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स्मार्ट सिटी धर्मशाला के कूड़े-कचरे से बनेगी बिजली, चरान में तैयार हो रहा बायोगैस प्लांट

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Published : Apr 13, 2022, 7:01 PM IST

धर्मशाला में 2.15 करोड़ रुपए से प्री-सेग्रिगेट एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायोगैस प्लांट तैयार किया जाएगा. बायोगैस प्लांट के माध्यम से नगर निगम धर्मशाला के कूड़े-कचरे से स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट के तहत बिजली तैयार की (Electricity generated from garbage in Dharamshala) जाएगी.

Biogas plant built in dharamshala
धर्मशाला में बनेगा बायोगैस प्लांट

धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला के कूड़े-कचरे से स्मार्ट सिटी धर्मशाला के स्मार्ट प्रोजेक्ट के तहत बिजली तैयार की (Electricity generated from garbage in Dharamshala) जाएगी. 2.15 करोड़ रुपए से प्री-सेग्रिगेट एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायोगैस प्लांट तैयार किया जाएगा, जिसमें शहर के गिले कूड़े-कचरे का निष्पादन होने के साथ ही बिजली व खाद भी तैयार की जाएगी. ऐसे में आखिर धर्मशाला की गंदगी को लंबे समय के बाद सही से ठिकाने लगाने की योजना अब धरातल पर उतर सकेगी.

इससे पहले 55 हजार की आबादी वाले नगर निगम धर्मशाला, जो कि पर्यटन सीजन में लाखों पर्यटकों का जिम्मा भी संभालता (Biogas plant built in dharamshala) है, और उतने ही बड़े स्तर पर होटलों, रेस्तरां व पर्यटक स्थलों से कूड़ा-कचरा भी निकालता है, लेकिन अब बस स्टैंड के पास सुधेड़ में ही एक मात्र डंपिंग साइट है. जिसमें सभी प्रकार का गिला व सूखा कचरा एक साथ ही एकत्रित किया जाता है. जिसके कारण कूड़ा-कचरा सही प्रकार से सेग्रिगेट नहीं हो पाता है, जिससे शहर की सुंदरता में भी दाग लगता है.

धर्मशाला में बन रहा बायोगैस प्लांट

स्मार्ट सिटी धर्मशाला के तहत बायोगैस प्लांट लगने से गिले कचरे को एक ही स्थान पर सग्रिग्रेशन की जा सकेगी. धर्मशाला के स्टेडियम के साथ दाड़ी आईटीआई रोड चरान खड्ड में प्री-सेग्रिगेट एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायोगैस प्लांट बनाया जाएगा. प्लांट का निर्माण कार्य भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के शिलान्यास करने के बाद शुरू कर दिया गया है. प्लांट के बनने से गिले कचरे से बिजली भी तैयार की जाएगी जिसे प्लांट में प्रयोग करने के साथ-साथ ही नगर निगम धर्मशाला के क्षेत्रों में भी प्रयोग में लाया जा सकेगा.

नगर निगम धर्मशाला में अब कूड़ा-कचरा घर-घर से उठाने की प्रक्रिया चल रही (Electricity generated from garbage in Dharamshala) है, हालांकि डीएमसी के कई क्षेत्रों से अब तक घरों से कूड़ा-कचरा नहीं उठाया जा रहा है. जबकि इस प्लांट के कामयाब होने में अभी सबसे बड़ी बाधा यह है कि क्षेत्र में सूखे व गिले कचरे को अलग-अलग नहीं रखा जा रहा है, न ही अलग एकत्रित किया जा रहा है. जिससे अब तक नगर निगम धर्मशला के किसी भी क्षेत्र में सूखे व गिले कचरे को अलग से निष्पादन के लिए नहीं भेजा जा रहा है.

इससे स्मार्ट सिटी धर्मशला को योजना को धरातल में उतारने के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. हालांकि इससे पहले भी नगर निगम की ओर से सूखा व गिला कचरा अलग-अलग रखने के लिए दो प्रकार के डस्टबिन प्रति घर प्रदान करने की बात कही गई थी. नगर निगम धर्मशाला के आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ एवं एमडी प्रदीप ठाकुर ने कहा कि 2.15 करोड़ से प्री-सेग्रिगेटेड एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायो गैस प्लांट तैयार किया जा रहा है.

आयुक्त ने कहा कि इसका कार्य भी आरंभ कर दिया गया है और जुलाई और अगस्त तक इसे शुरू कर दिया (Biogas plant built in dharamshala) जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्लांट की मदद से प्रतिदिन 5 क्विंटल मैट्रिक टन कूड़े का निष्पादन किया जाएगा. प्रदीप ठाकुर ने कहा कि जहां इससे बायोगैस और बिजली तैयार की जा सकेगी. वहीं, ठोस कचरे से गाद बनाई जाएगी, जिससे कि पर्यावरण के साथ-साथ जल को भी स्वच्छ रखा जा सकेगा.

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