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यहां कैदी सीख रहे जीरो बजट खेती, 30 कैदियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

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Published : Jul 23, 2019, 5:45 PM IST

पीएनबी आरसेटी की पहल पर जिला कारागार धर्मशाला के 30 कैदियों को सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. दस दिवसीय शिविर में 30 पुरुष कैदी भाग ले रहे हैं, जिन्हें जीरो बजट खेती, जैविक खेती, पालीहाउस, केंचुआ खाद, उन्नत किस्म के बीज आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

यहां कैदी सीख रहे जीरो बजट खेती

धर्मशाला: जिला कारागार धर्मशाला में जल्द ही कैदी जीरो बजट खेती की विधियां सीखेंगे और सब्जियां उगाते नजर आएंगे. पीएनबी आरसेटी की पहल पर जिला कारागार धर्मशाला के 30 कैदियों को सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. दस दिवसीय शिविर में 30 पुरुष कैदी भाग ले रहे हैं, जिन्हें जीरो बजट खेती, जैविक खेती, पालीहाउस, केंचुआ खाद, उन्नत किस्म के बीज आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

कैदी सीख रहे जीरो बजट खेती,

जिससे वे भविष्य में अपना रोजगार शुरू कर सकें. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे. जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरीटेंडेंट विनोद चंबियाल ने बताया कि जिला कारागार में कैदियों को सब्जी उत्पादन व नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे कि कैदी, रिहा होने के बाद अपना रोजगार शुरू कर सकें.

इस तरह के प्रशिक्षण का उद्देश्य यही है कि कैदी समाज में जब वापिस जाएं तो वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें और जेल से रिहा होने के बाद उनके जीवन में परिवर्तन आए.

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Intro:धर्मशाला- जिला कारागार धर्मशाला में जल्द ही कैदी जीरो बजट खेती की विधियां सीखेंगे और सब्जियां उगाते नजर आएंगे। पीएनबीआरसेटी की पहल पर जिला कारागार धर्मशाला के 30 कैदियों को सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दस दिवसीय शिविर में 30 पुरुष कैदी भाग ले रहे हैं, जिन्हें जीरो बजट खेती, जैविक खेती, पालीहाउस, केंचुआ खाद, उन्नत किस्म के बीज आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।




Body:जिससे वे भविष्य में अपना रोजगार शुरू कर सकें। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरीटेंडेंट विनोद चंबियाल ने बताया कि जिला कारागार में कैदियों को सब्जी उत्पादन व नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे कि कैदी, रिहा होने के बाद अपना रोजगार शुरू कर सकें।





Conclusion:इस तरह के प्रशिक्षण का उद्देश्य यही है कि कैदी समाज में जब वापिस जाएं तो वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें और जेल से रिहा होने के बाद उनके जीवन में परिवर्तन आए।

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