धर्मशाला: टांडा मेडिकल कॉलेज में पिछले सात माह में स्क्रब टायफस के 19 मामले पॉजीटिव पाए गए हैं. इनमें से 13 नए मामले जिला कांगड़ा से संबंधित है, जबकि शेष मामले अन्य जिलों से संबंधित हैं. टांडा में कांगड़ा जिला के अतिरिक्त अन्य जिलों के मरीज भी पहुंचते हैं, जिनके स्क्रब टायफस के टेस्ट भी यहीं किए जाते हैं .
सीएमओ जिला कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि स्क्रब टायफस रोग पिस्सू काटने से होता है. उन्होंने लोगों को ऐतिहात बरतने की सलाह दी है. डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि स्क्रब टायफस के बचाव के लिए घर से बाहर जाते समय ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल करें, जिससे शरीर का अधिकतर हिस्सा ढका हुआ हो.
बता दें कि जनवरी से लेकर 31 जुलाई तक यानि पिछले सात माह में टांडा मेडिकल कॉलेज में स्क्रब टायफस के 19 मामले पॉजीटिव पाए गए हैं, जिनमें से 13 से 14 मामले जिला कांगड़ा से संबंधित हैं. स्क्रब टायफस से अभी तक जिला में किसी की मौत नहीं हुई है.
ये भी पढ़े: युवा कलाकार कर पाएंगे अपनी कला का प्रदर्शन, अब ऐसे तय होगा गेयटी थियेटर का किराया
Body:टांडा में कांगड़ा जिला के अतिरिक्त अन्य जिलों के मरीज भी पहुंचते हैं, जिनके स्क्रब टायफस के टेस्ट भी यहीं किए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार स्क्रब टायफस के बचाव के लिए घर से बाहर जाते समय ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल करें, जिससे शरीर का अधिकतर हिस्सा ढका हुआ हो। यह रोग पिस्सू काटने से होता है। यही सलाह लोग आउटडोर एक्टिविटी में भी अपनाएंगे तो उन्हें मच्छर नहीं काटेंगे और लोग डेंगू और मलेरिया से भी बच सकेंगे।
Conclusion:सीएमओ जिला कांगड़ा डा. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि जनवरी से लेकर 31 जुलाई तक यानी पिछले सात माह में टांडा मेडिकल कालेज में स्क्रब टायफस के 19 मामले पॉजीटिव पाए गए हैं, जिनमें से 13 से 14 मामले जिला कांगड़ा से संबंधित हैं। स्क्रब टायफस का टेस्ट टांडा में होता है और अभी तक इसकी वजह से जिला में कोई डेथ रिपोर्ट नहीं हुई है।