हरियाणा

haryana

करनाल के सरकारी अस्पताल में दवाइयों की कमी, मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं महंगी दवाइयां

By

Published : Feb 21, 2023, 2:18 PM IST

Karnal latest news Karnal civil hospital Haryana government hospitals condition Health Minister Anil Vij

करनाल नागरिक अस्पताल में मरीजों को दवाइयां नहीं मिल रही है. इतना ही नहीं पहले मरीजों को लंबी कतारों में लगना पड़ता है. इसके बाद उन्हें बिना दवाई दिए ही बैरंग लौटा दिया जाता है. बुजुर्ग और महिलाएं भी कई घंटों तक कतारों में झूजते नजर आते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने करनाल अस्पताल के हालात का जायजा लिया. (Haryana government hospitals condition) (medicine shortage in karnal hospital)

ईटीवी भारत की टीम ने करनाल अस्पताल के हालात का जायजा लिया.

करनाल: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेशों के बावजूद नागरिक अस्पताल करनाल में दवाइयों के कमीशन का खेल लगातार जारी है. हालात यह है कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां सरकारी अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं है. जबकि स्वास्थ्य मंत्री इस संबंध में स्पष्ट आदेश दे चुके हैं कि सरकारी अस्पतालों से मरीजों को दवाइयां दी जाए. लोगों का आरोप है कि डॉक्टरों की मिलीभगत के चलते यह पूरा खेल चल रहा है. मरीजों को मजबूरी में बाजार से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं. बताया जा रहा है कि नागरिक अस्पताल करनाल में दवाइयों का पूरा स्टॉक है, इसके बावजूद मरीजों को दवाइयां नहीं दी जा रही है. जब इस संबंध में ईटीवी ने करनाल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी से बात की, तो उन्होंने इन अव्यवस्थाओं को जल्द ही सुधारने और बाहर की दवाइयां लिखने वाले डॉक्टरों पर एक्शन लेने की बात कही.

करनाल के सरकारी अस्पताल में मरीज दवाइयां लेने के लिए सुबह से लंबी कतारों में लगे रहते हैं. जब उनका नंबर आता है, तो उन्हें डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां में से एक या दो दवाई ही दी जाती है. मरीजों को बाकी की दवाई बाजार से खरीदने के लिए कह दिया जाता है. करनाल अस्पताल में लंबे समय से यह हालात बने हुए हैं. मजबूरी में मरीजों को बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है.

पढ़ें :हरियाणा बजट सत्र का दूसरा दिन: कांग्रेस ने विधानसभा तक निकाला पैदल मार्च

दवाइयों के लिए कतारों में लगे मरीजों ने बताया कि बाजार से महंगी दवाइयां खरीदने के कारण उन्हें सरकारी योजना या सरकारी अस्पताल का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है. बाजार से दवाइयां खरीद रहे गरीब मरीजों की जेब पर यह डाका डालने से कम नहीं है. मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर पर्ची पर अस्पताल की कम और बाहर की दवाइयां ज्यादा लिख रहे है. निजी अस्पतालों में महंगे इलाज से बचने के लिए लोग सरकारी अस्पताल में 5 रुपए में इलाज कराने आते हैं, लेकिन सस्ता इलाज का दावा महंगी दवाइयों के कारण एक मजाक बनकर रह गया है.

दवा वितरण खिड़की पर मरीज जब डॉक्टर की लिखी पर्ची देते हैं, तो कर्मचारी एक अलग पर्ची पर बाहर से लेने वाली दवाई लिख कर दे देते हैं. कई बार डॉक्टर की लिखी दवाई पर काटा लगाकर वापस मरीज को दे देते हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है. टीम ने अस्पताल परिसर में सुबह 11 बजे से 1 बजे तक लगभग दो दर्जन मरीजों से बातचीत की.

इस दौरान 20 मरीजों को बाहर से दवाई लेने को कहा गया. सरकारी अस्पताल में गरीब तबके के लोग अधिक आते हैं, जो बाहर से दवा लेने में सक्षम नहीं होते हैं. वह दवा ना मिलने पर कई बार बैरंग घर लौट जाते हैं. करनाल नागरिक अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. मरीजों की संख्या के अनुपात में दवा वितरण केंद्रों की संख्या कम है. बुजुर्गों के लिए अलग से व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में बुजुर्गों को भी दो से तीन घंटे तक लंबी कतारों में लगे रहना पड़ता है.

पढ़ें :SYL के मुद्दे पर बोले मनोहर लाल: 15 मार्च को SC में होने वाली सुनवाई से मसले का हल निकलने की उम्मीद

इसके बाद जब वे किसी तरह दवा खिड़की तक पहुंचते हैं, तो उन्हें दवा बाहर से लेने की सलाह दे दी जाती है. दवा लेने के लिए कतार में लगे अधेड़ उम्र के मरीजों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि यहां पर अव्यवस्था का आलम है. सीनियर सिटीजन के लिए अलग से कोई लाइन तक नहीं बनाई गई है और ना ही कोई गार्ड मौजूद रहता है, जो कतार की व्यवस्था बनाए रखें.

करनाल नागरिक अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी रेणु चावला को जब इन हालात के बारे में अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इन अव्यवस्थाओं को दूर करेंगी. उन्होंने दवा वितरण केंद्र के काउंटर की संख्या बढ़ाने के साथ ही सीनियर सीटिजन के लिए अलग से काउंटर बनाने की भी बात कही. इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल में आने वाले मरीजों को सभी दवाइयां अस्पताल से ही दी जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details