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सर्दी में दुधारू पशुओं का कैसे रखें ख्याल, थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 10, 2023, 8:00 PM IST

Updated : Dec 10, 2023, 9:35 PM IST

Winter Dairy Cattle Care: सर्दियां बढ़ते ही दुधारू पशुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ज्यादा सर्दी की वजह से पशु जल्दी बीमार हो जाते हैं. पशुपालकों को सर्दी में दुधारू पशुओं की देखभाल करने में ज्यादा समस्याएं आती हैं. इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए ईटीवी भारत ने पशु चिकित्सक डॉ. तरसेम राणा से बातचीत की है.

Winter Dairy Cattle Care
सर्दी में दुधारू पशुओं का कैसे रखें ख्याल

सर्दी में दुधारू पशुओं का रखें ख्याल

करनाल:सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. जिसके चलते आमजन से लेकर पशुओं तक हर किसी को सर्दी से बचना जरूरी है. हरियाणा की बात करें तो राज्य में ज्यादातर पशुपालक और किसान वर्ग है. जिसके चलते सर्दियों में पशुओं की सही से देखभाल करना पशुपालकों के लिए थोड़ा चिंताजनक जरूर रहता है. अगर सर्दी के मौसम में पशुओं की सही से देखभाल न की जाए तो इसका असर दूध उत्पादन पर भी पड़ सकता है. जबकि छोटे पशु सर्दी की चपेट में बीमार हो सकते हैं. सर्दी ज्यादा लगने से पशुओं की मौत तक हो जाती है. इसलिए सर्दियों के दिनों में पशुओं का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. इन दिनों पशुपालक कैसे अपने पशुओं को सुरक्षित रख सकते हैं ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने पशु चिकित्सक डॉ. तरसेम राणा से बातचीत की है.

सर्दियों में पशुओं के चारे का रखें ख्याल:जिला करनाल के पशु चिकित्सक डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में पशुओं के लिए सर्दी से बचाने के लिए सबसे जरूरी पशुओं की डायट होती है. उन्होंने बताया कि पशुओं को जो खाने में दे रहे हैं, वह सही और उचित मात्रा में दिया जाए. ताकि पशुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो.

पशुओं के स्वास्थ्य की करें सुरक्षा

'सर्दियों में हरे चारे की मात्रा रखें कम': डॉ. राणा का कहना है कि सर्दियों के मौसम में हरा चारा भरपूर मात्रा में पशु पालको के पास होता है, जिसके चलते वह हरे चारे की मात्रा बढ़ा देते हैं. जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. क्योंकि हरे चारे बरसीम में 80% तक पानी होता है जिसके कारण पशुओं को सर्दी लगने के आसार बढ़ जाते हैं. पशुओं को चारा देते समय हरे चारे में 25 से 50% तक सूखा चारा प्रयोग करना चाहिए. जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.

फीड या दाना में मिनरल करें प्रयोग:पशु चिकित्सक ने जानकारी देते हुए बताया कि पशुओं को हम फीड या दाना देते हैं, उसकी मात्रा भी हमें निर्धारित करनी चाहिए. साथ ही हमें यह देखना चाहिए कि सर्दियों के मौसम में जो फीड गर्म होती है उसका ही प्रयोग करना चाहिए. विशेष तौर पर हमें ऐसे फीड और दाने का प्रयोग करना चाहिए जिसमें मिनरल मिले हुए हो. इसे पशुओं की इम्युनिटी तेज होती है.

सर्दी में दुधारू पशुओं का रखें खास ख्याल

सर्दियों में सरसों की फीड है खतरनाक: डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि सरसों की फीड भूलकर भी पशुओं को नहीं देनी चाहिए. क्योंकि वह ठंडी होती है. जिसके चलते पशु में ठंड लगने के आसार बढ़ जाते हैं. वहीं सर्दियों में देसी गुड़ एक देसी नुकसा है जिसे पशुपालक अपने पशुओं को सर्दी बचा सकते हैं. क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है, जो सर्दी से बचाने में अहम योगदान देता है. साथ ही दुधारू पशुओं के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है.

पशुओं में सर्दी के लक्षण की ऐसे करें पहचान:पशु चिकित्सक ने बताया कि सर्दी लगने से सबसे पहला असर दुधारू पशुओं पर होता है. दुधारू पशुओं के दूध देने की क्षमता कम हो जाती है और दूध का उत्पादन कम हो जाता है. ऐसे में पशुपालक हिसाब लगा सकता है कि उनके पशु को सर्दी लग गई है. दूसरा सर्दी लगने के बाद पशु का गोबर पतला हो जाता है.अगर दुधारू पशु को सर्दी लग जाए तो उसका 50% तक दूध उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में जिस भी पशुपालक को ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वह पशु चिकित्सक से संपर्क करें और अपने पशु का इलाज कराये.

पशुओं को सर्दी से बचाने के लिए खिलाए सूखा भूसा

सर्दियों में पशुओं की हो सकती है मौत:पशु चिकित्सक ने कहा कि सर्दी इतनी खतरनाक होती है कि कई बार तो छोटे बच्चों से लेकर बड़े पशु तक की सर्दी के कारण मौत हो जाती है. जिसके चलते पशुओं की देखभाल करनी आवश्यक है. सर्दियों में ज्यादातर छोटे पशुओं की मौत होती है. क्योंकि छोटे पशुओं को सर्दी काफी जल्दी लगती है.

पशुओं को सर्दी से बचाने के उपाय: पशुशाला के दरवाजे खिड़कियां और अन्य खुले स्थान पर रात के समय बोरी, तिरपाल को टांगना चाहिए. रात के वक्त पर पशुशाला के फर्श पर पराली या भूसा बिछाएं ताकि फर्श से लगने वाली ठंड पशुओं को ना लग सके.पशुशाला का फर्श ढलान युक्त होना चाहिए ताकि पशुओं का मूत्र बहकर निकल जाए और बिछावन सूखा बना रहे. पशुओं को दिन के वक्त धूप में छोड़ें इससे पशुशाला का फर्श अथवा जमीन सूख जाएगी. पशु को ताजा और स्वच्छ पानी ही पिलाएं जो अधिक ठंडा ना हो.

पशुओं को सर्दी से ऐसे बचाएं

पशुओं के स्वास्थ्य की करें सुरक्षा: डॉक्टर राणा के मुताबिक पशुओं को समय-समय पर रोग निरोधक टीके लगवाए. बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें. इसके अलावा पशु चिकित्सक द्वारा इलाज कराएं. पशुओं को आंतरिक परजीवियों से बचाने के लिए समय-समय पर पशु चिकित्सक की सलाह पर क्रीमी नाशक दवा देनी चाहिए.

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Last Updated : Dec 10, 2023, 9:35 PM IST

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