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नूंह के किसानों पर 'खुशियां बनकर' बरसे बादल, रबी फसल के अच्छे उत्पादन की जगी उम्मीद

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Published : Sep 26, 2019, 10:38 PM IST

बारिश के कारण किसानों की सूखी हुई फसलें फिर से हरी भरी हो गई है. किसानों का कहना है कि ये बारिश उनके लिए जीवन दान बनकर आई है.

नूंह के किसानों पर खुशियां बनकर बरसे बादल

नूंहःबीते कुछ दिनों से नूंह के फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना उपमंडल में अच्छी बारिश हुई है. जिससे किसानों के चेहरों पर एक बार फिर खुशियां दिखाई देने लगी है. बारिश के कारण किसानों की सूखी हुई फसलें फिर से हरी भरी हो गई है. किसानों का कहना है कि ये बारिश उनके लिए जीवन दान बनकर आई है.

फिर लहलहा उठी फसलें
किसानों ने बताया कि बारिश नहीं होने और सिंचाई के संसाधन नहीं होने से जो ज्वार-बाजरे की फसल सूख रही थी, वो फिर से हरी भरी हो गई हैं. किसानों का मानना है कि पछेती फसल अब न केवल हरी भरी होगी बल्कि बढ़ने के साथ - साथ अच्छी पकाई भी अब होने से इंकार नहीं किया जा सकता. खास बात ये है की गेंहू-सरसों की फसल की बिजाई अब अगेती हो सकेगी. अगेती खेती करने के लिए हुई बारिश नमी के एतबार से बेहद कारगर है.

नूंह के किसानों पर खुशियां बनकर बरसे बादल

किसानों को हुआ लाभ
बता दें कि नूंह जिले का सरसों उत्पादन और बिजाई में सूबे में दूसरा स्थान है. किसानों ने बताया कि सिंचाई के पर्याप्त साधन इस जिले में नहीं होने के कारण उनकी फसलें बारिश पर आधारित है. गुरुवार को हुई इस बारिश के बाद किसानों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है. किसानों ने बताया कि डीजल के साथ-साथ समय और धन की बचत भी बारिश से हुई है.

खुशगार साबित हुई बारिश
कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार तोमर के मुताबिक इस बार नूंह जिले में 696 एमएम बारिश हुई है जो कि सामान्य बारिश है. एसडीओ ने बताया कि इसी बीच पिछले तीन-चार दिनों में हुई बारिश बहुत ही सही समय पर हुई है. बारिश से गर्मी से छुटकारा मिल चुका है. मौसम भी फसलों के लिए ही नहीं बल्कि इंसानों के लिए भी खुशगवार बना हुआ है. अजय तोमर ने बताया कि चना, मसूर यानि दल्हन-तिलहन की फसलों का बारिश की वजह से रकबा बढ़ेगा. देशी 306 किस्म का गेंहू भी नूंह जिले में काफी क्षेत्र में बिजाई की जाती है. उसकी बिजाई अगले महीने अक्टूबर में होगी.

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Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- बरसात से किसानों की बल्ले - बल्ले , रबी फसल के अच्छे उत्पादन की जगी उम्मीद
नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका - पुन्हाना उपमंडल में पिछले कई दिनों में अच्छी बरसात हुई है। अच्छी बरसात ने धरतीपुत्र के मुरझाये चेहरों पर रौनक लौटा दी है। खास बात तो यह है कि बरसात नहीं होने तथा सिंचाई के संसाधन नहीं होने से जो ज्वार - बाजरे की फसल सूख रही थी , उनको जीवनदान मिला है। पछेती फसल अब न केवल हरी भरी होगी बल्कि बढ़ने के साथ - साथ अच्छी पकाई भी अब होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
खास बात यह है की गेंहू - सरसों की फसल की बिजाई अब अगेती हो सकेगी। अगेती खेती करने के लिए हुई बरसात नमी के एतबार से बेहद कारगर है। नूंह जिला सरसों उत्पादन तथा बिजाई में सूबे में दूसरा स्थान रखता हए। सिंचाई के पर्याप्त साधन इस जिले में नहीं होने के कारण किसान बरसात पर आधारित है। बरसात के बाद किसानों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है। डीजल के साथ - साथ समय और धन की बचत भी बरसात से हुई है। इस बार नूंह जिले में 696 एमएम बरसात हुई है। कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार तोमर के मुताबिक यह सामान्य बरसात है , लेकिन पिछले तीन - चार दिनों में हुई बरसात बहुत ही सही समय पर हुई है। बरसात से गर्मी से छुटकारा मिल चुका है। मौसम भी फसलों के लिए ही नहीं बल्कि इंसान के लिए भी खुशगवार बना हुआ है। बात अगर चना या मसूर यानि दल्हन - तिलहन की फसलों की करें तो इस बार बरसात की वजह से उसका रकबा बढ़ेगा। देशी 306 किस्म का गेंहू भी नूंह जिले में काफी क्षेत्र में बिजाई किया जाता है। उसकी बिजाई अगले माह अक्टूबर में होगी। कुल मिलाकर कुदरत ने मायूसी झेल रहे किसान को बरसात के रूप में सोना बरसाकर बड़ी राहत दी है।
बाइट;- किसान
बाइट ;- अजय कुमार तोमर एसडीओ कृषि विभाग
संववददाता कासिम खान नूंह मेवातBody:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- बरसात से किसानों की बल्ले - बल्ले , रबी फसल के अच्छे उत्पादन की जगी उम्मीद
नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका - पुन्हाना उपमंडल में पिछले कई दिनों में अच्छी बरसात हुई है। अच्छी बरसात ने धरतीपुत्र के मुरझाये चेहरों पर रौनक लौटा दी है। खास बात तो यह है कि बरसात नहीं होने तथा सिंचाई के संसाधन नहीं होने से जो ज्वार - बाजरे की फसल सूख रही थी , उनको जीवनदान मिला है। पछेती फसल अब न केवल हरी भरी होगी बल्कि बढ़ने के साथ - साथ अच्छी पकाई भी अब होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
खास बात यह है की गेंहू - सरसों की फसल की बिजाई अब अगेती हो सकेगी। अगेती खेती करने के लिए हुई बरसात नमी के एतबार से बेहद कारगर है। नूंह जिला सरसों उत्पादन तथा बिजाई में सूबे में दूसरा स्थान रखता हए। सिंचाई के पर्याप्त साधन इस जिले में नहीं होने के कारण किसान बरसात पर आधारित है। बरसात के बाद किसानों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है। डीजल के साथ - साथ समय और धन की बचत भी बरसात से हुई है। इस बार नूंह जिले में 696 एमएम बरसात हुई है। कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार तोमर के मुताबिक यह सामान्य बरसात है , लेकिन पिछले तीन - चार दिनों में हुई बरसात बहुत ही सही समय पर हुई है। बरसात से गर्मी से छुटकारा मिल चुका है। मौसम भी फसलों के लिए ही नहीं बल्कि इंसान के लिए भी खुशगवार बना हुआ है। बात अगर चना या मसूर यानि दल्हन - तिलहन की फसलों की करें तो इस बार बरसात की वजह से उसका रकबा बढ़ेगा। देशी 306 किस्म का गेंहू भी नूंह जिले में काफी क्षेत्र में बिजाई किया जाता है। उसकी बिजाई अगले माह अक्टूबर में होगी। कुल मिलाकर कुदरत ने मायूसी झेल रहे किसान को बरसात के रूप में सोना बरसाकर बड़ी राहत दी है।
बाइट;- किसान
बाइट ;- अजय कुमार तोमर एसडीओ कृषि विभाग
संववददाता कासिम खान नूंह मेवातConclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- बरसात से किसानों की बल्ले - बल्ले , रबी फसल के अच्छे उत्पादन की जगी उम्मीद
नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका - पुन्हाना उपमंडल में पिछले कई दिनों में अच्छी बरसात हुई है। अच्छी बरसात ने धरतीपुत्र के मुरझाये चेहरों पर रौनक लौटा दी है। खास बात तो यह है कि बरसात नहीं होने तथा सिंचाई के संसाधन नहीं होने से जो ज्वार - बाजरे की फसल सूख रही थी , उनको जीवनदान मिला है। पछेती फसल अब न केवल हरी भरी होगी बल्कि बढ़ने के साथ - साथ अच्छी पकाई भी अब होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
खास बात यह है की गेंहू - सरसों की फसल की बिजाई अब अगेती हो सकेगी। अगेती खेती करने के लिए हुई बरसात नमी के एतबार से बेहद कारगर है। नूंह जिला सरसों उत्पादन तथा बिजाई में सूबे में दूसरा स्थान रखता हए। सिंचाई के पर्याप्त साधन इस जिले में नहीं होने के कारण किसान बरसात पर आधारित है। बरसात के बाद किसानों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है। डीजल के साथ - साथ समय और धन की बचत भी बरसात से हुई है। इस बार नूंह जिले में 696 एमएम बरसात हुई है। कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार तोमर के मुताबिक यह सामान्य बरसात है , लेकिन पिछले तीन - चार दिनों में हुई बरसात बहुत ही सही समय पर हुई है। बरसात से गर्मी से छुटकारा मिल चुका है। मौसम भी फसलों के लिए ही नहीं बल्कि इंसान के लिए भी खुशगवार बना हुआ है। बात अगर चना या मसूर यानि दल्हन - तिलहन की फसलों की करें तो इस बार बरसात की वजह से उसका रकबा बढ़ेगा। देशी 306 किस्म का गेंहू भी नूंह जिले में काफी क्षेत्र में बिजाई किया जाता है। उसकी बिजाई अगले माह अक्टूबर में होगी। कुल मिलाकर कुदरत ने मायूसी झेल रहे किसान को बरसात के रूप में सोना बरसाकर बड़ी राहत दी है।
बाइट;- किसान
बाइट ;- अजय कुमार तोमर एसडीओ कृषि विभाग
संववददाता कासिम खान नूंह मेवात

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