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कैथल नागरिक अस्पताल में दवाइयों की कमी, मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं महंगी दवाइयां

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Published : Apr 18, 2023, 6:24 PM IST

कैथाल नागरिक अस्पताल में दवाइयों की कमी के कारण इन दिनों मरीजों को पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी अस्पताल में दवाई नहीं मिलने के कारण मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही है. (Lack of medicines in Kaithal government hospital)

Lack of medicines in Kaithal government hospital
कैथल के सरकारी अस्पताल में दवाइयों की कमी से मरीज परेशान.

कैथल: प्रदेश की जनता को हॉस्पिटल में ज्यादा परेशानी न हो इसके लिए सरकार की ओर से कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. लेकिन, कैथल नागरिक अस्पताल में दवाइयां नहीं मिलने से मरीज परेशान हैं. इतना ही नहीं पहले मरीजों को लंबी कतारों में लगना पड़ता है. इसके बाद उन्हें बिना दवाई दिए ही लौटा दिया जाता है. बुजुर्ग और महिलाएं भी कई घंटों तक कतारों में नजर आते हैं.

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेशों के बावजूद नागरिक अस्पताल में दवाइयों के कमीशन का खेल लगातार जारी है. हालत यह है कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां सरकारी अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री इस संबंध में स्पष्ट आदेश दे चुके हैं कि सरकारी अस्पतालों से मरीजों की दवाइयां दी जाए. लोगों का आरोप है कि डॉक्टरों की मिलीभगत के चलते यह पूरा खेल चल रहा है. मरीजों को मजबूरी में बाजार से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है.

मरीजों का कहना है कि डॉक्टर द्वारा लिखी पर्ची को लेकर वे लाइन में लगे रहते हैं. लेकिन, नंबर आने पर पता लगता है, एक या दो दवा ही मिलेगी. अन्य दवा बाहर से खरीदनी पड़ेगी. मरीजों का कहना है कि बाहर दवा काफी महंगी होती है. रुपए नहीं होने के कारण उन्हें दवा लेने के लिए दोबारा अस्पताल आना पड़ता है. मरीजों ने दवा मुहैया कराने की मांग की है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों के लिए दवाओं का स्टॉक भेजा जाता है. मेडिकल कॉलेज में कुछ जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म हो चुका है. डॉक्टर जांच करने के बाद दवा लिख देते हैं और मरीजों को ओपीडी हाल में बने काउंटर से दवा लेने को कहते हैं. वहां पर काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब नंबर आता है तो कुछ दवाएं ही मिल पाती हैं. कर्मचारी शेष दवा बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदने को कहते हैं.

बता दें कि अस्पताल के बाहर मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना बोर्ड का लगाया गया है लेकिन हकीकत में इलाज फ्री नहीं है. दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है जो काफी महंगी होती है. मरीजों का कहना है कि दवा सरकार ने मुफ्त इलाज योजना को शुरू किया हुआ है तो कॉलेज में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाना चाहिए. ताकि मरीजों को इसका फायदा भी मिल सके, लेकिन, कॉलेज प्रशासन द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा.

वहीं, सरकारी अस्पताल में दवाइयां मिलने को लेकर जब पीएमओ डॉक्टर सचिन से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में हम पहले भी दो बार लेटर लिख चुके हैं. उन्होंने कहा कि स्टॉक नहीं होने के कारण मरीजों को दवाइयां नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि जल्द ही कैथल सरकारी हॉस्पिटल में दवाइयों का स्टॉक आने वाला है. स्टॉक आते ही मरीजों की परेशानी खत्म हो जाएगी. इसके सात ही उन्होंने डॉक्टरों को भी निर्देश दिया है कि मरीजों के लिए वहीं दवाई लिखें जो सरकारी हॉस्पिटल में उपलब्ध हो.

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