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बांड पॉलिसी विरोध मामला: डॉक्टर्स की भूख हड़ताल खत्म, चंडीगढ़ में अधिकारियों से मुलाकात

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Published : Nov 25, 2022, 12:53 PM IST

Updated : Nov 25, 2022, 5:03 PM IST

रोहतक में बांड पॉलिसी का विरोध कर रहे डॉक्टरों ने भूख हड़ताल खत्म (MBBS students Hunger strike ends) कर दी है. वहीं मांग नहीं मानने तक विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी भी दी है. दूसरी ओर अधिकारियों से मिलने के लिए डॉक्टरों की 15 सदस्यीय टीम चंडीगढ़ पहुंच चुकी है.

MBBS students Hunger strike ends
MBBS students Hunger strike ends

रोहतक : हरियाणा के रोहतक में MBBS स्टूडेंट्स की बांड पॉलिसी के विरोध (Protest against bond policy in Rohtak) में चल रही हड़ताल खत्म करवाने के लिए प्रशासन व छात्र आमने-सामने आ गए हैं. एमबीबीएस स्टूडेंट ने भूख हड़ताल खत्म कर दी है. वहीं मांग नहीं मानने तक विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी भी दी है. वहीं रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन समर्थन में आ चुकी है. वहीं अन्य संगठनों से भी समर्थन मांगा जा रहा है.

इधर, रोहतक पीजीआईएमएस प्रशासन हड़ताल को खत्म करने के लिए सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. पंडित भगवत दयाल शर्मा PGIMS के डायरेक्टर ने ऑर्डर जारी करते हुए कहा है कि सभी छात्र हड़ताल को तुरंत समाप्त करें. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें 24 घंटे में हॉस्टल खाली करना होगा. इसके अलावा कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

पंडित भगवत दयाल शर्मा PGIMS के डायरेक्टर ने ऑर्डर जारी कर दिया है.

रोहतक में बांड पॉलिसी का विरोध कर रहे (Protest against bond policy in Rohtak) एमबीबीएस के छात्रों को सीएम से बातचीत के लिए चंडीगढ़ बुलाया गया है. 15 छात्रों का प्रतिनिधि मंडल चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुका है. छात्रों को उम्मीद है कि आज कोई समाधान हो सकता है.

2 नवंबर से जारी है प्रदर्शन- गौरतलब है कि पीजीआई रोहतक में एक नवंबर से बांड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत हुई थी. 2 नवंबर से विद्यार्थी डीन व डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे. 5 नवंबर को रोहतक पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी विद्यार्थियों की मुलाकात कराई गई थी लेकिन मुख्यमंत्री ने पॉलिसी वापस लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि ज्यादा विरोध बढ़ने पर 7 नवंबर को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर पॉलिसी में कुछ संशोधन कर दिया. जिसके तहत बांड की शर्त एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों पर लागू कर दी. लेकिन यह संशोधन भी आंदोलनकारी एमबीबीएस विद्यार्थियों को मंजूर नहीं है. वे तो यही चाहते हैं कि बांड की शर्त ही न लागू हो.

हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी क्या है- दरअसल एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार एडमिशन के समय छात्रों से 4 साल में 40 लाख रुपए का बॉन्ड भरवा रही है. छात्र को हर साल 10 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में देने होंगे. इस पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम 7 साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो बॉन्ड के रूप में दिये गये 40 लाख रुपये सरकार ले लेगी.

ये भी पढ़ें- बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में एमबीबीएस छात्र, अस्पतालों में बढ़ सकती है मुश्किल

Last Updated :Nov 25, 2022, 5:03 PM IST

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