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विश्व एड्स दिवस विशेष: एड्स के बारे में यह जानकारी है जरूरी

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Published : Dec 1, 2020, 5:39 PM IST

world AIDS Day
विश्व एड्स दिवस के मौके पर सिविल सर्जन से खास बातचीत

आज विश्व एड्स दिवस के मौके पर भिंड जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल ने ईटीवी भारत के जरिए इस बीमारी और उससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी दी है. पढ़ें पूरी खबर...

भिंड।हर साल एक दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. विश्व एड्स दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य HIV संक्रमण यानी AIDS (Acquired immunodeficiency syndrome) के प्रति लोगों को जागरूकता बढ़ाना है. आज दुनिया में करीब 40 लाख लोग एचआईवी(HIV) से संक्रमित हैं. लेकिन समाज में एचआईवी से पीड़ित मरीज के लिए आज भी यह बीमारी किसी अभिशाप से कम नहीं है. एड्स दिवस के मौके पर भिंड जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल ने ईटीवी भारत के जरिए इस बीमारी और उससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी दी है.

विश्व एड्स दिवस

रोकथाम ही एक मात्र इलाज

भिंड जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल ने बताया कि सरकार ने एचआईवी के लिए कुछ नॉर्म्स निर्धारित किए हैं. जिससे इसकी रोकथाम में मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि यह सभी जानते हैं कि एचआईवी में सिर्फ बचाओ ही रोकथाम का एकमात्र जरिया है. HIV पॉजिटिव मरीजों में प्रेग्नेंट महिलाओं के प्रसव बाद उनके नवजात बच्चों का टेस्ट करना अनिवार्य है. जिससे कि एड्स उन बच्चों में न फैले या बच्चों में हो तो समय रहते उनका इलाज किया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीजों का HIV टेस्ट करना भी अनिवार्य है, क्योंकि टीबी के मरीजों को भी एड्स होने की संभावना रहती है. आखिर में माइग्रेट यानी प्रवासी मजदूरों का भी HIV टेस्ट कराया जाता है. क्योंकि बाहर अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों में भी संक्रमण की संभावना रहती है, जो अपने जीवनसाथी को भी कई बार एड्स का रोग दे देते हैं. इसके अलावा उनकी पहचान उजागर नहीं की जाती, जिससे कि वे समाज का हिस्सा बनकर रहें, और दूसरों को यह पता भी न चले की वह बीमार हैं.

विश्व एड्स दिवस के मौके पर सिविल सर्जन से खास बातचीत

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इलाज के लिए सरकार की व्यवस्था

डॉ अनिल गोयल सेजल ने एड्स के इलाज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा एड्स के मरीजों के लिए मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है. जो दवाएं इसके लिए जरूरी है उन्हें निशुल्क वितरण किया जाता है. इसके अलावा जो लोग अस्पताल जाकर दवा नहीं लेना चाहते उनके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाई उनके घर भी पहुंचाई जाती हैं.


भिंड में HIV के हालात

सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल से मिली जानकारी के मुताबिक भिंड में वर्तमान में 219 केस एचआईवी पॉजिटिव एक्टिव हैं. हालांकि भिंड के रिकॉर्ड के मुताबिक 2007 से लेकर वर्तमान तक 724 मरीजों की पुष्टि दर्ज है, लेकिन सिविल सर्जन के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मरीज अन्य जगहों और राज्यों में रह रहे हैं. भिंड जिले में वर्तमान में 219 मरीज ही रजिस्टर हैं. जिन्हें इलाज के लिए दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

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मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार के प्रयास

एचआईवी संक्रमण को लेकर समाज में एक अलग ही माहौल व्याप्त है. लोग एड्स के मरीजों से सामान्य व्यवहार नहीं करते, उन्हें एक तरह से समाज से अलग-थलग कर दिया जाता है. ऐसे में भारत सरकार एचआईवी संक्रमण से ग्रसित मरीजों को मुख्यधारा में बनाए रखने के लिए कई प्रयास कर रही है. सरकार द्वारा बीपीएल कार्ड की सुविधाएं भी दी जाती हैं, ताकि मरीज सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें, रोजगार गारंटी योजना के तहत उन्हें सहायता राशि दी जाती है. जिससे कि घर पर आराम से रह कर अपना इलाज करा सकें. यदि एड्स की वजह से माता पिता की मृत्यु हो जाती है और घर में बच्चे रह जाते हैं, तो उन्हें जीवन यापन के लिए सरकार की ओर से दो हजार रुपये प्रति महीने की मदद भी मुहैया कराई जाती है.


एड्स होने की मुख्य वजह

  • असुरक्षित यौन संबंध
  • संक्रमित खून चढ़ने से
  • एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे भी पॉजिटिव हो सकते हैं
  • इनफेक्टेड ब्लड यूज करने से

    एचआईवी के लक्षण
  • बुखार, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना.
  • वजन घटाना, उल्टी आना, गले मे खराश रहना, दस्त, खांसी होना
  • सांस लेने में तकलीफ, शरीर पर चकत्ते होना और स्किन प्रॉब्लम होना

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