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नूंह जिला सचिवालय में NDRF की टीम ने की मॉक ड्रिल, आपातकालीन व्यवस्थाओं को परखा

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Published : May 5, 2023, 3:00 PM IST

नूंह जिला सचिवालय में शुक्रवार को एनडीआरएफ की टीम ने मॉक ड्रिल (mock drill in nuh) की. इस दौरान टीम ने आपातकालीन स्थिति में विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल के साथ ही सुरक्षा के उपायों के बारे भी बताया.

mock drill in nuh
नूंह जिला सचिवालय में की गई मॉक ड्रिल

नूंह: एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखने के लिए शुक्रवार को नूंह में मॉक ड्रिल की. कमांडेंट विपिन कुमार तिवारी के मार्गदर्शन और एडीसी रेणु सोगन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. जिला सचिवालय नूंह में मॉक ड्रिल के दौरान भूकंप आपदा के दौरान विभिन्न विभागों में बेहतर तालमेल स्थापित कर संयुक्त अभ्यास किया गया. मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के साथ ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया था.

जिला सचिवालय में मॉक ड्रिल शुक्रवार सुबह 11 बजे आपातकालीन घंटी बजने के साथ शुरू हुई थी. इस दौरान सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भूकंप आने की सूचना दी गई और उसके बाद बचाव व राहत कार्य करने का अभ्यास किया गया. एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर विपिन कुमार तिवारी के नेतृत्व में 25 बचावकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत ही बचाव और राहत कार्य शुरू किया.

पढ़ें :आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रेवाड़ी जंक्शन पर किया गया मॉक ड्रिल

कुछ लोगों के बिल्डिंग के ऊपरी मंजिल में फंसे होने की जानकारी पर एनडीआरएफ की टीम ने रोप तकनीक का इस्तेमाल कर बिल्डिंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. इस दौरान महिला, बच्चा सहित आधा दर्जन लोगों को सुरक्षित बचाया गया. मॉक ड्रिल के दौरान कई कर्मचारियों को बिल्डिंग से सुरक्षाकर्मियों ने गोद में बैठाकर सीढ़ियों से नीचे उतारा और एंबुलेंस में बैठाने तक की प्रैक्टिस की गई. आमजन की आवाजाही के बीच यह मॉक ड्रिल पूरी की गई.

नूंह में मॉक ड्रिल कर व्यवस्थाओं को परखा

मॉक ड्रिल कर व्यवस्थाओं को परखा:इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने बिल्डिंग में फंसे हुए लोगों को दीवार काटकर बाहर निकालने के साथ ही टेबल के नीचे छुपने का डेमो भी दिखाया. इंस्पेक्टर विपिन कुमार तिवारी ने बताया कि नूंह में मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा की स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों से अवगत करवाया गया है. जिससे भविष्य में आपदा के समय नुकसान को कम कर लोगों को बचाया जा सके.

इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी लोगों को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करना होगा. उन्होंने कहा कि नूंह जिला भूकंप जोन 4 में आता है. एनडीआरएफ की टीम पिछले 15 दिन से बठिंडा पंजाब से आई हुई है. टीम ने स्कूलों के साथ ही गांवों में जाकर लोगों को भूकंप के बारे में जागरूक किया है. एडीसी रेणु सोगन ने कहा कि इस मॉक ड्रिल में 7.5 रिक्टर पैमाने का भूकंप दर्शाया गया था. सुबह 11 बजे सायरन बजते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया.

भूकंप आने पर क्या करें: इस पैमाने पर भूकंप आने पर क्या नुकसान हो सकता है, इसको ध्यान में रखते हुए यह मॉक ड्रिल की गई थी. उन्होंने कहा कि इस तरह की आपदा में लोग सबसे बड़ी गलती लिफ्ट का इस्तेमाल कर करते हैं. उन्होंने बताया गया कि ऐसे हालात में कभी भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करें. हमेशा सीढ़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए और भूकंप आते ही बहुमंजिला इमारतों से तुरंत बाहर आ जाना चाहिए और मैदान में दूर जाकर खड़े होना चाहिए.

पढ़ें :नूंह: मॉक ड्रिल में एकजुट होकर पुलिस ने बचाई 15 लोगों की जान

यदि बिल्डिंग में हो तो किसी टेबल के नीचे बैठ जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की सभी टीमों ने एनडीआरएफ के साथ तालमेल मिलाते हुए अपना योगदान दिया है. नूंह में मॉक ड्रिल के दौरान फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस जैसी आपातकालीन व्यवस्थाओं के इंतजाम दुरुस्त पाए गए. एडीसी ने बताया कि नूंह में मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस व प्रशासन के बीच आपसी समन्वय नजर आया और भविष्य में किसी आपदा से निपटने में आज की तैयारी के अनुभव का लाभ मिलेगा.

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