झारखंड

jharkhand

Villagers Stopped Work on Stone Quarry: पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी, ग्रामीणों ने बंद कराया काम

By

Published : Feb 10, 2023, 12:00 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 12:10 PM IST

गिरिडीह में ग्रामीणों का प्रदर्शन हो रहा है. बगोदर में पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर ग्रामीणों का हंगामा देखने को मिला. उन्होंने गुरुवार को धरगुल्ली पंचायत के कारीचट्टान बिरहोरटंडा स्थित खदान का काम बंद करा दिया.
Giridih Villagers protest on ignoring safety standards in stone quarry at Bagodar
कॉन्सेप्ट इमेज

देखें पूरी खबर

बगोदर,गिरिडीहः जिला के बगोदर में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर पत्थर खदान का संचालन किया जा रहा है. इससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश है. आबादी वाले इलाके में खदान का संचालन होने से इसका दुष्प्रभाव ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. इसी को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने पत्थर खदान का काम बंद कराया और जमकर हंगामा किया.

जिला में खदान में सुरक्षा की अनदेखी पर ग्रामीणों का हंगामा हुआ. बगोदर प्रखंड अंतर्गत सुदूरवर्ती धरगुल्ली पंचायत के कारीचट्टान बिरहोरटंडा में सुरक्षा की अनदेखी कर पत्थर खदान का संचालन हो रहा है. इसमें ना तो यहां रहने वाली आबादी का ख्याल रखा गया है और ना ही खदान की घेराबंदी की गई है. एक तरफ से खदान से पत्थर निकाला जाता वहीं तीन तरफ खदान पूरी तरह से खुला हुआ है. इससे अनजाने में किसी व्यक्ति, बच्चे या मवेशियों के गिरने की संभावना बनी हुई है. मगर खदान संचालक और ना ही प्रशासन का इस ओर ध्यान है.

हैवी ब्लास्टिंग बड़ी समस्याः इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि खदान से कुछ ही दूरी पर विलुप्त होने के कगार पर आदिम जनजाति बिरहोर परिवार रहते हैं. बिरहोरों की आबादी यहां सैकड़ों की संख्या में है. ऐसे में पत्थर खदान से इस समुदाय के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पत्थर तोड़ने के लिए हैवी ब्लास्टिंग होने से पत्थर के टुकड़े उनके घरों तक पहुंच जाते हैं. बिरहोरों का कहना है कि पत्थर से उनके कच्चे मकान को क्षति पहुंच रही है, वहीं डस्ट से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

खदान से परेशान बिरहोर परिवारः इसके अलावा चापानल का जल स्तर नीचे चले जाने से उन्हें पानी की समस्या से भी जुझना पड़ रहा है. एक तरफ विलुप्त हो रहे आदिम जनजाति बिरहोरों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकारी स्तर पर कई तरह के कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है. वहीं बिरहोर बस्ती से महज 250 मीटर की दूरी पर पत्थर खदान का संचालन सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है. जिससे बिरहोरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, मगर इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं है.

पिछले महीने बंद कराया गया था कामः एक महीने पूर्व स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा खदान को बंद करा दिया गया था. मगर बुधवार को रात्रि में पुनः खदान संचालन शुरु हुआ. इसकी जानकारी जब ग्रामीणों की हुई तब गुरुवार को बड़ी संख्या में महिला और पुरुष लाठी-डंडे के साथ खदान पहुंचे और खदान संचालन का विरोध किया. मौके पर उपस्थित खदान के कर्मी दिलीप कुमार को ग्रामीणों ने घेर लिया और सवाल-जवाब करते हुए कहा गया कि किस व्यक्ति या अधिकारी के आदेश पर खदान का संचालन शुरू किया गया, उन्हें तुरंत खदान संचालन बंद करने को कहा गया. बता दें कि जनवरी महीने में ग्रामीणों के द्वारा सीएम से लेकर जिला के डीसी तक को आवेदन भेजकर खदान संचालन से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए इसपर रोक लगाने की मांग की गई थी.

Last Updated :Feb 10, 2023, 12:10 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details