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हरियाणा में OPS आंदोलन: चुनाव से पहले पुरानी पेंशन स्कीम पर घिरी बीजेपी सरकार, कर्मचारियों ने किया नये आंदोलन का ऐलान

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Published : May 27, 2023, 1:52 PM IST

विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा की बीजेपी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है. हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की मांग कर्मचारी काफी पहले से कर रहे हैं. पिछले कई चुनावों में ओपीएस बीजेपी के लिए मुसीबत बन चुका है. अब एक और राज्य में सरकार संकट में आ गई है.

OPS Sankalp Cycle Yatra
OPS movement in Haryana

चंडीगढ़: हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए बनी संघर्ष समिति ने नये आंदोलन का ऐलान कर दिया है. ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की मांग पूरी ना होने के चलते समिति पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज करने जा रही है. पेंशन बहाली संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने इसी सिलसिले में चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पूरे प्रदेश में साइकिल यात्रा निकालने की जानकारी दी.

दुष्यंत चौटाला पर कर्मचारियों का निशाना-पेंशन बहाली संघर्ष समिति के अध्यक्ष बिजेंद्र धालीवाल का कहना है कि उनकी सरकार के साथ कई बार बातचीत हुई. इसके बाद मुख्य सचिव हरियाणा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई. इस कमेटी के सामने समिति की तरफ से अपनी रिपोर्ट भी पेश की गई. अभी तक सरकार इस पर कुछ भी साफ-साफ नहीं बता रही है. धालीवाल ने कहा कि डिप्टी सीएम का हाल ही में बयान आया था कि पुरानी पेंशन की बहाली के लिए संविधान में संशोधन करना होगा, जबकि ऐसा करने के लिए संविधान में संसोधन की आवश्यकता नहीं है.

कर्मचारी निकालेंगे पूरे प्रदेश में साइकिल यात्रा- अब पेंशन बहाली संघर्ष सीमित की तरफ से अपनी मांग को पूरा करने के लिए 2 जून से ओपीएस संकल्प साइकिल यात्रा का ऐलान किया गया है. ये साइकिल यात्रा नांगल चौधरी से शुरु होगी और 23 जून तक जारी रहेगी. समिति अध्यक्ष धालीवाल ने बताया कि 23 जून को संघर्ष समिति हरियाणा के राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपेगी. पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

कर्मचारियों की साइकिल यात्रा का रूट प्लान.

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वोट फॉर ओपीएस का नारा- बिजेंद्र धालीवाल का कहना है कि दुष्यंत चौटाला ने चुनावी मेनिफेस्टो में भी पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था. उन्होंने ये भी कहा कि जो भी पार्टी हमें ओपीएस देगी या इसको बहाल करने का वादा करेगी, कर्मचारी उसी का चुनाव में साथ देंगे. हमारा नारा वोट फॉर ओपीएस है. जो भी दल ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का दावा कर रहे हैं वो सत्ता में वापस आने के बाद का है. लेकिन राज्य सरकार के पास अभी भी 1 साल का वक्त है, वो चाहे तो हमारी मांग मान सकते हैं.

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि साइकल यात्रा में हमारी संघर्ष समिति के तमाम पदाधिकार चलेंगे. जिन-जिन जिलों से ये यात्रा गुजरती जाएगी, हमारे साथी इसमें जुड़ते जायेंगे. साईकिल यात्रा में शामिल होने के लिए छुट्टी भी लेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हमारी वजह से आम आदमी का काम प्रभावित ना हो.

ओपीएस संकल्प साईकिल यात्रा का रूट प्लान-पंशन बहाली संघर्ष समिति ने अपनी साइकिल यात्रा का रूट प्लान भी जारी कर दिया है. ये यात्रा 2 जून को नांगल चौधरी से शुरू होगी. इसके बाद रेवाड़ी में रात का ठहराव करेगी. 3 जून को रेवाड़ी से चलेगी, 4 जून नूंह से, 5 जून को पलवल, 6 जून को फरीदाबाद, 7 जून को गुरुग्राम, 8 जून को झज्जर, 9 जून को रोहतक, 10 जून को दादरी, 11 जून को भिवानी, 12 जून को हिसार, 13 जून को सिरसा, 14 जून को भूना, 15 जून को कैथल, 16 जून को जींद 17 जून को सोनीपत, 18 जून को पानीपत, 19 जून को करनाल, 20 जून को कुरुक्षेत्र, 21 जून को यमुनानगर, 22 जून को अंबाला और उसके बाद 23 जून को यात्रा पंचकूला पहुंचते हुए राजभवन पहुंचेगी. इस दिन कर्मचारी राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौंपेंगे.

बीजेपी ने कई राज्य में गंवाई सत्ता- ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा पिछले कई चुनावों में बीजेपी सरकार के लिए भारी पड़ चुका है. हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में भी बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई. इनमें से एक बड़ी वजह ओपीएस का मुद्दा माना जा रहा है. हरियाणा में ओपीएस आंदोलन अब एक बार फिर सरका के लिए संकट बन चुका है. हरियाणा में भी बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी हैं. कर्मचारियों ने जब आंदोलन शुरू किया तो सरकार ने एक समिति बनाकर इस पर विचार करने का ऐलान किया लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई. यही वजह है कि कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं. कांग्रेस की तरफ से भूपेंद्र हुड्डा पहले ही वादा कर चुके हैं कि अगर उनकी सरकार आई तो ओपीएस लागू करेंगे.

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