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Dragon Boat Ramanch: अब चम्बल के पानी पर दौड़ेगा ड्रैगन, वॉटर स्पोर्ट्स में बढ़ रही भिंड के युवाओं की रुचि..

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Published : Dec 10, 2022, 10:59 AM IST

Updated : Dec 10, 2022, 11:27 AM IST

चम्बल के युवा आज बंदूक़ की जगह चप्पू थामकर देश विदेश में भिंड जिले का नाम रौशन कर रहे हैं, जिस चम्बल की धरा पर गुजरने में अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते थे... वही भिंड जिला अब खेलों का केंद्र बन रहा है. भिंड में 5 साल पहले केनो ईवीएम कयाकिंग नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था, तब से ही वाटर स्पोर्ट्स यहां के युवाओं का पैशन बन गया है. यही वजह है कि अब भिंड के गौरी सरोवर में ड्रैगन बोट भी दौड़ती नजर आ रहीं हैं. एक नजर भिंड से ETV भारत संवाददाता पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट पर.

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भिंड।जब भी ड्रैगन की बात चलती है तो परिकल्पना में मुँह से आग उगलता एक बड़ा सा जानवर नजर आता है, लेकिन इन दिनों भिंड के गौरी सरोवर में एक नहीं दो-दो ड्रैगन पानी पर दौड़ते नजर आ रहे हैं. आप पढ़कर अचंभित ना हो ये दृश्य अब आगे भी नज़र आएंगे और गौरी सरोवर में एक साथ कई ड्रैगन आगे बढ़ेंगे.. जी हां सुनने में भले ही अजीब हो, लेकिन ये नज़ारे दिखाई देने वाले हैं... क्योंकि शहर के मध्य में बने गौरी सरोवर तालाब पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आगाज होने जा रहा है

अब चम्बल के पानी पर दौड़ेगा ड्रैगन

पहली बार ड्रैगन बोट की राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा का आयोजन:पानी पर दौड़ती ड्रैगन बोट पहली बार क़रीब 5 साल पहले भिंड के गौरी सरोवर में देखी गई थी, उसके बाद से यहां केनो कयाकिंग की ट्रेनिंग शुरू हुई कई नेशनल और इंटरनेशनल प्लेयर और पेराप्लेयर इसी गौरी लेक पर ट्रेनिंग लेकर आगे बढ़े और सफलता हांसिल की. इन दिनों भी गौरी लेक पर राज्य स्तरीय ड्रैगन बोट प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही टीम के खिलाड़ी लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं, भिंड की जूनियर बालिका टीम से हिस्सा ले रही रिया सिकरवार ग्रामीण क्षेत्र रमटा से है, वे करीब एक महीने से यही भिंड में रहकर प्रतिदिन प्रैक्टिस कर रहीं है. वे कहती हैं कि भले ही वाटर स्पोर्ट्स खतरनाक हैं, लेकिन इसके जातीय एक अच्छा भविष्य बनाया जा सकता है. वे आगे आर्मी में जाना चाहती है और वहां भी अपने खेल को जारी रखना चाहती हैं.

वॉटर स्पोर्ट्स में बढ़ रही भिंड के युवाओं की रुचि

बाहर से आए खिलाड़ी गौरी सरोवर में कर रहे प्रैक्टिस:रीवा से आयी खिलाड़ी अवंतिका सिंह परिहार ने बताया कि वे चार वर्षों से वॉटर स्पोर्ट्स में हैं, और इन दिनों चैंपियनशिप के लिए भिंड आईं हैं, यहां पहले से आकर एक टीम के साथ प्रैक्टिस कर रहीं हैं. प्रतिदिन सुबह और शाम प्रैक्टिस सेशन में भाग ले रही हैं. वे अब तक भोपाल स्पोर्ट्स अकैडमी में रहकर ट्रेनिंग ले रही थी. उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बहन भी वॉटर स्पोर्ट्स प्लेयर है, जिनसे प्रेरित होकर वे भी खेल के इसी क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.

गौरी सरोवर में वाटर स्पोर्ट्स इवेंट्स की बहुत संभावनाएं:इस इवेंट के ऑर्गनाइज़ सेक्रेटरी और ICKA के स्थानीय संरक्षक राधे गोपाल यादव ने बताया कि जिले में राज्यस्तरीय ड्रैगन बोट प्रतियोगिता पहली बार गौरी सरोवर पर आयोजित हो रहीं हैं. यादव कहते हैं कि गौरी सरोवर भिंड के लिए वरदान है यहां वाटर स्पोर्ट्स के लिए बहुत संभावनाएं है, इसी गौरी सरोवर से खेलकर पेरा प्लेयर पूजा ओझा ने राष्ट्रपति से सम्मान पाया है. वहीं पेराओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली प्राची यादव ने भी भिंड से ट्रेनिंग की थी, यहां के युवाओं में बहुत पोटेंशियल है जो आने वाले समय में वाटर स्पोर्ट्स के विभिन्न विधाओं में पारंगत हो रहे हैं और भविष्य में होने वाले चैंपियनशिप में 50 प्रतिशत खिलाड़ियों में भिंड के युवा नजर आएंगे.

कई टीम लेंगी चैंपियनशिप में हिस्सा, सुरक्षा के भी पुख़्ता इंतज़ाम:ड्रैगन बोट चैंपियनशिप के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि भारत में वाटर स्पोर्ट्स के लिए चुनिंदा शहरों में ही टीम होती हैं और मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल के बाद सबसे बड़ा सेंटर भिंड ही है इसके अलावा अब ग्वालियर, दतिया, खरगोन, जबलपुर, इंदौर, महेश्वर आदि सभी की टीम इस इवेंट में हिस्सा लेने आने की सम्भावना है. इनके साथ भोपाल अकैडमी से भी एक टीम हिस्सा ले सकती है. वहीं सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम भी किए गए हैं ज्यादातर वाटर स्पोर्ट्स खिलाड़ी पानी के लिए तैराकी में ट्रेंड रहते हैं इसके अलावा सभी खिलाड़ियों के लिए लाइफ जैकेट उपलब्ध रहेंगी, होमगार्ड की टीम भी मौक़े पर मौजूद रहेगी वहीं सुरक्षा के साथ यातायात व्यवस्था बनाने के लिए भी शासन और प्रशासन भी व्यवस्था में लगा हुआ है.

अपार सम्भावनाओं से आने वाले समय में भिंड बन सकता है स्पोर्ट्स हब, पढ़ें उपलब्धि

भिंड के बच्चों को खेल में बढ़ावा देने के लिए आगे आया प्रशासन:इस प्रतियोगिता का आयोजन वैसे तो ऑल इंडिया कैनो कयाकिंग एसोसिएशन द्वारा कराया जा रहा है लेकिन प्रशासन भी इस कार्यक्रम को खेल दृष्टि से पूरा सपोर्ट दे रहा है, भिंड कलेक्टर सतीश कुमार ने बताया कि, आयोजकों द्वारा इस प्रतियोगिता के संबंध में अवगत कराया गया था. चूँकि ये खेल से संबंधित हैं और यहाँ के बच्चों को प्रेरणा मिले क्यूँकि पहले से ही भिंड के खिलाड़ी कॅनोइंग कयाकिंग में आगे गए हैं और नेशनल इंटरनेशनल खेलते हैं जिनके लिए भी प्रशासन पूरे सहयोग में है. इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कलेक्टर ने कहा कि, इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने सुरक्षा, यातायात और एनी व्यस्थाओं के लिए एसडीएम, तहसीलदार और सीएसपी को ऑर्डर जारी किए गए हैं साथ ही होमगार्ड और एसडीआरएफ़ की टीम को भी अलर्ट किया है जिससे प्रतियोगिता के दौरान वे मौक़े पर सभी सुरक्षा उपकरणों के साथ मौजूद रहे जिससे कोई भी अनहोनी की स्थिति में वे तुरंत बचाव कार्य कर सके.

भविष्य बनाने के लिए मिलकर कर रहे काम:खेल प्रशिक्षक हो या प्रशासन लगातार भिंड में तैयार हो रहे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं एक भरोसे के साथ कि कल भिंड के युवा जिले का नाम खेल के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ रौशन करेंगे. कहा जा सकता है कि, कोई पूजा ओझा की तरह राष्ट्रपति से सम्मान दिलाएगा.. तो कोई फिर ओलंपिक का पदक लाएगा.. वाटर स्पॉट्स का हब बनता भिंड कल इसी क्षेत्र में भविष्य बनाएगा.. बदलेगा तस्वीर इस क्षेत्र की कुछ इस तरह.. कि चम्बल के युवाओं के हाथ बंदूक़ नही, बल्कि स्पोर्ट्स बोट का पैडल नजर आएगा.

Last Updated : Dec 10, 2022, 11:27 AM IST

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