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जाखू रोपवे में सुरक्षा के अचूक इंतजाम, बैकअप प्लान के साथ चौकस रहती है संचालन कंपनी

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Published : Apr 13, 2022, 8:38 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 8:46 PM IST

झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे (Ropeway accident in Jharkhand) के बाद देश भर में रोपवे संचालन को लेकर केंद्र ने सुरक्षा ऑडिट के निर्देश दिए हैं. देवघर की इस दुर्घटना के बाद देश भर में रोपवे संचालन में सुरक्षा की बात उठ रही है. वहीं, सैलानियों के लिए स्वर्ग कहे जाने वाले शिमला के जाखू रोपवे में भी लोग निश्चिंत होकर यात्रा का आनंद ले रहे हैं. यहां जाखू रोपवे में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हैं. जाखू रोपवे में सुरक्षा के अचूक इंतजाम के चलते ही आज तक यहां पर कोई मामूली हादसा भी नहीं हुआ है. रोपवे के संचालकों के पास हमेशा सुरक्षा के बैकअप इंतजाम रहते हैं. जाखू रोपवे में हर रोज रोपवे शुरू करने से पहले मशीनरी को जांचा जाता है. वहीं, साल में चार बार लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी इसका निरीक्षण करते हैं.

Jakhu Ropeway of Shimla.
शिमला का जाखू रोपवे.

शिमला:झारखंड के देवघर में दुर्भाग्यपूर्ण हादसे (Ropeway accident in Jharkhand) के बाद देश भर में रोपवे संचालन को लेकर केंद्र ने सुरक्षा ऑडिट के निर्देश दिए हैं. देवघर रोपवे हादसे में बेशक सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों ने बेहतरीन रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए लोगों की जान बचाई, लेकिन चार लोग फिर भी हादसे में जान गवा बैठे. देवघर की दुर्घटना के बाद देश भर में रोपवे संचालन में सुरक्षा की बात उठ गई है. वहीं, सैलानियों के लिए स्वर्ग कहे जाने वाले शिमला के जाखू रोपवे में भी लोग निश्चिंत होकर यात्रा का आनंद ले रहे हैं.

जाखू रोपवे (Jakhu Ropeway of Shimla) में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हैं. यहां कई लेयर की सुरक्षा के कारण जाखू रोपवे के जरिए यात्रा करने वाले निश्चिंत होकर ट्रॉली में बैठते हैं. जाखू रोपवे में सुरक्षा के अचूक इंतजामात के चलते ही आज तक यहां पर कोई मामूली हादसा भी नहीं हुआ है. रोपवे के संचालकों के पास हमेशा सुरक्षा के बैकअप इंतजाम रहते हैं. यहां नियमित अंतराल के बाद सुरक्षा की समीक्षा होती है. संचालक जरूरत पड़ने पर इस रोपवे में सुरक्षा व्यवस्था का लाइव डेमो भी देते हैं. इसके अलावा ट्रॉली को रवाना करने से पहले पूरी तरह से ट्रैक की चेकिंग की जाती है.

शिमला के जाखू रोपवे में सुरक्षा के अचूक इंतजाम

जाखू रोपवे की लंबाई 400 मीटर से अधिक है. यहां रोपवे पर कुल चार ट्रॉलियां संचालित की जाती हैं. शिमला आने वाले सैलानी जाखू (Jakhu temple shimla) की चोटी पर बजरंग बली के मंदिर तक जाने के लिए इस रोमांचकारी सफर का आनंद लेते हैं. जाखू में प्राचीन मंदिर के साथ ही एशिया की सबसे ऊंची हनुमान की प्रतिमा भी मौजूद है. पर्यटकों के स्वर्ग शिमला में रिज मैदान से ही हनुमान की प्रतिमा के दर्शन हो जाते हैं. अनेक सैलानी रोपवे के जरिए जाखू मंदिर के दर्शन को जाते हैं. हाल ही शिमला दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadaa at Jakhu temple) ने भी ट्रॉली के जरिए ही जाखू मंदिर तक का सफर किया था.

शिमला का जाखू रोपवे.

शिमला में जाखू रोपवे लंबे अरसे से संचालित किया जा रहा है. वैसे तो ये रोपवे शिमला के टूटीकंडी बस अड्डे से जाखू तक (Tutikandi to Jakhu ropeway) प्रस्तावित था और इसकी उंचाई 3600 मीटर थी. लेकिन अभी इसे यूएस क्लब के पास से जाखू तक संचालित किया जा रहा है. ये कुल लंबाई चार सौ मीटर से अधिक है. इस समय शिमला में टूरिस्ट सीजन भी जोरों पर है. यहां रोपवे के लिए प्रतिदिन दो सौ से अधिक टिकट बुक हो रहे हैं. सैलानी इस सफर का आनंद उठा रहे हैं और सुरक्षा इंतजामों से भी संतुष्ट हैं.

शिमला का जाखू रोपवे.

जाखू रोपवे की खासियत और आकर्षण की बात की जाए, तो घने देवदारों के बीच से होकर गुजरने वाले इस सफर में प्रकृति के दर्शन होते हैं. जाखू तक जाने के रास्ते में सिंदूरी रंग के वीर बजरंग बली की प्रतिमा को देखना एक रोमांचकारी अनुभव है. रोपवे से सफर कर रहे पर्यटकों का कहना है कि यहां सुरक्षा के पर्याप्त और अचूक इंतजाम हैं. उन्हें यहां किसी तरह का कोई डर नहीं लगा. बता दें कि रोपवे की संचालक कंपनी का नाम जैगसन (Jagson ropeway company) है.

जाखू रोपवे के प्रबंधक मदन ने कहा कि रोपवे पूरी तरह से सुरक्षित है और हर रोज रोपवे शुरू करने से पहले मशीनरी को जांचा जाता है. उन्होंने कहा कि रोपवे के संचालन के दौरान यदि कोई दिक्क्त आती है, तो चार बैकअप प्लान पहले से ही तैयार रखे जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस रोपवे को शुरू हुए पांच साल हो गए हैं और अभी तक यहां कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है. इसके अलावा साल में चार बार लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी इसका निरीक्षण करते हैं.

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Last Updated : Apr 13, 2022, 8:46 PM IST

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