मंडी: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के कारण जन जीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. जहां एक ओर हजारों लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं. हजारों करोड़ों की संपत्ती नष्ट हो गई है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में सैंकड़ों शिक्षा के मंदिर भी इस आपदा की भेंट चढ़ गए. आपदा के इस दंश को आम लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी झेल रहे हैं. बहुत से ऐसे स्कूल हैं जो आपदा में क्षतिग्रस्त हो गए और अब इन स्कूलों का संचालन निजी भवनों में किया जा रहा है. ऐसा ही एक स्कूल मंडी जिला मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर घ्राण गांव में स्थित है.
बाढ़ से स्कूल बिल्डिंग को नुकसान: जानकारी के अनुसार सीनियर सेकेंडरी स्कूल घ्राण की इमारत 9 और 10 जुलाई को आई बाढ़ के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रसत हो गई थी. जिससे स्कूल भारी नुकसान हुआ, लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात ये थी की छात्रों को अब कहां और कैसे पढ़ाया जाए, क्योंकि आपदा के इस कहर में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी. स्कूल प्रबंधन ने घ्राण के साथ लगते सुम्मा गांव में लोगों के घरों में 8 कमरे, एक हॉल, चार शौचालय और दो खेत किराए पर लिए हैं. जिनमें स्कूल का संचालन किया जा रहा है.
स्कूल के लिए और कमरों की जरूरत:स्कूल प्रिंसिपल रीनू शर्मा ने बताया कि स्कूल को बाढ़ के कारण भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि किराए पर कमरे लेकर बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है, लेकिन जो सुविधाएं स्कूल में बच्चों को मिलती थी. वो सुविधाएं यहां नहीं मिल पा रही हैं. प्रिंसिपल रीनू शर्मा ने कहा कि स्कूल के सही संचालन के लिए कुछ और कमरों की जरूरत है. यदि और कमरे मिल जाएं तो बेहतरीन ढंग से स्कूल का संचालन हो सकता है.