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MP Water Sharing Disputes: मध्य प्रदेश का इन प्रदेशों से है जल बंटवारे पर विवाद, पढ़िए ये रिपोर्ट...

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Published : Jun 30, 2022, 8:04 AM IST

Updated : Jul 5, 2022, 12:31 PM IST

जल बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश का पड़ोसी राज्यों से विवाद चलता रहता है. हालांकि, यूपी और एमपी के बीच जल बंटवारे को लेकर चल रहे केन बेतवा परियोजना विवाद पर दोनों राज्यों में सहमति बन गई है, लेकिल अभी भी कई राज्यों से जल बंटवारे पर विवाद है. पढ़िए पूरी खबर...(Madhya Pradesh water sharing disputes)

Madhya Pradesh water sharing disputes with other states
मध्य प्रदेश का इन प्रदेशों से है जल बंटवारे पर विवाद

भोपाल।देश में जल बंटवारे को लेकर कई राज्यों में विवाद की स्थिति बनी रहती है. मध्य प्रदेश भी इस तरह के विवाद से अछूता नहीं है. यहां केन बेतवा परियोजना ते तहत पानी को बंटवारे को लेकर उत्तर प्रदेश से विवाद था. सरदार सरोवर डैम से बिजली उत्पादन और पानी के बंटवारे को लेकर मध्यप्रदेश और गुजरात के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है. इसके अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्‍ट्र और राजस्थान के बीच नर्मदा जल के बंटवारे पर विवाद रहता है.

केन बेतवा परियोजना विवाद खत्म

विवाद की फाइल बंद! केन-बेतवा के मिलन से बुंदेलखंड होगा 'मालामाल'

केन बेतवा परियोजना :उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच केन बेतवा परियोजना से पानी के बंटवारे को लेकर 15 साल तक दोनों राज्यों के बीच विवाद चला. बाद में पीएमओ की दो बार हुई मध्यस्थता के बाद दोनों राज्यो ने आपसी सहमति बनाई. इस परियोजना से नंवबर से अप्रैल के बीच मध्य प्रदेश को 1,834 मिलियन क्यूबिक मीटर व यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा. लगभग 35 हज़ार करोड़ रुपए की लागत की इस परियोजना में 90% राशि केंद्र सरकार ने दी थी, जबकि शेष 5-5% की हिस्सेदारी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की है. इस योजना से सागर-विदिशा समेत एमपी के आठ जिलों को पानी मिलेगा.

क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना ? :

  • 2005 में केन बेतवा लिंक परियोजना की बुनियाद रखी गई थी. यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ने की योजना का संकल्प था.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लगभग 44,605 करोड़ की परियोजना का समय निर्धारण करते हुए इसे 8 साल में पूरा करने का निर्णय लिया गया है.
  • मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके मेंं बरसों से पानी की कमी रही है.केन बेतवा लिंक परियोजना के पूरे होने पर लगभग 8 लाख 11हजार हेक्टेयर में कृषि सिंचाई का रकबा बढ़ेगा.
  • मध्य प्रदेश में 62 लाख व्यक्तियों को पीने के शुद्ध जल के साथ ही 126 मेगावाट बिजली मिलेगी.
  • वर्तमान में लगभग प्रदेश में 42 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा है.केन -बेतवा लिंक परियोजना के पूरे होने पर कृषि का रकबा 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर बढ़ जाएगा.

नई नहीं तकरार, जल बंटवारे को लेकर राज्य उठाते रहे हैं सवाल

चंबल जल बंटवारा :चंबल जल बंटवारे को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान में विवाद है. विवाद के कारण चार साल पहले मध्य प्रदेश ने गांधी सागर से राजस्थान के लिए पानी रोक दिया था. जल समझौते के तहत मध्य प्रदेश को 3,300 क्यूसेक पानी दिया जाना होता है. राजस्थान के जर्जर नहरी तंत्र के कारण 700 क्यूसेक पानी का नुकसान बताता है.

सरदार सरोवर डैम से बिजली उत्पादन और पानी के बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच विवाद

सरदार सरोवर डैम :सरदार सरोवर डैम से बिजली उत्पादन और पानी के बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है. यहां सरदार सरोवर बांध में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने को लेकर गुजरात और मध्य प्रदेश के बीच विवाद बना रहता है. एमपी ने गुजरात सरकार पर सरदार सरोवर बांध में मध्य प्रदेश के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है.

मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्‍ट्र और राजस्थान के बीच नर्मदा जल के बंटवारे पर विवाद

मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्‍ट्र और राजस्थान के बीच नर्मदा जल के बंटवारे पर विवाद:मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्‍ट्र और राजस्थान के बीच नर्मदा के पानी के बंटवारे के निर्णय पर वर्ष 2024 में पुनर्विचार से पहले अपने हिस्से के 3.7 मिलियन एकड़ फीट पानी का उपयोग करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ताबड़-तोड़ सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण में जुटी है. सरकार ने पिछले महीनों में दस नई परियोजनाओं को मंजूरी भी दी है, जिससे प्रदेश के हिस्से का पानी प्रदेश में ही रोका जा सके.

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Last Updated :Jul 5, 2022, 12:31 PM IST

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