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पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने की है खास तैयारी, ऐसे रखी जाएगी नजर

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Published : Oct 7, 2021, 4:10 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 7:45 PM IST

haryana stubble burning scheme

हरियाणा में फसल कटने के बाद पराली को (haryana stubble burning) लेकर चर्चा शुरू हो जाती है. हरियाणा सरकार ने इस बार रिमोट सेंसिंग लाइव लोकेशन सिस्टम के जरिए स्टबल बर्निंग (पराली जलाने) रोकने की योजना बनाई है.

चंडीगढ़: हर साल खेतों में पराली जलने (haryana stubble burning) की वजह से प्रदूषण में काफी इजाफा हो जाता है और एयर क्वालिटी इंडेक्स भी काफी बढ़ जाता है. खासतौर पर सर्दियों में हवा में धुआं काफी दिखाई देता है. यहां तक कि दिल्ली सरकार भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का आरोप हरियाणा पर लगा देती है. इस बार हरियाणा सरकार ने स्टबल बर्निंग (पराली जलाना) को रोकने के लिए एक बार फिर कमर कस ली है. सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं ताकि खेतों में पराली जाने वाले किसानों को ऐसा करने से रोका जा सके.

इस बारे में हमने हरियाणा कृषि विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. सुमिता मिश्रा से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकार किसानों के लिए सहायता और सहयोग के लक्ष्य के साथ चल रही है. सरकार स्टबल बर्निंग रोकने के लिए किसानों की सहायता भी करेगी और उन्हें सहयोग भी करेगी. इसके लिए सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरू किए हैं ताकि स्टबल बर्निंग को रोका जा सके और किसानों को भी से कोई नुकसान ना हो.

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उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए 2 तरीके अपनाती है जिनमें से एक तरीका है पराली का मौके पर निष्पादन करना और दूसरा तरीका है पराली को खेत से उठाकर फैक्ट्री में पहुंचाना. जहां पर उससे अन्य चीजें बनाई जा सके. सरकार ज्यादातर मौके पर ही निष्पादन की प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है क्योंकि हरियाणा में 57 फीसदी इलाके में बासमती लगाई जाती है और बासमती की पराली का मौके पर ही निष्पादन करना आसान है. इसके लिए अगर किसान मशीनें लेता है तो सरकार उसे 50 फीसदी और अगर कोई अन्य व्यक्ति इस काम के लिए मशीनें लेता है तो उसे 80 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है.

दिल्ली सरकार के द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि इन आरोपों में सच्चाई नहीं है. प्रदूषण का आरोप किसानों पर लगाना बेहद आसान है क्योंकि किसान इसके बदले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते, लेकिन हरियाणा में पराली जलाने के मामले बेहद कम हो गए हैं. अगर पड़ोसी राज्य पंजाब की बात की जाए तो पंजाब में हरियाणा से कई गुना मामले सामने आते हैं. इस सीजन की बात की जाए तो हरियाणा में पराली जलाने के करीब 25 मामले सामने आए हैं जबकि पंजाब में ऐसे करीब 250 मामले सामने आ चुके हैं.

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डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि हालांकि सरकार किसानों का हर तरह से सहयोग कर रही है, लेकिन फिर भी कोई किसान नियमों का उल्लंघन करता है और यह सोचता है कि सरकार को पता नहीं चलेगा तो वह गलत है. क्योंकि सरकार इस बार रिमोट सेंसिंग सिस्टम के जरिए जमीन को ट्रैक कर रही है. प्रदेश में अगर कोई किसान कहीं पर भी पराली जलाएगा तो सरकार को तुरंत उसका पता चल जाएगा. ऐसे में सरकार उस किसान पर 5 हजार तक का जुर्माना लगाएगी और अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. सरकार किसानों को दंड देने के लिए नहीं है बल्कि वह किसानों का सहयोग करने के लिए है. इसलिए हम उम्मीद करते हैं किसान भी सरकार का सहयोग करेंगे.

Last Updated :Oct 19, 2021, 7:45 PM IST

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