई का नुकसान कर रहे हैं. ऐसे में बच्चों का रिजल्ट खराब होगा तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

आज से शासकीय स्कूलों में अनुगूंज कार्यक्रम किया जाएगा आयोजित

कुछ भी कहने से बचते नजर आए नोडल अधिकारी: इधर शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर और अनुगूंज के नोडल अधिकारी राजीव तोमर पूरे मामले को छुपाते हुए नजर आए. उनका कहना था कि स्कूल खत्म होने के बाद बच्चों से प्रैक्टिस कराई गई, जबकि पढ़ाई के नुकसान की बात को भी वह मना करते हुए नजर आए, 1 महीने में से हो रही बच्चों की पढ़ाई के नुकसान पर वो चुप्पी साध गए.

10 करोड़ का सवाल:दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों में कल्चर एक्टिविटी को विकसित करने के लिये अनुगूंज नाम से कार्यक्रम का आयोजन करता है. इस बार यह कार्यक्रम 9 संभागों में हुआ, जिसका मुख्य कार्यक्रम भोपाल में 4 और 5 दिसंबर को होगा, हर संभाग के लिए 10 लाख रुपए दिए गए. जबकि भोपाल में मुख्य कार्यक्रम के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है, जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने इस पूरे आयोजन के लिए 10 करोड़ का बजट रखा है, जो कि स्कूलों की मान्यता से मिलने वाली राशि में से खर्च किया जाएगा. पिछले साल 3 से 4 करोड़ का बजट इसके लिए था, जबकि इस बार लगभग 6 करोड रुपए खर्च करने का अनुमान है. विभाग का कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि इसमें कितना खर्च कहां कहां किया जा रहा है, यह भी विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है.

अनुगूंज जैसे आयोजन की आवश्यकता नहीं:वहीं स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि अनुगूंज जैसे आयोजन की आवश्यकता ही नहीं है, क्योंकि दिसंबर के महीने में ही बच्चों के लिए मोगली महोत्सव और बाल रंग का आयोजन भी होना है. बाल रंग में भी सभी कल्चरल एक्टिविटी को बढ़ावा मिल जाता है, ऐसे में एक और शिक्षा विभाग स्कूलों में सही पढ़ाई नहीं दे पा रहा, वहीं दूसरी ओर ऐसे आयोजन कर बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी खुद ही कर रहा है.

Last Updated : Dec 4, 2022, 3:15 PM IST

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