सागर। उत्तर प्रदेश की सियासत से निकला बुलडोजर अब मध्य प्रदेश की सियासत में जमकर कमाल दिखा रहा है, अब ये बुलडोजर अब धार्मिक पंडालों में भी चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल बुंदेलखंड में मशहूर कथावाचक बागेश्वर महाराज ने एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि हिंदू जाग रहा है, लेकिन पत्थर खाकर जाग रहा है. बागेश्वर महाराज ने खरगोन रामनवमी की घटना को लेकर भी कहा है कि मैं बुलडोजर खरीदूंगा और ऐसे पत्थरबाजों पर बुलडोजर चलाउंगा. (Controversial statement of Bageshwar Maharaj) (Bageshwar Maharaj on Khargone violence)
क्या है मामला:बुंदेलखंड में छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के बागेश्वर महाराज इन दोनों सागर जिले के बंडा विकासखंड के चील पहाड़ी गांव में कथा कर रहे हैं. इस दौरान कथा को संबोधित करते हुए उन्होंने एक बयान दिया, जिसकी चर्चा अब चारों तरफ हो रही है. उन्होंने बयान में कहा कि 'आज की दो खबरें हैं एक सुखद और एक दुखद, पहली सुखद खबर ये है कि भारत में हिंदू जाग रहे हैं, लेकिन सुन लो दुखद खबर यह है कि पत्थर खाकर जाग रहे हैं. हम निवेदन करेंगे कि आप अपने गांव में क्षेत्र में ऐसा ना हो पाए, इसके लिए आज ही पंडाल से प्रण करके जाओ कि हम सभी हिंदू एक हैं. अभी जो खबरें आ रही हैं, विचित्र खबरें टीवी पर चल रही हैं, हम सब हिंदुओं से प्रार्थना करेंगे कि अभी नहीं जागेंगे, तो यह हर गांव के यही भोगना पड़ेगा. इसलिए निवेदन है कि सभी हिंदू जाग जाओ और पत्थर चलाने वालों के घर पर बुलडोजर चलाओ.'
पत्थर मारने वाले अपने ही सर पर मारेंगे पत्थर:बागेश्वर महाराज ने यह भी कहा कि 'कुछ दिन बाद हम भी बुलडोजर खरीदने वाले हैं अभी पैसा नहीं है, लेकिन हम भी बुलडोजर खरीदेंगे. जो राम के काज पर सनातनी महात्मा, संतों और भारतीय सनातनी हिंदुओं पर पत्थर चलाएंगे, हम उनके घर पर बुलडोजर चलाएंगे. हमारी प्रार्थना है कि हिंदुओं जागो और जो तुम्हारे घर पर पत्थर फेंके, उसके घर पर जेसीबी लेकर चलो. भारत सनातनियों का देश है, सनातनियों के देश में अगर राम की यात्रा पर रामनवमी पर कोई पत्थर मार दे तो बुझदिलों, कायरों जाग जाओ और सब अपने हाथ में हथियार उठा लो. कह दो हम सब हिंदू एक हैं, हम बुलडोजर खरीदेंगे. पूछो क्यों खरीदेंगे? आखिर सरकार कब तक घर गिराएगी, हिंदुओं को गिराना पड़ेगा, जब हर हिंदू गिराने की क्षमता रखेगा, तो पत्थर मारने वाले अपने ही सर पर पत्थर मार लेंगे. उनके इस बयान को भड़काऊ भाषण भी माना जा रहा है.