हरियाणा

haryana

हरियाणा में चरम पर 'कास्ट पॉलिटिक्स', आखिर क्या है सत्ता हासिल करने का मैजिक फॉर्मूला ?

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 2, 2023, 9:45 PM IST

Haryana Caste Politics : 2024 के लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अभी से सियासी जंग की शुरुआत हो चुकी है. सभी पार्टियां अभी से अपने अपने समीकरणों को साधने में जुटी है. जहां पार्टियां लोगों से जुड़े मुद्दे उठा रही है तो वहीं जातीय समीकरण भी साधने में लगी हुई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो पार्टियां 2024 के 'रण' को हर कीमत पर जीतना चाहती है.

Haryana Caste Politics bjp congress jjp aap inld loksabha election 2024 Haryana assembly election 2024 Vote for Haryana
हरियाणा में चरम पर 'कास्ट पॉलिटिक्स'

चंडीगढ़ : अगले साल हरियाणा में ट्रिपल इलेक्शन है. ट्रिपल इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव. ऐसे में राज्य की पार्टियों ने अभी से कमर कस ली है. चुनावी जंग की शुरुआत हो चुकी है. हरियाणा में जहां अभी से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है तो वहीं पार्टियां साम-दाम-दंड-भेद अपनाकर हर हाल में पब्लिक को अपने पाले में लाना चाहती है.

जाति की जंग :हरियाणा में इस वक्त कास्ट पॉलिटिक्स भी चरम पर है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिछले दिनों चार जातियों के डिप्टी सीएम बनाने की बात बोल चुके हैं. वहीं बीजेपी ने भी पिछले दिनों पार्टी में बड़ा फेरबदल करते हुए ओबीसी वर्ग से आने वाले नेता नायब सिंह सैनी को नया बीजेपी चीफ नियुक्त किया है. इधर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने भी पिछले दिनों जाति का दांव खेलते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो दो डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे. एक ओबीसी वर्ग से तो दूसरा एससी वर्ग से डिप्टी सीएम बनाया जाएगा.

क्या है जातीय वोट का समीकरण ? :ऐसे में ये जानना जरूरी है कि हरियाणा का जातीय समीकरण आखिर क्या है ?. आखिर हरियाणा की सभी पार्टियां अभी से इस बार जातीय समीकरणों को साधने में क्यों जुटी है ?. क्या सत्ता पाने की लालसा तभी पूरी हो सकेगी, जब हरियाणा में जातियों को साधा जाएगा ? अगर हरियाणा के जातीय समीकरण की बात की जाए तो हरियाणा में जाट वोट 17 से 18 फीसदी है. जबकि ब्राह्मण, पंजाबी और बनिया समाज का वोट 29 से 30 प्रतिशत है. पिछड़ा वर्ग की बात करें तो ये वोट बैंक करीब 24 से 25 प्रतिशत है. वहीं एससी वर्ग का वोट प्रतिशत भी 20 फीसदी के करीब है.

ये भी पढ़ें :BC Factor in Haryana: हरियाणा में BC वोट के सहारे पार लगेगी बीजेपी की नैय्या, जानिए नायब सैनी के अध्यक्ष बनने से कितना होगा बीजेपी को फायदा

क्या बोलते हैं जानकार ? : वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि आज के दौर में सभी पार्टियां सत्ता की चाह में कोई भी कार्ड खेलने को तैयार है. इसके लिए उन्हें जो मुफीद लगता है, वो कर गुजरते हैं. वे कहते हैं कि इस बार हरियाणा में किसी भी पार्टी के लिए सत्ता में आना बड़ी चुनौती रहेगी क्योंकि कांटे की टक्कर होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बार मुकाबला दो तरफा नहीं, बल्कि बहुकोणीय होगा. कांग्रेस, बीजेपी, आम आदमी पार्टी जहां मैदान में होंगी, वहीं क्षेत्रीय पार्टी जननायक जनता पार्टी और इनेलो भी चुनावी फाइट में उतरेगी. ऐसे में हर जाति का वोट पार्टियों के लिए अहम हो जाता है. जिस जाति का जितना ज्यादा वोट बैंक, उसको उतना ज्यादा साधने के लिए पार्टियां हर संभव कोशिश करेंगी. इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार धर्मपाल धनखड़ कहते हैं कि हरियाणा में जातीय आधार पर मतदाताओं को खींचने की कोशिश कोई पहली बार नहीं हो रही है. ऐसा सभी दल करते हैं. बीजेपी भी जाट और नॉन जाट की राजनीति करती है. प्रदेश का मतदाता भी जाति से प्रभावित होता हुआ देखा गया है. इसी के चलते पार्टियां जातीय समीकरणों के हिसाब से अपने-अपने कार्ड खेल रही हैं.

क्या कहते हैं सियासी दल ? : भले ही सभी राजनीतिक दल जातीय समीकरणों को साधने में लगे हैं, लेकिन जब उनसे इस मुद्दे पर कोई सवाल किया जाता है तो वे इसे जातिवादी राजनीति का हिस्सा नहीं मानते. चार जातियों के डिप्टी सीएम बनाने के सवाल पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि उनका मकसद सभी जातियों को आगे बढ़ाना है. वही इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला कहते हैं कि उनकी पार्टी हमेशा से पिछड़ी जातियों के लोगों को आगे बढ़ाने का काम करती रही है. इधर जातिवादी राजनीति को लेकर हरियाणा के सीएम कहते हैं कि वे प्रदेश से '4 C' को मिटाना चाहते हैं जिसमें कांग्रेस, क्राइम, कास्ट बेस्ड राजनीति और करप्शन शामिल हैं. वे कहते हैं कि सरकार की नज़र में बस दो ही जातियां हैं एक अमीर और एक गरीब. वहीं आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा कहते हैं कि आम आदमी पार्टी जात-पात की राजनीति नहीं करती है. हम काम की राजनीति करते हैं.

ये भी पढ़ें :सम्राट मिहिर भोज गुर्जर हैं या राजपूत, विवाद राजनीतिक है या सामाजिक ?

ABOUT THE AUTHOR

...view details