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झारखंड हाई कोर्ट में रो-रो सेवा मामले पर सुनवाई, बजरंगबली स्टोन वर्क्स को मिली जहाज संचालन की अनुमति

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Published : Apr 28, 2022, 7:58 AM IST

झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज से कटिहार के बीच जय बजरंगबली स्टोन वर्क्स को रो-रो सेवा संचालन करने की अनुमति दे दी है. सुनवाई के दौरान साहिबगंज डीसी और कटिहर डीसी ने जहाजों के परिचालन पर कोई आपत्ति नहीं जताई लेकिन, मामले को लेकर नाव यातायात सहयोग समिति पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है.

Bajrangbali Stone Works
Bajrangbali Stone Works

साहिबगंज: झारखंड हाई कोर्ट ने जय बजरंगबली स्टोन वर्क्स को भी रो-रो सेवा संचालन की अनुमति दे दी है. यानी अब समदा से और मालवाहक जहाजों का परिचालन हो सकेगा. साहिबगंज जिला प्रशासन व कटिहार जिला प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि उसे जहाजों के परिचालन से कोई आपत्ति नहीं है. ऐसे में साहिबगंज से कटिहार के बीच और मालवाहक जहाजों के परिचालन का रास्ता साफ हो गया है.


दरअसल, इनलैंड वाटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जून 2020 में चार कंपनियों को बंदरगाह से जहाजों के परिचालन की अनुमति दी थी. दो-चार दिनों तक इसका परिचालन हुआ भी, लेकिन बाद में झारखंड सरकार ने राजस्व के नुकसान की बात कह कर जहाजों के परिचालन पर रोक लगा दी. बजरंगबली स्टोन वर्क्स ने राज्य सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद बजरंगबली स्टोन वर्क्स ने इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी और डबल बेंच ने जहाज संचालन की अनुमति प्रदान कर दी.

कोर्ट के फैसले की अवमानना:हालांकि, कोर्ट के फैसले के बाद भी जय बजरंगबली स्टोन वर्क्स का जहाज कटिहार के मनिहारी पहुंचा तो उसे वहां से वापस कर दिया गया. मामला यह है कि वर्तमान में नाव यातायात समिति ने 8 करोड़ 52 लाख में अंतर्राज्यीय फेरी सेवा साहिबगंज से मनिहारी के चलने वाले जहाज का डाक लिया है. कटिहार में डाक लेने के बाद नाव यातायात सहयोग समिति दूसरे पार्टी यानी जय बजरंगबली स्टोन वर्क्स को कटिहार नहीं पहुंचने देना चाहती है. इसलिए नाव यातायात सहयोग समिति ने कटिहार पहुंची रही बजरंगबली स्टोन वर्क्स के जहाज पर गोली चला दी, जिससे जहाज को वापस लौटना पड़ा. इसके बाद बजरंगबली स्टोन वर्क्स ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की. इस दौरान साहिबगंज उपायुक्त व कटिहार के डीसी की ओर से कहा गया कि उन्हें दो कंपनी के जहाजों से संचालन से किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है और हाई कोर्ट ने फिर बजरंगबली स्टोन वर्क्स के पक्ष में फैसला सुनाया है. हालांकि, नाव यातायात सहयोग समिति इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है.

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