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बीसीसीआई में हाइब्रिड लेवल टू कोच बने सिरमौर के क्रिकेटर संग्राम सिंह, बधाई देने वालों को लगा तांता

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Published : Jan 30, 2022, 6:55 PM IST

सिरमौर जिले के नाहन से ताल्लुक रखने वाले क्रिकेटर संग्राम सिंह (Sirmaur cricketer Sangram Singh) और क्रिकेटर ऋषि धवन का चयन बीसीसीआई में बतौर हाइब्रिड लेवल टू कोच को तौर पर हुआ है. इस कोचिंग की डिग्री मिलने के बाद इन्हें बीसीसीआई द्वारा प्रदेश के 12 जिलों समेत देश के किसी भी जिले में क्रिकेट कोचिंग के लिए नियुक्त किया जा सकता है, जहां इन्हें युवाओं को कोचिंग देनी होगी.

Sirmaur cricketer Sangram Singh
सिरमौर के क्रिकेटर संग्राम सिंह

नाहन: सिरमौर जिले के नाहन से ताल्लुक रखने वाले क्रिकेटर संग्राम सिंह (Sirmaur cricketer Sangram Singh) का चयन बीसीसीआई में बतौर कोच के रूप में हुआ है. वह जल्द ही कोचिंग शुरू करेंगे. दरअसल बीसीसीआई ने हिमाचल प्रदेश के दो क्रिकेटरों को हाइब्रिड लेवल टू कोचिंग कोच कोर्स में शामिल किया है. जिसमें डिग्री मिलने के बाद इन्हें बीसीसीआई द्वारा प्रदेश के 12 जिलों समेत देश के किसी भी जिले में क्रिकेट कोचिंग के लिए नियुक्त किया जा सकता है.

दरअसल इस ग्रुप में सिरमौर से पूर्व क्रिकेटर संग्राम सिंह एवं क्रिकेटर ऋषि धवन (Himachal Cricketer Rishi Dhawan) को जगह दी गई है. हाइब्रिड लेवल टू कोचिंग कोच कोर्स (Hybrid Level two coach in BCCI) करने के लिए बकायदा इन दोनों खिलाड़ियों की 10 दिन की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी हुई थी. यह हिमाचल के लिए गर्व की बात है कि हिमाचल के दो खिलाड़ियों को हाइब्रिड लेवल टू कोचिंग कोच के लिए चुना गया है.

फिलहाल इन दोनों खिलाड़ियों को कोच का सर्टिफिकेट मिलना अभी बाकी है. इस मौके पर संग्राम सिंह (Sangram Singh Hybrid Level two coach) ने अपने सभी क्रिकेट साथियों का भी आभार जताया है. नाहन में मीडिया से बात करते हुए संग्राम सिंह ने कहा कि बेंगलुरु में चीफ फैकल्टी राहुल द्रविड़ के अलावा एक दर्जन अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों ने उन्हें कोचिंग दी है. साथ ही क्रिकेट से जुडी टेक्निकल, हेल्थ व अन्य बारीकियों को भी उन्हें सिखाया गया है.

संग्राम ने कहा कि वैसे तो क्रिकेट कोच बनने के लिए एग्जाम देना पड़ता है. इसके इलावा कम से कम 75 चार दिवसीय रणजी ट्रॉफी के मैच खेलना भी इसके लिए अनिवार्य होता है. इन सब चरणों के बाद ही इस ग्रुप में चयन हो सकता है. संग्राम ने कहा कि डिग्री मिलने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता अपने राज्य, अपने जिला से कोचिंग शुरू करने की रहेगी. उन्होंने कहा कि बच्चे पैसों के आभाव के कारण अपनी प्रतिभा को निखार नहीं पाते हैं. ऐसे में उन्हें वे निशुल्क कोचिंग देंगे, ताकि उनके अंदर छिपी हुई प्रतिभा को और निखारा जा सके.

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