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युगांडा में 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में छाया हिमाचल का ई-विधान, डॉ. बिंदल ने किया प्रतिनिधित्व

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Published : Sep 27, 2019, 4:51 PM IST

अफ्रीका के यूगांडा में चल रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में डॉ. बिंदल ने किया प्रतिनिधित्व, सम्मेलन में छाया हिमाचल का ई-विधान. विश्व प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में संसदीय व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के शानदार इस्तेमाल की प्रशंसा की है.

युगांडा में चल रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में छाया हिमाचल का ई-विधान

नाहन: हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने अफ्रीका के यूगांडा में चल रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लिया. विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल नेतकनीकी सत्र के दौरान लोकतंत्र की मजबूती के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग के विषय पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार रखे.

सम्मेलन में डॉ. बिंदल ने कहा कि संसदीय कार्यों के प्रभावी और त्वरित संचालन में सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लोकसभा और विधानसभाओं की कार्यप्रणाली को जनहित में और बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हम अपने रूटीन कार्यों को पेपरलेस करके समय और धन की बचत कर सकते हैं.

युगांडा में चल रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में छाया हिमाचल का ई-विधान

डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से जहां हम संसदीय कार्यप्रणाली के कार्य को बेहतर बना सकते हैं, वहीं, संसदीय व्यवस्था से जुड़े पार्लियामेंटेरियन भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने इस दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं. हिमाचल विधानसभा ई-विधान प्रणाली के माध्यम से शानदार ढंग से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने हिमाचल विधानसभा में ई-विधान के माध्यम से संसदीय कार्यप्रणाली को पेपरलेस करने की दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं, जिसके साकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ई-विधान पर्यावरण मित्र प्रणाली है, जिसके इस्तेमाल से हजारों वृक्ष प्रतिवर्ष कटने से बचेंगे, वहीं, करोड़ों रुपयों की बचत भी होगी. उन्होंने कहा कि इसके इस्तेमाल से समय की बचत, कार्य में दक्षता और पारदर्शिता आएगी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा ई- विधान प्रणाली, ई-निर्वाचन क्षेत्र प्रबंधन, ई-समिति, ई-डायरी और विधायकों के इस्तेमाल के लिए मोबाइल ऐप जैसी आधुनिक और नवीनतम डिजिटल प्रणाली की दिशा में काफी आगे बढ़ गई है.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की ओर से इस अवसर पर ई-विधान पर बनाई गई एक छोटी डॉक्यूमेंटरी फिल्म भी प्रदर्शित की गई. इस सुंदर प्रस्तुती को सभी प्रतिनिधियों ने सराहा है. विश्व प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. बिंदल द्वारा तकनीकी सत्र में रखे गए महत्वपूर्ण विचारों की सराहना करते हुए हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में संसदीय व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के शानदार इस्तेमाल की प्रशंसा की है. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.

Intro:विस अध्यक्ष डा. बिंदल ने किया ने किया भारतीय प्रतिनिधिमंडल प्रतिनिधित्व
नाहन। अफ्रीका के यूगांडा में चल रहे 64वें कॉमनवैल्थ पार्लियामेंटरी काफं्रेस में भाग ले रहे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने तकनीकी सत्र के दौरान लोकतंत्र की मजबूती के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोगष् विषय पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार व्यक्त रखे।
Body:सम्मेलन में डा. बिंदल ने कहा कि संसदीय कार्यों के प्रभावी और त्वरित संचालन में सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि साईंस और टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हम लोकसभा और विधानसभाओं की कार्यप्रणाली को जनहित में और बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हम अपने रूटीन कार्यों को पेपरलेस कर समय और धन की बचत भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि साईंस और टेक्नोलोजी का इस्तेमाल संसदीय कार्यप्रणाली में बेहतर परिणाम ला सकता है।
डा. राजीव बिंदल ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से जहां हम संदसीय कार्यप्रणाली के कार्य को बेहतर बना सकते हैं, वहीं संसदीय व्यवस्था से जुड़े हमारे पालियामेंटेरियन भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने इस दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं। हिमाचल विधानसभा ई-विधान प्रणाली के माध्यम से शानदार ढंग से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने हिमाचल विधानसभा में ई-विधान के माध्यम से संसदीय कार्यप्रणाली को पेपरलेस करने की दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं, जिसके साकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ई-विधान पर्यावरण मित्र प्रणाली है, जिसके इस्तेमाल से जहां हजारों वृक्ष प्रतिवर्ष कटने से बचेंगे, वहीं करोड़ों रुपयों की बचत भी होगी। उन्होंने कहा कि इसके इस्तेमाल से समय की बचत, कार्य में दक्षता व पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ई- विधान प्रणाली, ई-निर्वाचन क्षेत्र प्रबंधन, ई-समिति, ई-डायरी व विधायकों के इस्तेमाल के लिए मोबाइल ऐप जैसी आधुनिक व नवीनतम डिजिटल प्रणाली की दिशा में काफी आगे बढ़ गई है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की ओर से इस अवसर पर ई-विधान पर बनाई गई एक छोटी डाक्यूमेंटरी फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस सुंदर प्रस्तुती को सभी प्रतिनिधियों ने सराहा। विश्व प्रतिनिधिमंडल ने डा. बिंदल द्वारा तकनीकी सत्र में रखे गए महत्वपूर्ण विचारों की सराहना करते हुए हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में संसदीय व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के शानदार इस्तेमाल की प्रशंसा भी की।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा व विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
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