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साहिबगंज में गंगा नदी में कटाव से कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा, जायजा लेने पहुंची केंद्रीय जल आयोग की टीम

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Published : Dec 22, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 4:29 PM IST

साहिबगंज में गंगा नदी में कटाव से कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. नदी में कटाव की कई केंद्रीय एजेंसियां जांच करने में जुटी है. आईआईटी रुड़की की टीम के निरीक्षण के बाद केंद्रीय जल आयोग की टीम ने गंगा कटाव का जायजा लिया है.

Erosion in river Ganga in Sahibganj
साहिबगंज में गंगा नदी में कटाव का जायजा

साहिबगंज: गंगा नदी में कटाव से किनारे पर बसे दर्जनों घर और करोड़ों की लागत से बने सीवरेज प्लांट के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. संभावित खतरे को देखते हुए समय-समय पर सरकारी एजेंसियां पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रही है. आईआईटी रुड़की की टीम के निरीक्षण के बाद अब मुंगेर से साहिबगंज पहुंची केंद्रीय जल आयोग की चार सदस्यीय टीम ने गंगा कटाव का जायजा लिया है.

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गंगा नदी के जलस्तर की मापी

शहर के ओझा टोली बस्ती में गंगा किनारे बने सीडब्ल्यूसी सेटेलाइट उपकरण के पास गंगा नदी के 500 मीटर अप और डाउन जलस्तर की मापी की गई. सब डिवीजन ऑफिस मुंगेर के सहायक अभियंता दिनेश रजक के मुताबिक कुछ दिनों पहले गंगा का जलस्तर क्या था उसकी मापी की गई है. वहीं बुधवार ( 22 दिसंबर) को वर्तमान जलस्तर की मापी की जाएगी. ताकि ये पता चल सके कि रास्ता बदलने में गंगा नदी की स्पीड क्या है. उन्होंने बताया कि नदी की गहराई कितनी है और गंगा के डिस्चार्ज की स्थिति क्या है. सारी जानकारी को इकट्ठा कर मुख्य अभियंता कार्यालय पटना भेजा जाएगा.

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30 साल पहले की स्थिति में पहुंच रही हैं गंगा

ऐसा माना जाता है कि 30 वर्षों के बाद गंगा नदी अपने मुख्य स्थल पर पहुंचने लगी है. जिसका असर कुछ दिनों से शहर के गंगा किनारे बसे बस्तियों में दिखने लगा है. लगातार गंगा कटाव जारी रहने से लगभग 2 किलोमीटर जमीन गंगा की गोद में समा चुकी है अब दक्षिण दिशा की तरफ लोगों के घर तक कटाव जारी है. इस कड़ी में चानन गांव में बना करोड़ों की लागत से सीवरेज प्लांट भी कटाव की चपेट में आ चुका है. प्लांट का पिछला हिस्से की दीवार और सड़क गंगा में समा चुकी है. अब स्टाफ भवन पर भी खतरा मंडराने लगा है. लोगों का कहना है कि पहले गंगा इसी स्थान पर बहा करती थी.

Last Updated :Dec 22, 2021, 4:29 PM IST

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